लगातार चार दिन चार रात से मुरैना की बिजली गोल , सूचना के अधिकार के आवेदन से झल्लाये बिजली वाले और बौखलायी बिजली कंपनी

 कल दिया गया सूचना का अधिकार का आवेदन 

आवेदन अंतर्गत धारा  6 , सूचना का अधिकार अधिनियम 2005

Through E Mail And By Speed Post

Signaured Copy is Enclosed Here As attachment

 

प्रति ,

        लोक सूचना अधिकारी

     महाप्रबंधक कार्यालय

     मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि0

     मुरैना म प्र

 

          (NOTE  : आवेदक न्यायबंधु है तथा विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नेशनल लीगल सर्विसेज एक्ट 1987 ( नालसा) के तहत प्रोबोनो लीगल सर्विसेज का अधिकृत , मान्यता प्राप्त व सूचीबद्ध एडवाकेट होकर , सभी प्रकार के न्याय शुल्क एवं अन्य प्रभारों से पूर्णत: मुक्त है ) 

 

विषय : न्यायालयीन उपयोग हेतु मुझ अधोहस्ताक्षर कर्ता नरेन्द्र सिंह तोमर एडवोकेट को निम्न जानकारीयों की जनहित में याचिका प्रस्तुत करने हेतु आवश्यकता है, कृपया आवश्यक जानकारीयां मय दस्तावेजात प्रमाणित प्रतियों में उपलब्ध करायें , यदि जानकारी दस पृष्ठ से अधिक है तो अधिनयम व नियमों के प्रावधानानुसार प्रमाणित डी वी डी  या सी डी उपलब्ध करायें ।

 

महोदय/ महोदया ,

 

      उपरोक्त विघयान्तर्गत कृपया निम्न बिन्दुओं पर मुझे सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत माह अप्रेल वर्ष सन 2000 तक की ( अधिनियम के प्रावधानानुसार आज दिनांक से विगत 20 वर्ष तक की ) निम्न जानकारीयों की आवश्यकता है , कृपया उपलब्ध कराने का कष्ट करें ।

1 यह कि आवेदक नरेन्द्र सिंह तोमर , 42 गांधी कालोनी , मुरैना म प्र ने माह अप्रेल सन 2000 से आज दिनांक तक बिजली के संबंध में  विभिन्न स्तरों पर विभिन्न माध्यमों जिसमें व्यक्तिगत आवेदन उपस्थित होकर दिये गये , फयूज ऑफ कॉल रजिस्टर में दर्ज की गयी शिकायतें फोन कॉल माध्यम से दिये गये ,आनलाइन विभन्न पोर्टलों पर दर्ज कराये गये और ई मेल आदि के माध्यम से भेजे गये पत्र , आवेदन और शिकायतें आदि की कुल संख्या कितनी है और यह किस किस विषय पर किस किस दिनांक को कितने कितने बजे पर दिये गये । सभी की इकजाई सूची के साथ सभी की प्रतिलिपि चाहिये ।

2. यह कि 42 गांधी कालोनी मुरैना में प्रथम विद्युत कनेक्शन किस दिनांक , माह एवं वर्ष में लिया गया और इसका मीटर क्रमांक क्या था , तथा यह कब किस दिनांक को तत्समय के म प्र विद्युत मंडल मुरैना द्वारा वापस लिया गया तथा इसकी अंतिम रीडिंग क्या थी । तथा इसका पहला एवं अंतिम बिल क्या था , सभी की प्रमाणित प्रति चाहिये ।

3. वर्तमान में 42 गांधी कालोनी मुरैना पर विद्युत कनेक्शन कब व किसके नाम से किस दिनांक , माह एवं वर्ष में लगाया गया तथा यह किस प्रकार का था और इसका आवेदन क्या था , इस आवेदन की प्रति चाहिये , तथा यह कनेक्शन कितने फेज का था , और कितने फेज का लगयाया गया , वर्तमान में कितने फेज पर यह चालू एवं संचालित है ।

4.  यह कि वर्तमान में 42 गांधी कालोनी मुरैना म.प्र पर संचालित विद्युत कनेक्शन का पहला विद्युत मीटर किस दिनांक को लगाया गया एवं उसकी अंतिम रीडिंग क्या थी । तथा इसका पहला एवं अंतिम बिल क्या था , सभी की प्रमाणित प्रति चाहिये । इस कनेक्शन पर दूसरा नवीन विद्युत मीटर कब और किस दिनांक को और किस स्थल पर लगाया गया , इस मीटर की अंतिम रीडिंग क्या थी और इसका पहला व अंतिम बिल क्या है , सभी की प्रमाणित प्रति चाहिये ।

5.  42 एवं 43 गांधी कालोनी मुरैना को सप्लाई की जाने वाली विद्युत ट्रांसफार्मर पोल पर से कुल कितने घरों में विद्युत कनेक्शन किस किसको दिये गये हैं उन सभी के नाम पते , कनेक्शन क्रमांक व कनेक्शन दिनांक जिसमें पहला कनेक्शन दिनांक मय माह एवं वर्ष तथा अंतिम व वर्तमान कनेक्शन दिनांक , माह व वर्ष तथा उनके पहले व वर्तमान विद्युत कनेक्शनों के आवेदन की प्रति तथा उनके पहले व अंतिम बिजली बिलों की प्रति की प्रमाणित प्रतियां चाहिये ।

6.  गांधी कालोनी मुरैना के कुल कितने घरों में आकलित खपत के बिल भेजे जाते हैं उन सभी के पहले व अंतिम बिजली  बिलों की प्रमाणित प्रतियां चाहियें तथा उनका प्रथम कनेक्शन आवेदन व वर्तमान कनेक्शन आवेदन सभी की प्रमाणित प्रतियां चाहिये । गांधी कालोनी क्षेत्र में कुल कितने बिजली मीटर खराब हैं या हें ही नहीं उनकी संख्या क्या है एवं मीटर रीडर द्वारा उनकी खराब होने या न होने की रिपोर्ट कब कब कितने दिन के भीतर दी गयी और कितने दिन के भीतर खराब मीटर बदले गये । सभी रिपोर्टों की सन 2001 से आज दिनांक तक की प्रमाणित प्रति चाहिये ।

7.  कुल कितने बिजली पोल से मुरेना नगर निगम क्षेत्र में बिजली पोल ट्रांसफार्मर पर 5 से कम घरेलू उपभोक्ताओं या व्यावसायिक उपभोक्ताओं से कम कनेक्शन हैं और कितने पर 5 से अधिक ऐसे उपभोक्ताओं के कनेक्शन हैं , तथा कितने उपभोक्ता बिना तय कनेक्शन संख्या  वाले बिजली पोल ट्रांसफार्मरों से जुड़े हैं और उनके बिल निर्धारण का क्राइटीरिया व तरीका क्या है । नगरनिगम क्षेत्र में कुल कितने बिजली मीटर खराब हैं या हैं ही नहीं उनकी संख्या क्या है एवं मीटर रीडर द्वारा उनकी खराब होने या न होने की रिपोर्ट कब कब कितने दिन के भीतर दी गयी और कितने दिन के भीतर खराब मीटर बदले गये ।

8.  उपभोक्ताओं घरेलू एवं व्यावसायिक दोनों का ही लोड टेस्टिंग का क्राइटीरिया क्या है और वैधानिक आधार क्या है , एवं किस मशीन या उपकरण का उपयोग लोड टेस्टर के लिये क्या जाता है , तथा ऐसी मशीनें व उपकरण कितनी संख्या में मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की मुरैना शाखा के पास उपलब्ध हैं एवं कब कब कितने कितने मुल्य में कहां से खरीदीं गयीं , इनके टेंडर व कब किसको किये गये , इन टेंडरों की प्रमाणित प्रति चाहिये और कुल उपलब्ध संख्या की प्रमाणित प्रतियां चाहियें ।

अस्तु उपरोक्तानुसार आवेदक इन सभी मामलों में हर प्रकार की न्यायालयीन व कानूनी कार्यवाही हेतु भारम सरकार के न्याय विभाग , विधि और न्याय मंत्रालय से सूचीबद्ध व अधिकृत होकर अत्यावश्यक और उचित  कार्यवाही व्यापक जनहित में करने जा रहा है । जिसके लिये उपरोक्त जानकारी की मय दस्तावेज प्रमाणित प्रतियों में  आवश्यकता है । तथा इस संबंध में प्रत्येक प्रकार के शुल्क , न्यायायिक शुल्क एवं अन्य प्रभारों से मुक्त है । देखें आनलाइन न्याय विभाग भारत सरकार का पोर्टल ।

 

दिनांक 24 मार्च 2021                        हस्ताक्षर डिजिटल एवं स्याही में ( दोनों में )  मय सील

  नरेन्द्र सिंह तोमर

एडवोकेट

Narendra Singh Tomar

Advocate ( M.P. High Court – Gwalior Bench)

Attorney For Trade Marks , Copy Rights, Patents and Designs.

Nyaya Bandhu  ( Probono Legal Services Under NALSA )

42 , Gandhi Colony – Morena – M.P.

       Mobile Numbers – 9425738101  & 7000998037  



केवल आधी Gandhi Colony Morena में लगातार विगत चार दिन से की जा रही पूरे दिन रात की मैराथन बिजली कटौती के बाद  फिर आज भी अभी इस समय तक बिजली कटौती जारी है

नहीं करते बिजली कंपनियों के लोग बिजली बिल एडजस्ट , खुद करते हैं चोरी और करवाते हैं ले देर बिजली चोरी , एक डाक्टर ने अपने क्लिनिक में यहां लगवा रखा है, काफी समय से , दो बरस पहले से यानि सन 2018 से, वह बिजली की एक्सेस प्राडक्शन को बिजली कंपनी को हर रोज अनेक महीने तक सप्लाई करता रहा , मगर बिजली कंपनी ने उसे भुगतान करने के बजाय उल्टा उस पर दे दनादन बिल पर बिल भेज दिया , डाक्टर अपना माथा फोड़ता रह गया और बिजली वालों से उल्टे अपना बिल माफ कराने को चक्कर लगाता फिर , उसके बाद लाकडाउन में बिजली कंपनी वालों ने उसका बिल बिलासुर बनाकर अनाप-शनाप बिल दे दे कर बिलबिला दिया । 

सो कोई अब बिजली कंपनी को एक्सेस सप्लाई देगा यह तो चंबल में यह गलती कोई नहीं करेगा । अखबारों में जब उसकी खबर छपी तब लोगों को पता चली और एक नया कारनामा नयी कारिस्तानी लोगों को पता चली ।

हमारा या हमारे मोहल्ले का मामला जरा पेचीदा है, हमारे खंबे पर हमने अपने प्रयासों से एक एस ई से 25 के वी का ट्रांसफार्मर हटवा कर 63 के वी का लगवाया, उस समय एक सब इंजीनियर जबरदस्ती उस पर 25 के वी का ही ट्रांसफार्मर रखवा रहा था, हमने फिर उसी वक्त एस ई से फोन पर बात की , एस ई ने हमसे कहा कि नहीं तोमर साहब वहां 63 के वी का ही ट्रांसफार्मर रखा जायेगा मैंने वहां 63 के वी का ही ट्रांसफार्मर मंजूर किया है और वही वहां रखा जायेगा । 

खैर उसके कुछ बरस बाद वह सब इंजीनियर यहीं मुरैना में ही एस ई बन गया , उसके बाद उसने वो अंधेरगर्दी मचाई कि 5 कनेक्शन वाले ट्रांसफार्मर पर यानि उस हमारे पोल पर केवल तीन कनेक्शन उपभोक्ताओं के और बाद बाकी दो पांइ़ट्स से एक तरफ का आधे मोहल्ले की सभी घरों की पूरी सप्लाई और दूसरे प्वाइंट पर आधी एक अलग गली की सप्लाई , मतलब डबल क्रॉस, यानि पोल के रीडिंग के हिसाब से तीन उपभोक्ताओं पर एवरेज बिलिंग और बाद बाकी मोहल्ले से भी हर घर से अलग-अलग एवरेज बिलिंग , मतलब खंबे और ट्रांसफार्मर की अनाप-शनाप कमाई अलग और बाकी मोहल्ले के हर घर से एवरेज और मीटर्ड बिल दोनों तरह की वसूली अलग । यानि बाकी मोहल्ले में 5 कनेक्शन वाला कोई ट्रांसफार्मर ही नहीं है , अब उनका पोल नंबर और ट्रांसफार्मर नंबर क्या कैलकुलेट किया जायेगा ये तो खुदा जाने , क्योंकि उनकी लाइन पोल ट्रांसफार्मर ही नहीं । ये हमने अपनी पी जी भारत सरकार के रिमांइडर में कल ही सब उल्लेख किया है । 

अब दिक्कत ये है कि बिजली कंपनी वाले सी एम हेल्पलाइन म प्र को कुछ समझते नहीं और लपक कर अर्जी फर्जी तरीके से शिकायतें क्लोज करा देते हैं , इसलिये हम अब सी एम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करते नहीं , मगर खुद म प्र शासन ही अपने आप ही मैपिंग कर खुद ही शिकायत हमारे नाम और नंबर से दर्ज कर देता है और शिकायत चलाता रहता है, अबकी बार सरकार बदल जाने से ही एम हेल्पलाइन कुछ सख्त और खतरनाक तरीके से चल और काम कर रही है, इसलिये वे समझते हैं कि हमने सी एम हेल्पलाइन पर शिकायत फिर दर्ज कर दी , और वे हमारे पोल जोन एरिया की बिजली काटते रहते हैं, हम हालांकि 3 फेज उपभोक्ता है मगर हमें कभी 3 फेज सप्लाई सन् 2010 से मिली ही नहीं केवल सिंगल फेज सप्लाई देते हैं और बिल 3 फेज का देते हैं , पहले तो कई साल तो इसी में ही लगा दिये कि तीनों फेजों को सिंगल फेज में जोड़कर 3 फेज सप्लाई बताते रहे, जब तक वह शिकायत गर्म रही तब तक यह नौटंकी दिखाते रहे , फिर 2010 के बाद क्लीयर कट सिंगल फेज सप्लाई ही चल रही है, खैर ये सारी बातें कल के रिमांइडर में हमने लिखी है, क्योंकि हम जानते हैं कि एक और अगली पी जी आयेगी तो सबके साथ अब सारा ही मसला खुलकर सामने आयेगा । समझे के बी कुछ , चोरों के पीछे मोर पड़े हैं, हम भी अबकी बार कसम खा के बैठै है , आर या पार

अंतर्रार्ष्टीय महिला दिवस म.प्र पर एक फिल्म , कैसे मना मध्यप्रदेश में महिला दिवस - देंखें फिल्म


 

सावधानी बरतें तो नहीं होगी गर्मी में वनो में आग दुर्घटना

 वातावरण का तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है, तापमान में वृद्धि के साथ वनों में आग दुर्घटनाओं की आशंका रहती है। महुआ तथा अन्य वनों उपज संग्रहण के लिए भी पेड़ों के नीचे गिरे पत्तों को नष्ट करने के लिए लापरवाही से आग का उपयोग किया जाता है। इससे कई बार बड़े वन क्षेत्र में आग का प्रकोप हो जाता है। आग लगने से हरे-भरे वृक्ष झाडि़यां तथा घास नष्ट हो जाती हैं। जंगली जानवरों को भी इससे हानि पहुंचती है। आग से अनमोल वनसंपदा नष्ट हो जाती है। आग लगने से मिट्टी की ऊपरी सतह कठोर हो जाती है तथा कई पोषक सूक्ष्म, जीव नष्ट हो जाते हैं। आग को वनों में फैलने से रोकने के लिए सावधानी रखना आवश्यक है। वनों उपज संग्रहण के लिए वनों में आग न जलायें, वनों में आग की सूचना मिलने पर तत्काल क्षेत्र के वन विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दें। सबके सहयोग से ही वनों को आग से बचाया जा सकता है।

परीक्षा में बोनस अंक के लिए मांगा रिकार्ड

 राज्य व राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में अव्वल रहे नियमित छात्र-छात्राओं को माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा परीक्षा में बोनस अंक दिए जाएंगे। इसमें राज्य स्तर के लिए 10 अंक व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए 20 अंक दिए जाते हैं। शिक्षा व जनजातीय विभाग के खेल अफसरों ने सभी स्कूल प्राचार्यों से निर्धारित प्रपत्र में अभिलेख मंगाए हैं।  

समय पर ट्रीटमेंट कर लें तो जन्मजात बच्चों को कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है - डॉ. विकास शर्मा

 राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण के  तौर एसएनसीयू संचालक डॉक्टर विकास शर्मा ने कहा कि जन्म के समय विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता बच्चे के साथ आती हैं जैसे कि होंठ कटा पैर मुड़ा हुआ हाथ टेड़ा आदि प्रकार की दिव्यांगता को कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है, जन्म के तुरंत बाद बच्चे को जिला चिकित्सालय या मेडिकल कॉलेज भिजवाया जाकर। यह बात उन्होंने एक निजी होटल में प्रशिक्षण बतौर जिले के प्रसव केन्द्रों से आये मेडिकल ऑफीसर स्टाफ नर्स तथा आरबीएस के लेबर रूम इनचार्ज को प्रशिक्षण बतौर कहीं। इस अवसर पर डीपीएम श्री एसके श्रीवास्तव आरबीएस कॉर्डीनेटर राम कुमार गोयल, मेडिकल ऑफीसर जिले एवं ब्लॉक  से आये लेबर रूम इन्चार्ज स्टाफ नर्स आदि उपस्थित थे।  

    एसएनसीयू प्रभारी डॉक्टर विकास शर्मा ने कहा कि हमारे देश में 17 लाख बच्चे जन्मजात विकृति के पैदा होते हैं जिसमें 10 प्रतिशत नवजात शिशु की जन्मजात विकृति के कारण मृत्यु भी हो जाती है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य के अंतर्गत कॉन्फ्रेंसिंग न्यू बॉर्न स्क्रीनिंग सिम्पोसियम का प्रशिक्षण रखा गया है।
    हर डिलेवरी के पॉइंट पर हर नवजात की स्क्रीनिंग की जाये तो समय पर उसे डिसचार्ज जिला एवं मेडिकल कॉलेज पर किया जा सके तो उसे उस मृत्यु को या उस जन्मजात बीमारी को कम किया जा सकता है। इसका उद्धेश्य केवल बच्चा जीवित ही नहीं रहे केवल हेल्दी लाइफ जिये, शारीरिक मानसिक गतिविधियों में न जिये इस ट्रेनिंग के माध्यम से शिक्षित किया जा रहा है जिससे हम प्रदेश की मृत्यु दर को काफी हद तक और कम किया जा सकता है।

कम्प्यूटर का ज्ञान प्राप्त कर माया आजीविका स्वसहायता समूह गोठ की महिलायें बना रहीं है आयुष्मान भारत कार्ड

महिलायें भी पुरूष से कहीं कम नहीं है। ये सब साकार हुआ है मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा समूह में जुड़कर। जो कि महिलाओं ने आयुष्मान भारत कार्ड बनाने का जिम्मा हाथ में लिया था, अभी तक समूह 450 कार्ड भी बना चुका है।        
    ग्राम गोठ ’’माया आजीविका स्व-सहायता समूह’’ की अध्यक्ष श्रीमती अल्पना तोमर ने बताया कि महिलायें क्या नहीं कर सकतीं। महिलायें पुरूषों से भी पीछे नहीं है। वर्ष 2018 में एनआरएलएम के मार्गदर्शन में मेरे द्वारा स्व-सहायता समूह का गठन किया गया था, जिसमें 10 महिलायें शामिल की थीं। समूह की सभी महिलायें अत्यन्त गरीब परिवार से थी, उन्हें कोई मार्गदर्शन और आजीविका चलाने के लिये रोजगार की जरूरत भी थी। किंतु मेरे द्वारा समूह का गठन किया और 20-20 रूपये प्रति महिला के मान से प्रति सप्ताह इकट्ठा कर करीबन 40 हजार रूपये की बचत बैंक में जमा हुई। इसके बाद शासन द्वारा प्रति महिला 10 हजार रूपये के मान से एक लाख रूपये की राशि प्राप्त हुई। समूह द्वारा धीरे-धीरे झाड़ू बनाने का कार्य किया। उससे भी कुछ आय प्रति महिला के मान से प्राप्त होने लगी। समूह में कुछ महिलायें अच्छी पढ़ी-लिखी भी थीं। जिन्हें अल्प ज्ञान कम्प्यूटर में कराना जरूरी था। एनआरएलएम द्वारा समूह को कम्प्यूटर का ज्ञान कराया, तब महिलाओं ने आयुष्मान भारत कार्ड बनाने का जिम्मा हाथ में लिया। आज तक माया आजीविका स्व-सहायता समूह द्वारा 450 आयुष्मान भारत कार्ड निःशुल्क बनाये जा चुके है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती अल्पना तोमर ने बताया कि प्रति कार्ड शासन द्वारा जो भी मानदेय मिलेगा उसे हम स्वीकार करेंगे।                 

                                              मोबा. नं. 9926223757

डी.डी.शाक्यवार 

मत्स्य संपदा योजना - 40 से 60 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान

 मत्स्य पालन के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मछली उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि, गुणवत्ता तकनीकी आधारभूत संरचना एवं प्रबंधन के अंतर को कम करना मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण एवं सुदृढीकरण करना है।

        मत्स्य पालन प्रबंधन ढांचा की स्थापना तथा मछुआरों एवं मत्स्य कृषकों की आय को बढ़ाना है। इस योजना में विभिन्न योजनाएं जिसमें मत्स्य बीज उत्पादन के लिए बीज उत्पादन हैचरी की स्थापना, नवीन मत्स्यबीज संवर्धन के लिए पोखर, तालाब का निर्माण, नवीन तालाब, का निर्माण, मिश्रित मत्स्य पालन, पंगेसियस मछली पालन, तिलापिया मछली पालन के लिए इनपुट्स की व्यवस्था शामिल है। इसी तरह जलाशय में मत्स्य अंगुलिकाओं का संचयन रंगीन मछलियों की ब्रीडिंग एवं रिपरिंग के लिए ईकाई की स्थापना, पुनरू संचारी जल कृषि प्रणाली की स्थापना, बायोफ्लॉक की स्थापना, आईस बॉक्स युक्त मोटर साईकिलध् मछली बिक्री के लिए ई-रिक्शा रेफ्रीजरेटर, ट्रक, जलाशय में केजपेन स्थापनाध्फिश फीड मिल प्लांट, मछली क्योस्क का निर्माण, थोक मछली बाजार का निर्माण, आईस प्लांट स्थापना इत्यादि शामिल है। योजना में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं महिला वर्ग के हितग्राहियों को इकाई लागत का 60 प्रतिशत एवं सामान्य वर्ग तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के हितग्राहियों को 40 प्रतिशत अनुदान की सुविधा दी गई है।  

चना, सरसों की खरीदी अब 22 मार्च से - कलेक्टर कार्तिकेयन

 कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने कहा है कि समर्थन मूल्य पर चना और सरसों की फसलों का उपार्जन अब 22 मार्च से होगा। उन्होंने बताया कि पहले इसका उपार्जन 15 मार्च से करने का निर्णय लिया गया था। वर्तमान मौसम की स्थिति को देखते हुए 15 मार्च के स्थान पर 22 मार्च से खरीदी का निर्णय लिया गया है।  

अमानक बीज पाये जाने पर 7 फर्मो के पंजीयन तत्काल प्रभाव से निलंबित

  किसान कल्याण तथा कृषि विकास एवं उप संचालक बीज अनुज्ञापन अधिकारी श्री पी.सी. पटेल के मार्गदर्शन में बीज निरीक्षक पदेन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों द्वारा फर्मो का निरीक्षण किया।

    निरीक्षण के दौरान 7 फर्मो के बीज अमानक पाये गये। जिनके वैधता पंजीयन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जिसमें मैसर्स न्यू गायत्री बीज भंडार एमएस रोड़ मुरैना, किसान कृषि सेवा केन्द्र एमएस रोड़़ डोंगरपुर मानगढ़ कैलारस, अभी इंटर प्रायजेज बीज भंडार सबलगढ़, शिव बीज भंडार अम्बाह रोड़ पोरसा, श्रीराम बीज भंडार अटेर रोड़ पोरसा, राज राजेश्वरी बीज भंडार सब्जी मंडी रोड़ अम्बाह और मैसर्स श्री बालाजी कृषि सेवा केन्द्र पुरानी सब्जी मंडी जौरा के वैधता पंजीयन को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।  

पीईबी ने स्पष्ट की वस्तुस्थिति-ग्रामीण कृषि विस्तार एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा 2020

 प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मध्यप्रदेश, भोपाल के अन्तर्गत ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के 791 एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के 72 इस प्रकार कुल 863 पदों हेतु भर्ती परीक्षा का आयोजन दिनाँक 10.2.2021 एवं 11.02.2021 को कुल तीन पालियों में किया गया था। उक्त परीक्षा में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी हेतु 19971 एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी हेतु 8132 अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन किया गया था। यह परीक्षा मध्यप्रदेश के 13 शहरों के 57 परीक्षा केन्द्रों में आयोजित की गई थी, जिसमें अभ्यर्थियों का उपस्थिति प्रतिशत 82.92 प्रतिशत रहा।  

   अगस्त 2015 से पी.ई.बी. द्वारा ऑनलाईन पद्धति से परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है एवं तत्समय से ही परीक्षा प्रणाली को और सुदृढ़, सुचितापूर्ण एवं पारदर्शी बनाये जाने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में परीक्षा समाप्ति के समय ही अभ्यर्थियों को उनके सही उत्तरों की संख्या, अंक प्रदर्शित किये जाते हैं। पूर्ण परीक्षा की समाप्ति के पश्चात् परीक्षा में आये प्रश्नों पर अभ्यर्थियों से आपत्तियां आमंत्रित की जाती हैं। नवम्बर-2020 से यह प्रक्रिया ऑनलाईन माध्यम से प्रारंभ की गई है। जिसमें पी.ई.बी. के पोर्टल पर प्रदर्शित लिंक के माध्यम से केवल अभ्यर्थी अपना रोल नम्बर, जन्मतिथि, परीक्षा तिथि एवं पाली को अंकित कर अपनी उत्तर पुस्तिका को मॉडल उत्तर कुंजी सहित देख सकता है तथा आपत्तिगत प्रश्नों पर ऑनलाइन अभ्यावेदन कर सकता है। तत्पश्चात आपत्तिगत प्रश्नों को विषय-विशेषज्ञों की कुंजी-समिति के समक्ष निर्णय हेतु रखा जाता है एवं समिति की अनुशंसा अनुसार निरस्त किये गये प्रश्नों, विकल्प परिवर्तन किए गए प्रश्नों के अनुसार अंकों में परिवर्तन किया जाता है। किसान कल्याण भर्ती परीक्षा हेतु प्रश्नों पर आपत्ति हेतु ऑनलाईन अभ्यावेदन प्रक्रिया दिनांक 17.02.2021 से प्रारंभ की गई थी एवं 07 दिवस पश्चात् दिनांक 23.02.2021 को समाप्त की गई।
   पी.ई.बी. द्वारा आयोजित परीक्षाएँ, जो एक से अधिक पालियों में आयोजित की जाती हैं, में यह संभव है कि भिन्न-भिन्न पालियों में प्रश्नों के कठिनता स्तर भिन्न-भिन्न हों। अतः पी.ई.बी. द्वारा पालियों में आए प्रश्नों के कठिनता स्तर के अनुसार अंकों को समरूप करने हेतु परीक्षा परिणाम में नार्मलाइजेशन प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है, जो एक सांख्यिकी सूत्र पर आधारित है, जिसमें पालियों में अभ्यर्थियों के औसत अंक एवं अंको के स्डेण्डर्ड डेविएशन का उपयोग किया जाता है। यह सांख्यिकी सूत्र मान. उच्च न्यायालय, मध्यप्रदेश द्वारा याचिका क्रमांक- 8083, 2016, 8124, 2016, 8434, 2016 एवं 8609, 2016 एवं अन्य में पारित आदेशों में भी अधिमान्य किया गया है।  
   वर्तमान में उक्त परीक्षा हेतु विषय-विशेषज्ञों की कुंजी समिति की बैठक एवं नार्मलाइजेशन प्रक्रिया संपन्न नहीं हुई है, इसके पश्चात ही परीक्षा परिणाम घोषित किया जायेगा। समाचार-पत्रों में उल्लेख हो रहा है कि पी.ई.बी. द्वारा परीक्षाओं का संचालन अन्य राज्यों में ब्लैकलिस्टेड एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है, जिसके संबंध में लेख है कि पी.ई.बी. द्वारा अनुबंधित परीक्षा संचालन एजेंसी एवं प्रश्न-पत्र निर्माण एजेंसी का चयन पूर्णतः पारदर्शी टेण्डर प्रक्रिया के तहत किया गया जिसमें एजेंसियों द्वारा ब्लैकलिस्ट नहीं होने संबंधी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया गया है। दिनांक 17.02.2021 के उपरांत किसी एक विशेष क्षेत्र के अभ्यर्थियों को अधिक अंक प्राप्त होने के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं। परीक्षा से संबंधित समस्त डाटा, सी.सी.टी.व्ही. फुटेज तथा सर्वर लॉग डिटेल की जॉच हेतु पी.ई.बी. द्वारा MPSEDC से सहयोग प्राप्त किया जा रहा है। जिनके द्वारा संपूर्ण परीक्षा संचालन प्रक्रिया तथा डाटा ट्रांसफर की प्रणालियों का भी परीक्षण किया जा रहा है। जाँच प्रतिवेदन शीघ्र अपेक्षित है। जिसकी प्राप्ति के उपरांत ही पी.ई.बी. द्वारा उक्त परीक्षा के परीक्षा परिणाम घोषणा के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

उत्कृष्ट कार्य करने वाली पंचायतों को मिलेंगे राष्ट्रीय पुरूस्कार

 राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल 2021 के अवसर पर ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत व जिला पंचायतों को भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय द्वारा पुरस्कृत किया जाना है। भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय द्वारा उक्त पुरस्कारों के लिए तीन स्तरों की पंचायतों से विभिन्न श्रेणियों के लिए नामांकन आमंत्रित किए गए है।

    इस वर्ष दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार सामान्य और विषयात्मक श्रेणी के लिए तीनों स्तर की पंचायतों को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार- ग्राम पंचायतों को ग्रामसभा के उत्कृष्ट कार्य निष्पादन के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार-ग्राम पंचायतों को बाल हितेषी ग्राम पंचायत पुरस्कार- ग्राम पंचायतों को। जिला पंचायत को प्रमाण पत्र के साथ 50 लाख रूपये की राशि, जनपद पंचायत को प्रमाण पत्र के साथ 25 लाख रूपये की राशि, ग्राम पंचायतों को उनकी जनसंख्या के अनुसार प्रमाण पत्र के साथ 5 लाख रूपये से 15 लाख रूपये तक की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाती है।
   प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह में 24 अप्रैल को भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाली पंचायतों को पुरस्कृत किया जाता है। इन पुरस्कारों के लिए ऑनलाइन नामांकन ऑनलाइन पोर्टल लिंक http//panchayataward.gov के माध्यम से अग्रेषित किये जा सकते है। नामांकन निर्धारित ऑनलाईन प्रपत्र में निम्नांकित श्रेणियों के लिए किए जा सकेंगे। यह मूल्यांकन वर्ष 2019-20 के आधार पर होगा। पंचायतों के चयन कार्य एवं खण्ड स्तर पर गठित समितियों के माध्यम से किया जायेगा। प्रथम स्तर, खण्ड स्तर पर चयन प्रत्यक्ष विचार विमर्श साक्षात्कार के आधार पर होगा। आवेदक ग्राम पंचायत प्रस्तुतिकरण देगी और मूल्यांकन वर्ष में पंचायत द्वारा अर्जित उपलब्धियों को वीडियों के माध्यम से भी खण्ड स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगी। इसी अनुक्रम में चयनित ग्राम पंचायत एक प्रस्तुतिकरण जिला स्तर चयन समिति के समक्ष करेगी।

इस सप्ताह 29 स्थानों पर होगा कोविड वैक्सीन टीकाकरण

  शासन के निर्देशानुसार 60 वर्ष से अधिक या विभिन्न प्रकार की ग्रसित बीमारियों के 45 से 59 वर्ष तक के लोंगो के लिये वैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है। निर्देशों के तहत कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन के मार्गदर्शन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि 17 मार्च बुध, 18 मार्च गुरू और 20 मार्च 2021 शनिवार को निम्न स्थानों पर कोविड टीकाकरण होगा। समस्त लोगों से अनुरोध है कि जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है वो इन दिनांकों को अपना कोविड का टीकाकरण निःशुल्क में लगवायें।   

29 स्थानों पर होगा टीकाकरण, इनके अलावा दो प्रायवेट हॉस्पीटलों में 250 रूपये में लगेगा टीका
    सीएमएचओ डॉ. आरसी बांदिल ने बताया कि जिला चिकित्सालय मुरैना, रामनगर पीएचसी, महामाया पीचसी, अंबाह सिविल अस्पताल, खडि़यार सीएचसी, खौंह पीएचसी, दिमनी पीएचसी, किरायच पीएचसी, पोरसा सीएचसी, परीक्षतपुरा, महुआ पीएचसी, नूराबाद सीएचसी, बानमोर पीएचसी, नायकपुरा पीएचसी, रिठौराकलां पीएचसी, जौरा सीएचसी, गलेथा पीएचसी, बागचीनी पीएचसी, देवगढ़ पीएचसी, सुमावली पीएचसी, पहाड़गढ सीएचसी, पचोखरा पीएचसी, बरा पीएचसी, कैलारस सीएचसी, सुजर्मा पीएचसी, सबलगढ़ सीएचसी, टैंटरा पीएचसी, रामपुरकला पीएचसी, झुंडपुरा सीएचसी और इनके अलावा 2 प्राइवेट अस्पताल गर्ग नर्सिंग होम जीवाजी गंज तथा आरएल हॉस्पीटल टेकरी में 250 रूपये में कोविड का टीका लगाया जा रहा है।

टीएल बैठक आज होगी

  कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन की अध्यक्षता में 16 मार्च 2021 मंगलवार को अपरान्ह 3 बजे टीएल बैठक नवीन कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयेाजित की गई है। बैठक में प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर समीक्षा होगी।

    विदित है कि यह बैठक सोमवार को प्रातः 10.30 बजे से हुआ करती थी। किन्तु अपरिहार्य कारणों से टीएल बैठक सोमवार को आयोजित न होते हुये इस बार मंगलवार को आयोजित होगी। 

सीएम हेल्पलाइन में नगर निगम की प्रशंसा कलेक्टर ने की, समीक्षा के दौरान दो जेएसओ को कारण बताओ नोटिस दिये

 कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान कई विभाग ऐसे पाये गये, जिनकी शिकायतें निराकरण कम होना पाई गई तथा शिकायतें नवीन ज्यादा प्राप्त होती पाई गई। उन अधिकारियों को सीएम हेल्पलाइन में निराकरण की गति तेज करने के निर्देश दिये। समीक्षा में पंचायती राज की 239, राजस्व की 320, पीएचई की 223 एवं डीएसओ की सबसे ज्यादा शिकायतें लगातार बढ़त होती पाई गई, जबकि निराकरण की गति धीमी पाई गई। इस पर कलेक्टर ने जेएसओ श्री संजीव शर्मा और जेएसओ श्री जितेन्द्र राजावत को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।

    समीक्षा के दौरान नगर निगम कमिश्नर श्री अमरसत्य गुप्ता ने पिछले सप्ताह की अपेक्षा इस सप्ताह सीएम हेल्पलाइन में बहुत अच्छा कार्य किया है। जिससे सीएम हेल्पलाइन की संख्या बहुत तदायत में कम हुई। इस पर कलेक्टर ने नगर निगम कमिश्नर को गुण कहते हुये बैठक में संबोधित किया।

प्रकाशित खबरों और समाचारों में प्रकाशित जनसमस्याओं व व्यक्तिगत समस्याओं का निराकरण कराने के लिये विकासखण्ड अधिकारी कुशवाह मुरैना जिला के लिये नियुक्त

 अब किसी भी समाचार पत्र/ न्यूज पोर्टल वेबसाइटों , चैनलों आदि पर प्रकाशित प्रसारित किसी भी जन समस्या या व्यक्तिगत निदान व निराकरण के लिये मुरैना जिला के लिये बलवीर सिंह कुशवाह को नियुक्त किया गया है । 

समय-समय पर जिला पंचायत मुरैना से संबंधित शिकायती एवं अन्य अनेक समाचारों का प्रकाशन विभिन्न समाचार पत्रों में जनसम्पर्क विभाग की ओर से प्रकाशित होते है, जिन पर समयावधि में कार्यवाहियां एवं खंडन करने संबंधी कार्य तत्काल प्रभाव से विकासखण्ड अधिकारी श्री बलवीर कुशवाह संलग्न जिला पंचायत मुरैना को आगामी आदेश तक के लिये दायित्व सौंपा जाता है। श्री कुशवाह का दायित्व होगा कि वे प्रकाशित शिकायत, अन्य प्रकरणों को निराकरण के लिये रूचि लेकर जनसंपर्क विभाग से समय पर संपर्क स्थापित कर समयावधि में निराकरण कराना सुनिश्चित करेंगे तथा अधोहस्ताक्षरकर्ता को प्रतिवेदन सहित अवगत करायेंगे। 

अवकाश के दिनों में भी पंजीयक कार्यालय खुलेंगे

 प्रदेश के जनसामान्य को दस्तावेजों के पजीयन कार्य में अधिक सुविधा देने के लिए एवं शासन के राजस्व को दृष्टिगत रखते हुए माह मार्च 2021 में  13, 14, 20, 21 एवं 28 को अवकाश दिवसों में समस्त जिला पंजीयक एवं उप पंजीयक कार्यालय, पंजीयन एवं शासकीय कार्य के लिये खुले रहेंगे। इन तिथियों पर परिक्षेत्रीय उप महानिरीक्षक, पंजीयन अपने परिक्षेत्र अंतर्गत समस्त पंजीयन कार्यालय खोला जाना सुनिश्चित करें।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर साइकल रेली का आयोजन किया गया

 

बेटी बचाओ-बेटी पढाओं अंतर्गत मंगलवार को महिला एवं बाल विकास द्वारा सेफ सिटी कार्यक्रम अंतर्गत महिलाओं, बालिकाओं की जागरूकता हेतु जिला मुख्यालय पर साइकल रेली का आयोजन किया गया। जिसको शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक-1 से प्रारम्भ कर स्टेडियम से वापिस होते हुए उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक-1 पर समापन किया गया।
    आयोजित साइकल रेली का विभागीय जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। जिसमें विद्यालय की छात्राऐं, शौर्यादल की सदस्य बालिकाऐं एवं एनसीसी की बालिकाओं द्वारा प्रतिभागिता की गई। कार्यक्रम में सहायक संचालक श्री ताराचंद मेहरा, परियोजना अधिकारी मुरैना शहरी श्री मनीष सिंह, प्राचार्य श्री मुकेश सांण्डिल, प्रशासक वन स्टॉप सेंटर एवं संबंधित सेक्टर पर्यवेक्षक द्वारा भी प्रतिभागिता की गई।
बेटी बचाओ-बेटी पढाओं अंतर्गत मंगलवार को महिला एवं बाल विकास द्वारा सेफ सिटी कार्यक्रम अंतर्गत महिलाओं, बालिकाओं की जागरूकता हेतु जिला मुख्यालय पर साइकल रेली का आयोजन किया गया। जिसको शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक-1 से प्रारम्भ कर स्टेडियम से वापिस होते हुए उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक-1 पर समापन किया गया।
    आयोजित साइकल रेली का विभागीय जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। जिसमें विद्यालय की छात्राऐं, शौर्यादल की सदस्य बालिकाऐं एवं एनसीसी की बालिकाओं द्वारा प्रतिभागिता की गई। कार्यक्रम में सहायक संचालक श्री ताराचंद मेहरा, परियोजना अधिकारी मुरैना शहरी श्री मनीष सिंह, प्राचार्य श्री मुकेश सांण्डिल, प्रशासक वन स्टॉप सेंटर एवं संबंधित सेक्टर पर्यवेक्षक द्वारा भी प्रतिभागिता की गई।

लोक निर्माण राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ आज मुरैना जिले के भ्रमण पर रहेंगे

प्रदेश के लोक निर्माण राज्यमंत्री श्री सुरेश धाकड़ एक दिवसीय प्रवास पर 7 मार्च को मुरैना जिले के भ्रमण पर रहेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लोक निर्माण राज्यमंत्री श्री धाकड़ 7 मार्च रविवार को प्रातः 9.30 बजे नरवर से प्रस्थान कर मोहना विजयपुर होते हुये 12.30 बजे सबलगढ़ सर्किट हाउस जिला मुरैना कार द्वारा पहुंचेगे। राज्यमंत्री श्री धाकड़ सर्किट हाउस पर लोक निर्माण विभाग के जिलाधिकारियों के साथ जिले में चल रहे निर्माण कार्यो के संबंध में चर्चा करेंगे। मंत्री श्री धाकड़ दोपहर 1 बजे सबलगढ़ से ग्राम मांगरोल के लिये प्रस्थान कर स्थानीय कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। मंत्री श्री धाकड़ 3.15 बजे मांगरोल से पोहरी जिला शिवपुरी के लिये विजयपुर बेराढ़ होते हुये प्रस्थान करेंगे।

जिले में अन्न उत्सव आज : कलेक्टर ने नोडल अधिकारी किये नियुक्त

 मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार 7 मार्च को अन्न उत्सव कार्यक्रम करने के आदेश है। आदेशों के तहत कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने जिले में समस्त अधिकारियों को अन्न उत्सव कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की कोताई नहीं हो। इस प्रकार के निर्देश दिये है। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिये है कि जिस दुकान पर खाद्यान्न सामग्री पहुंच चुकी है, वहां पर संबंधित नोडल अधिकारी अपनी निगरानी में राशन सामग्री वितरण करायें। किसी भी प्रकार की पीडीएस दुकान संचालक लापरवाही न बरतें, उनकी पीओएस मशीन आदि का अवलोकन कर लें।

कलेक्टर ने इन दुकानों के लिये बनाये नोडल
    अन्न उत्सव के दिन खाद्यान्न सामग्री वितरण के लिये जनपद पंचायत कैलारस के अन्तर्गत पीडीएस की दुकान शारदा प्राथमिक उप भंडार, पूजा महिला प्राथमिक उप भंडार, अलोपी शंकर प्राथमिक उप भंडार, गणेश प्राथमिक उप भंडार, मां दुर्गा प्राथमिक उप भंडार और कैलादेवी प्राथमिक उप भंडार की दुकानों के लिये श्रम निरीक्षक श्री पवन कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। महिला प्राथमिक उप भंडार, शारदा महिला प्राथमिक उप भंडार, मारकंडेश्वर प्राथमिक उप भंडार, त्रिवेणी प्राथमिक उप भंडार, लक्ष्मी महिला प्राथमिक उप भंडार के लिये नोडल जीएम सीसीबी मुरैना श्री डीके सागर को नियुक्त किया है। अन्नपूर्णा प्राथमिक उप भंडार, माझी आदिवासी प्राथमिक उप भंडार, सती मां प्राथमिक उप भंडार, महिला बहुद्देश्यीय सहकारी समिति जौराखुर्द के लिये जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति श्री अरूण जैन को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
    इसी प्रकार परदू का पुरा, भदावली, खोयला, जोंटई, हमीरपुरा, अधनपुर और धौरेंट के लिये उप संचालक पशु चिकित्सा श्री तिवारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। ग्राम चचेड़ी, खुटियानी हार, बुढ़ावली, रजौधा, हुसैनपुर, कुकरौली, ब्रजगढ़ी, सिकरौदा और अगरौता पीडीएस की दुकान के लिये नोडल अधिकारी सहायक मत्स्य श्री एके पाण्डेय को नियुक्त किया है।

पेयजल समस्या का हल हर स्तर पर हो - कमिश्नर

चंबल कमिश्नर ने गूगल मीट के दौरान राजस्व अधिकारियों को सहित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मुख्य अभियंता से चर्चा करते हुये कहा कि आगामी ग्रीष्म ऋतु को दृष्टिगत रखते हुये पेयजल समस्या का हल अभी से करें। किसी भी स्तर पर पेयजल की समस्या नहीं बनें। जहां पेयजल के स्त्रोत नहीं है, वहां क्या उचित व्यवस्था हो सकती है। कमिश्नर ने कहा कि जिला स्तर पर पेयजल नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाये। बिगड़े हेण्डपंपों, नलजल योजनाओं को युद्ध स्तर पर सुधार करें। हेण्डपंप मरम्मत की सामग्री पर्याप्त मात्रा में पंचायतों में उपलब्ध करायें। हेण्डपंपों को ठीक करने के लिये संधारण वाहन उपलब्ध कराये जायें। हेण्डपंप खराब मिलने की सूचना के बाद दो या तीन दिन में हेण्डपंप ठीक हो जाये। जो नलजल योजनायें विद्युत कनेक्शन से नहीं जुड़ी है, उन्हें तत्काल कनेक्शन देकर चालू करें।
    कमिश्नर ने सभी राजस्व अधिकारियों को मुख्यमंत्री जी की सभी प्राथमिकता वाली योजनाओं पर युद्ध स्तर पर कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी आगामी 10 मार्च को कलेक्टर, कमिश्नर, आईजी कॉन्फ्रेस लेंगे। इसकी संपूर्ण तैयारी दिये गये निर्देशों के तहत करें।
    कमिश्नर ने बैठक के एजेण्डा को दोहराते हुये कहा कि उपार्जन का भुगतान किसी भी स्तर पर लंबित न हो, शतप्रतिशत भुगतान हो जाये। अभी तक गेहूं, चना और सरसों के किसानों के हुये पंजीयन का एसडीएम और तहसीलदार पूरी ईमानदारी के साथ सत्यापन करना सुनिश्चित करें। सभी खरीदी केन्द्रों पर किसानों के लिये पर्याप्त बुनियादी सुविधायें रहे और भण्डारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाये।
    कमिश्नर ने कहा कि माफिया अगर सरकारी जमीन पर कब्जा किये है तो उन्हें तत्काल हटवायें। इस कार्य में तहसीलदार, एसडीएम की महत्वपूर्ण भूमिका रहे। भू-माफिया, खनिज तथा शराब माफियाओं के खिलाफ असरदार कार्रवाही की जाये। जिला बदर, एनएसए की कार्रवाही के साथ ऐसी व्यवस्था भी करें कि इन लोंगो की संपत्ति जप्त कर इनकी आर्थिक कमर को तोड़े। इन दबंगो की रंगदारी को खत्म करना जरूरी है। चिटफंड कंपनी से लोंगो को पैसा वापस करायें। कॉपरेटिव वाले भी जनता, किसान के साथ धोखाधड़ी कर रहे है, इनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाही की जाये।
    अपहरत् लड़कियों को ढू़ढ़ने के काम भी प्राथमिकता के साथ करें। हमारा संपूर्ण दायित्व मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता वाली योजनाओं को पूरा करने में रहे। कहीं पर भी काला बाजारी न हो। अवैध रेत, पत्थर, खनिज माफियाओं के खिलाफ कार्रवाही होती रहे। कोई भी अवैध खदान नहीं रहे। उनकी नीलामी की प्रक्रिया को पूर्ण करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे आपसी समन्जस के साथ अपने दायित्वों को निर्वहन करें। उन्होंने सुदूर ग्रामीण अंचलों की घटनाओं की जानकारी लेने के लिये कोटवारों, पटेलों जो भू-राजस्व संहिता के अंश है, इनसे जानकारियां प्रतिदिन तहसीलदार, एसडीएम प्राप्त करें। इन संस्थाओं को पुर्नजीवित करें। कोटवार के महत्व को बढ़ायें। राजस्व अधिकारी उनका सहयोग भी करें। कहीं पर कोई घटना या ओलावृद्धि होती है या अनैतिक कारोबार होता है तो इसकी जानकारी कोटवार, गांव के पटेल सहित अन्य विभागों में मैदानी अमले से आना चाहिये।       
    कमिश्नर ने नवीन पात्रता पर्ची, आयुष्मान भारत कार्ड का शतप्रतिशत वितरण, गौसेवा योजना को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करना, स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत गलियों में गंदगी नहीं रहने, गोबर के ढेरों को हटाने, वनाधिकार अधिनियम के तहत पट्टों का वितरण, नवीन गौण खनिजों को नीलाम कराने सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा करते हुये पूर्ण कराने के निर्देश दिये।
 

राजस्व अधिकारी सामाजिक सरोकार के काम भी करें

चंबल कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा है कि वे अपने कार्यो से हटकर सामाजिक सरोकार के काम भी करें। उन्होंने कहा कि श्योपुर में कराहल आदिवासी बैल्ट में गरीबों के हित में सकारात्मक कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी जनता को साथ लेकर गरीबों के आर्थिक उत्थान, उनकी दरिद्रता को दूर करोनो तो आपको स्वयं संबुन मिलेगा, लोंगो के दिल से जुड़े, भलाई के काम करने के लिये एक टारगेट बनाकर कार्ययोजना बनायें। सभी अधिकारी रूचि के अनुसार कार्य लें। पूरी कार्य योजना बनाकर 9 तारीख तक संयुक्त आयुक्त विकास श्री राजेन्द्र सिंह को प्रस्तुत करें।
 

राजस्व प्रकरणों का निराकरण त्वरित गति से किया जाये राजस्व वसूली पर प्रभावी रणनीति बनाये , 1 मई तक ई-ऑफिस प्रारंभ हो जाये , कमिश्नर सक्सेना के राजस्व अधिकारियों को निर्देश

 ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने चंबल संभाग के तीनों जिलों के कलेक्टरों सहित सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये है कि राजस्व प्रकरणों का निराकरण त्वरित गति से किया जाये। कोई भी प्रकरण एक, दो वर्ष तक लंबित नहीं रहना चाहिये। उन्होंने कलेक्टरों से कहा है कि जिन तहसीलदार, नायब तहसीलदारों ने राजस्व प्रकरणों को लंबित रखा है, उनके प्रस्ताव मुझे भेजे, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाही की जा सके। कमिश्नर ने राजस्व वसूली पर प्रभावी रणनीति बनाने पर जोर देते हुये कहा कि चालू वसूली शतप्रतिशत हो जाये। बकाया वसूली 20 प्रतिशत होना सुनिश्चित करें। उन्होंने श्योपुर, भिण्ड जिलों के कलेक्टरों से कहा कि ऑफिसों को पेपरलेस करते हुये ई-ऑफिस की मैपिंग कराके 1 मई 2021 तक कलेक्ट्रेट ऑफिस ई-ऑफिस अनुसार कार्य करें। कमिश्नर श्री सक्सेना शनिवार को गूगल मीट के द्वारा चंबल संभाग के जिलों की राजस्व की समीक्षा कर रहे थे। गूगल मीट से अपर आयुक्त श्री अशोक कुमार चौहान, संयुक्त आयुक्त विकास श्री राजेन्द्र सिंह, अपर कलेक्टर श्री उमेशप्रकाश शुक्ला, श्योपुर कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव, भिण्ड कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस सहित मुरैना, भिण्ड और श्योपुर जिले के सभी राजस्व अधिकारी जुड़े हुये थे।        
    कमिश्नर श्री सक्सेना ने राजस्व प्रकरणों की समीक्षा करते हुये बानमौर तहसीलदार के यहां नामान्तरण के 31 प्रकरण 1 वर्ष से 2 वर्ष तक, मुरैना तहसील के 22 लंबित प्रकरणों की जांच के निर्देश अपर आयुक्त श्री अशोक कुमार चौहान को दिये। इसी तरह जौरा, सुमावली के 5 सीमांकन के प्रकरणों के निराकरण लंबे समय से नहीं होने पर अपर आयुक्त श्री चौहान को जांच करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। इसी तरह तहसीलदार रवीश भदौरिया के यहां 14 प्रकरण 1 से 2 वर्ष तक लंबित रहने, अम्बाह तहसीलदार राजकुमार नागोरिया के यहां किन कारणों से 8 प्रकरण लंबित है, के जांच के निर्देश अपर आयुक्त को दिये गये है। मुरैना में 79 नामान्तरण प्रकरणों को 1 वर्ष, 2 वर्ष तक लंबित रखने पर असंतोष व्यक्त किया। सीएम हेल्पलाइन की लंबित 1266 शिकायतों का निराकरण नहीं होने पर कमिश्नर ने असंतोष व्यक्त करते हुये कहा है कि इन शिकायतों का त्वरित गति से निराकरण किया जाये। जौरा में एल-1 पर 124 शिकायतों का निराकरण नहीं होने पर कमिश्नर ने एसडीएम और तहसीलदार के प्रति नाराजगी व्यक्त की। मुरैना जिले को मिले 8 करोड़ के वसूली लक्ष्य पर कमिश्नर ने कहा कि चालू वसूली शतप्रतिशत की जाये और बकाया वसूली 20 प्रतिशत की जाये।
    मौके पर अपर कलेक्टर श्री उमेशप्रकाश शुक्ला ने चंबल रेत के विनिष्टिकरण करके 9 लोंगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, औषधी प्रशासन द्वारा 928 खाद्य पदार्थो के नमूने लेने की जानकारी से अवगत कराया।

    भिण्ड जिले की समीक्षा के दौरान ऊमरी, गोहद, लहार, भिण्ड में लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण नहीं होने पर कमिश्नर ने चिंता व्यक्त की। भिण्ड में सीमांकन के 1 वर्ष से लंबित प्रकरणों को कमिश्नर ने गंभीरता से लिया। गोहद में दो वर्ष से लंबित प्रकरणों की जांच के लिये कलेक्टर भिण्ड को निर्देश दिये। इन्डोरी में 2 पुराने नामान्तरण, गोहद एसडीओ राजस्व के पास नामांतरण के 2 वर्ष से लंबित क्यों रखें है। कलेक्टर इनके प्रस्ताव बनाकर मुझे भेजें। डायवर्सन के भिण्ड में 56, मेहगांव में 13, गोहद में 23 प्रकरण 3 माह से लंबित होने पर जांच के निर्देश दिये गये कि यह प्रकरण लंबित क्यों रखे गये। कमिश्नर ने आर.सी.एम.एस. प्रावधानों के अनुसार कहा कि डायवर्सन गलत हुआ है, तो सुनवाई का मौका देकर उन्हें निरस्त किया  जाये। भिण्ड तहसीलदार के यहां अतिक्रमण के 14 लंबित प्रकरण रखने पर कलेक्टर को जांच के निर्देश दिये गये। वसूली की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने बताया कि 3 करोड़ 60 लाख रूपये की वसूली की तुलना में 55 लाख रूपये की वसूली हुई है। इस पर कमिश्नर ने शतप्रतिशत वसूली के लिये प्रभावी रणनीति बनाने के निर्देश कलेक्टर को दिये।     
    श्योपुर कलेक्टर ने बताया कि श्योपुर में 60 प्रतिशत से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण करके चंबल संभाग ऊपर है। वीरपुर में 41 प्रतिशत उपलब्धी होने, श्योपुर तहसीलदार के यहां 2 से 5 वर्ष तक के लंबित प्रकरणों की जांच कराने के निर्देश दिये। कलेक्टर न्यायालय में एक वर्ष से ऊपर के सभी प्रकरणों के निराकरण के निर्देश दिये गये। बड़ौदा के तहसीलदार पर एक वर्ष से ऊपर के 20, श्योपुर तहसीलदार के यहां नामान्तरण के 26 प्रकरण लंबित होने पर अपर आयुक्त श्री चौहान को जांच के निर्देश दिये। विजयपुर एसडीएम के यहां सीएम हेल्पलाइन के 197 शिकायतों का निराकरण नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की गई। संयुक्त आयुक्त विकास ने बताया कि श्योपुर में 496 सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतें है। वसूली की स्थिति भी ठीक नहीं  है। 


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन जिला चिकित्सालय में

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 8 मार्च को जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जायेगा। यह शिविर दोपहर 12 बजे से सायं 5 बजे तक चलेगा।  
    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरसी बांदिल ने बताया कि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। इस अवसर पर जिला चिकित्सालय मुरैना में एक दिवसीय महिला स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जायेगा। स्वास्थ्य शिविर में महिलाओं की संपूर्ण जांच की जायेगी तथा जांच उपरांत एनीमिया, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, सरवाइकल ब्रेस्ट, ओरल केंसर तथा रजोनिवृत्ति से संबंधित उपचार किया जायेगा। शिविर में शासकीय विभागों में कार्यरत महिला अधिकारी, कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच की जायेगी। शिविर में लोंगो से अपील की गई है कि महिला दिवस पर आयोजित स्वास्थ्य शिविर में अधिक से अधिक संख्या में महिलायें जांच कराकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें।    

ग्वालियर-चंबल संभाग में खाद्य प्रसंस्करण की अपार संभावनाएं , छोटे किसानों को सशक्त करके ही कृषि में लाई जा सकेगी आत्मनिर्भरता, ग्वालियर में खाद्य प्रसंस्करण पर शिखर सम्मेलन का आयोजन- केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर

  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग अंचल में खाद्य प्रंस्करण के क्षेत्र में अपार संभावनाए हैं और इनका दोहन करके इस क्षेत्र के छोटे व मझौले किसानों की आर्थिक स्थिति को सशक्त किया जा सकता है। मंत्री श्री तोमर शुक्रवार को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, एैसोचेम और इनवेस्ट इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में श्मध्यप्रदेश में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के अवसरश् विषय पर आयोजित शिखर सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे।  
    कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि ग्वालियर-चंबल अंचल सांस्कृतिक, पुरातात्विक, व्यापारिक क्षेत्र के साथ ही कृषि के क्षेत्र में भी समृद्ध है। यहां गेहूं और धान का उत्पादन तो अच्छा होता ही है दलहन व तिलहन और विशेषकर सरसों के उत्पादन, प्रसंस्करण की भी अपार संभावनाएं हैं। मुरैना, भिण्ड और ग्वालियर में तिलहन प्रसंस्करण के कई उद्योग सुचारू रूप से चल रहे हैं, लेकिन अब इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है।
    मंत्री श्री तोमर ने कहा कि मुरैना जिला शहद की दृष्टि से भी अग्रणी है। नेफेड ने शहद का एक एफपीओ बनाया है, इसके माध्यम से गुणवत्ता युक्त शहद उत्पादन में वृद्धि, बेहतर पैकेजिंग-मार्केटिंग हो पाएगी। हमारे यहां का शहद देश के साथ दुनिया में भी बिके इसका प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में 86 प्रतिशत छोटे किसान है। ये छोटे किसान न तो निवेश करने की क्षमता रखते हैं और ना ही जोखिम उठा सकते हैं। लेकिन, जब तक इन छोटे किसानों की ताकत नहीं बढ़ेगी तब तक आत्मनिर्भर गांव व कृषि की कल्पना नहीं की जा सकती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में लगातार इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है कि छोटे किसान की आमदनी बढ़े। देश के साढ़े 10 करोड़ किसानों के बैंक खातों में पीएम किसान सम्मान निधि के लगभग 1 लाख 15 हजार करोड रूपए की राशि भेजी गई है। इससे इन किसानों की 6 हजार रुपए सालाना आय बढ़ी है। इस बात पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है कि छोटे व मझौले किसान भी महंगी फसलों की खेती कर सके, उन्हें कृषि तकनीकी का लाभ मिले और गुणवत्तापूर्ण व वैश्विक मानकों के स्तर की फसल का उत्पादन कर सके।
    उन्होंने कहा कि इसके लिए किसान की फसल का पर्याप्त प्रसंस्करण करके उसे ज्यादा लाभ पहुंचाया जा सकता है, और इसीलिए केंद्र सरकार देश में दस हजार नए एफपीओ स्थापित कर रही है। सरकार इन एफपीओ पर 6865 करोड़ रू. खर्च करेगी। एफपीओ से जुड़ने पर किसान की खेती में लागत तो कम होगी ही से बेहतर बाजार एवं एकीकृत सिंचाई सुविधा का लाभ भी मिल सकेगा। एफपीओ यदि खेती के लिए 2 करोड़ रुपए तक का ऋण लेते हैं तो उन्हें ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। आज खेती के क्षेत्र में निजी निवेश व नवीनतम तकनीकी लाने की आवश्यकता है। आज गांवों में भंडारण की सुविधा नहीं है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 1 लाख करोड़ रुपए का कृषि अवसंरचना कोष का प्रावधान किया गया है। इसके माध्यम से गांव-गांव तक कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस जैसी अधोसंरचनाएं पहुंच पाएगी।
श्री तोमर ने कहा कि हमारे किसानों के परिश्रम और वैज्ञानिकों के शोध के कारण खाद्यान्न उत्पादन की दृष्टि से भारत अधिशेष राष्ट्र है। दूध, बागवानी उत्पाद में भी हम दुनिया में पहले या दूसरे नंबर पर हैं। अब हमें खाद्य प्रसंस्करण पर ध्यान देने की जरूरत है। खाद्य प्रंस्करण मंत्रालय कई योजनाओं के साथ इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है।

खनिजों का परिवहन करने वाले वाहनों का पंजीयन कराना जरूरी

 वाहन मालिकों द्वारा अधिकांश ट्रेक्टर-ट्रॉली, डंफर और ट्रक से खनिजों का परिवहन होता है। इन वाहनों का ई-खनिज पोर्टल पर पंजीयन नहीं होने से ई-टीपी जनरेट नहीं होती है। ई-टीपी जनरेट नहीं होने से शासन को प्राप्त होने वाले राजस्व का भी नुकसान हो रहा हैं। खनिजों का परिवहन किए जाने वाले वाहनों में ई-टीपी नहीं होने से वाहनों के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा अवैध उत्खनन परिवहन के प्रकरण दर्ज किए जाकर अत्याधिक जुर्माने के रूप में राशि वसूल की जाती है।

    खनिज साधन विभाग द्वारा विभागीय वेबसाईट https://ekhanij.mp.gov.in पर खनिजों के परिवहन किए जाने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। वाहनों के वेबसाईट पर रजिस्ट्रेशन करने के पश्चात् वैध ठेकेदार से ई-टीपी प्राप्त करने के पश्चात खनिजों का परिवहन किया जा सकता है। विभागीय वेबसाईट पर बिना रजिस्ट्रेशन के खनिजों का परिवहन करना अवैध परिवहन की श्रेणी में आता है। इसलिए समस्त वाहन मालिक वेबसाईट पर जाकर परिवहन करने वाले वाहनों का पंजीयन कराएं।

चिटफंड कंपनियों की संपत्ति को कुर्क करके हितग्राहियों को पैसा वापस दिलाया जायेगा

 चिटफंड कंपनियों पर एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्रवाही किये जाने के निर्देश सभी थाना प्रभारियों को कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने दिये है। निर्देशों में थाना प्रभारियों से कहा गया है कि उनकी संपत्तियों को कुर्क करके हितग्र्राहियों को पैसा वापस दिलाया जाये। 

    प्राप्त जानकारी के अनुसार मुरैना जिले में 1 जनवरी 2020 से 31 दिसम्बर 2020 तक 12 प्रकरणों में 76 आरोपी बनाये गये है। इनमें से 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 63 आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है। चिटफंड कंपनियों द्वारा 28 करोड़ 5 लाख 17 हजार 975 रूपये की राशि हितग्राहियों से निवेषित कराई, इसमें से 1 करोड़ 84 लाख 71 हजार 116 रूपये की राशि हितग्राहियों को वापस कराई गई है। 
    सहारा कंपनी के विरूद्ध कुल पंजीबद्ध 6 प्रकरणों में 25 करोड़ 16 लाख 28 हजार 470 रूपये निवेश कराये गये, जिसमें से पुलिस द्वारा 209, जिनकी कुल राशि 1 करोड़ 13 लाख 71 हजार 116 रूपये थी, को वापस कराया गया। सिविल लाइन थाने में अपराध क्रमांक 157/20 में पुलिस द्वारा 56 लाख के चैक एवं 15 लाख रूपये की नगद राशि वापस कराई है। यह वापस राशि हेप्पीनेस इंजीनियरिंग लाइफ सर्विस कंपनी से कराई है।
    कलेक्टर मुरैना ने चिटफंड कंपनी के.एम.जे लेण्ड डवलपमेंट मुरैना, पी.ए.सी.एल (पल्स) इंडिया लिमिटेउ मुरैना के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर बैंक खातों पर रोक लगाई जाकर मध्यप्रदेश निवेशकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत अंतरिम आदेश की पुष्टि हेतु जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुरैना संपर्क कर निराकरण की कार्यवाही की जा रही है।

’खेती संबंधी बंटाई अनुबंध की कॉपी तहसीलदार को देना अनिवार्य

 सामान्य तौर से कृषकों और भू-स्वामियों द्वारा अपनी भूमि अन्य व्यक्तियों को देकर खेती कराई जाती है। जिसे सामान्य तौर पर बंटाई, सिकमी, अन्य स्थानीय नामों से जाना जाता है। तत्संबंध में मध्यप्रदेश भूमि स्वामी एवं बंटाईदारों के हित संरक्षण अधिनियम 2016 के अनुरूप भूमि बटाई पर दिए जाने की मान्यता प्रदान की गई है।         

    हित संरक्षण अधिनियम भूमि स्वामी एवं बंटाईदार दोनों के हितों का संरक्षण करता है। अब कोई भी भूमि स्वामी अपनी भूमि बटाई पर देने या किसी व्यक्ति द्वारा बटाई पर लेने की वैधानिकता तभी मानी जाएगी, जब दोनों पक्षों के द्वारा मध्यप्रदेश भूमि स्वामी बंटाईदारों के हित संरक्षण अधिनियम 2016 के नियम चार के तहत अनुबंध निष्पादित किया गया हो और एक प्रति संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार को उपलब्ध कराई हो। कोई भी बंटाईदार, भूमि बंटाई पर लेकर यदि वह फसल क्षति की देय राहत राशि, बीमा राशि और कृषि उपज का उपार्जन के लिए दावा करता है, तो शासन द्वारा तभी स्वीकार माना जाएगा जब भूमि स्वामी और बंटाईदार के मध्य उपरोक्त अधिनियम के अंतर्गत अनुबंध निष्पादित हुआ हो अन्यथा विधिवत अनुबंध के अभाव में उपरोक्त हित लाभ दिया जाना संभव नही होगा।

आरओ एवं ए.आर.ओ. का प्रशिक्षण 8 मार्च को

 नगरीय निकायों के आम निर्वाचन 2020-21 के लिये नियुक्त रिटर्निंग ऑफीसर और सहायक रिटर्निंग ऑफीसरों को चुनावी कार्य संपन्न कराने के लिये प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। यह प्रशिक्षण 8 मार्च 2021 को दोपहर 3 बजे से नवीन कलेक्ट्रेट सभागार मुरैना में आयोजित किया जायेगा।

    उल्लेखनीय है कि नगरीय निकायों के आम निर्वाचन 2020-21 की घोषणा आयोग द्वारा निकट भविष्य में की जाना संभव है।

टीबी रोग से जीवन का अंत नहीं- कलेक्टर

टीबी हारेगा देश जीतेगा के अंतर्गत जन आंदोलन अभियान चल रहा है। टीबी रोग से व्यक्ति के जीवन का अंत नहीं टीबी का इलाज संभव है। यह बात कलेक्टर श्री बी कार्तिकेयन ने गुरूवार को नवीन कलेक्ट्रेट सभकक्ष मुरैना में संबोधित करते हुये कही। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार पांडेय, जिलाध्यक्ष श्री योगेशपाल गुप्ता, पूर्व मंत्री श्री गिर्राज डण्डोतिया, पूर्व विधायक श्री रघुराज सिंह कंषाना, श्री शिवमंगल सिंह तोमर, नगर निगम के सभापति श्री अनिल गोयल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री हंसराज सिंह, अपर कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर, सीएमएचओ डॉ आरसी बांदिल, पीएचई, सिविल सर्जन डॉ एके गुप्ता, टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ. मौर्य सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।       
    कलेक्टर श्री बी कर्तिकेयन ने कहा कि देश में टीबी कोई भयानक बीमारी नहीं है। टीबी का इलाज संभव है। इसके लिये व्यक्ति को 6 माह डॉट पद्धति का इलाज लेना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि टीबी माइक्रोबेक्टिरियम टयूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होने वाला रोग है। भारत  में हर वर्ष लगभग 20 लाख लोग टीबी से पीड़ित होते हैं और प्रत्येक 3 मिनट में दो व्यक्तियों की मृत्यु टीबी के कारण होती है। टीबी का सही इलाज न होने पर फेंफड़ों की टीबी का रोगी 1 वर्ष में 10 से 15 व्यक्तियों में टीबी रोग फैला सकता है। टीबी किसी भी व्यक्ति को  हो सकती है यह आयु, लिंग, गरीब, अमीर जाति धर्म नहीं देखती। उन्होंने कहा कि टीबी की आशंका होने पर बलगम की जांच करायें। इसके लिये जिले में निशुल्क स्वास्थ्य उपचार केन्द्र हैं। जिसमें क्षय उपचार इकाई मुरैना, क्षय उपचार इकाय नूराबाद, क्षय उपचार इकाई जौरा, अंबाह, पहाडगढ, कैलारस और सबलगढ में बने हुये हैं। प्रत्येक क्षय रोगी को प्रत्येक क्षय रोगी को उसके उपचार के दौरान 500 रूपये प्रतिमाह पोषण के रूप में प्रदान किये जाते हैं। व्यक्ति को यह नहीं सोचना चाहिये कि टीबी रोग हो गया अब क्या होगा। इस रोग से बचाव संभव है किंतु इसका इलाज डॉट पद्धति से लेना अनिवार्य है।  

खेती-किसानी और किसानों की बेहतरी के पुरोधा शिवराज - जन्म-दिवस पर विशेष "आलेख"

किसान पुत्र होने के नाते खेती-किसानी को बेहतर तरीके से जानने वाले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के किसानों के लिये जो किया है, वह कृषि क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहा है। एक लंबे समय से उनके द्वारा खेती-किसानी और किसानों की बेहतरी के लिए किए गए प्रयासों और नवाचारों के परिणाम अब न केवल पूरे देश-दुनिया के सामने है बल्कि उन्हें इसका पुरोधा भी माना गया है।
    प्रदेश के किसानों के हित में खेती को लाभप्रद बनाने और किसानों की आय दोगुनी करने के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अनेक नवाचार भी किये हैं। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भागीदारी है। कृषि उत्पादन को बढ़ाना, उत्पादन की लागत को कम करना, कृषि उपज के उचित दाम दिलाना और प्राकृतिक आपदा या अन्य स्थिति में उपज को हुए नुकसान में किसान को पर्याप्त क्षतिपूर्ति देना, मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रयासों में शामिल हैं।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के किसानों को जो संबल दिया, उससे किसानों ने प्रमुख रूप से गेहूँ उत्पादन में रिकार्ड कायम किया। मध्यप्रदेश गेहूँ उपार्जन में पूरे देश में अव्वल रहा। किसानों के हित में कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन करते हुए ई-ट्रेडिंग का प्रावधान किया गया और किसानों को उपार्जन केन्द्र के साथ ही मंडी के अधिकृत निजी खरीदी केन्द्र और सौदा-पत्रक व्यवस्था के माध्यम से भी फसल बेचने की सुविधा प्रदान की गई। गेहूँ, धान एवं अन्य फसलों के उपार्जन की 33 हजार करोड़ रूपये से अधिक की राशि किसानों के खातों में अंतरित की गई।
    प्रदेश के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में प्रतिवर्ष 6-6 हजार रूपये तो मिल ही रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के किसानों के लिये मुख्यमंत्री किसान-कल्याण सम्मान निधि योजना की शुरूआत कर किसानों को मध्यप्रदेश शासन की ओर से प्रतिवर्ष 4 हजार रूपये दो बराबर किश्तों में दिये जाना शुरू किया गया। इस प्रकार किसानों को अब कुल 10 हजार रूपये प्रतिवर्ष किसान सम्मान निधि मिल रही है।
    किसानों की परेशानियों को भी मुख्यमंत्री श्री चौहान भलीभांति समझते हैं। उन्होंने प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य परिस्थिति में किसान की उपज को हुए नुकसान में राहत पहुँचाने वाली प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लंबित प्रीमियम जमा कर किसानों को राहत पहुँचाई। लॉकडाउन की विकट स्थिति में एक करोड़ 29 लाख टन गेहूँ 16 लाख किसानों से खरीद कर उनके खातों में 27 हजार करोड़ से अधिक की राशि अंतरित किया जाना किसानों के लिये बड़ी राहत थी।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण योजना को पुनरू चालू करते हुए किसानों को राहत पहुँचाई। इसके लिये सहकारी बैंकों को 800 करोड़ रूपये की राशि भी उपलब्ध करवाई गई।  किसानों की आय को बढ़ाने के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बेहतर प्रबंधन और सिंचाई परियोजनाओं पर प्राथमिकता से कार्य करवाये। इन कार्यों से प्रदेश में अधिक से अधिक क्षेत्र में सिंचाई की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। वर्ष 2020 तक लगभग 40 लाख 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएँ विकसित की गईं। प्रदेश में 19 वृहद, 97 मध्यम और 5344 लघु सिंचाई योजनाओं का कार्य पूर्ण किया गया। इसके साथ ही 27 वृहद, 47 मध्यम और 287 लघु सिंचाई योजनाएँ प्रगति पर हैं। प्रदेश में अगले 5 वर्षों में 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।    कोरोना काल में पंचायत एवं ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं में 57 हजार 653 जल- संरचनाओं का निर्माण किया गया। इन सभी जल संरचनाओं से जहाँ एक ओर स्थानीय लोगों को कोरोना काल में रोजगार मिला, वहीं भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी के साथ किसानों को खेती में सिंचाई के लिये पानी भी मिल रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा विगत कई वर्षों से सिंचाई बजट में निरंतर वृद्धि भी की जा रही है।
    हाल ही में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रि-परिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राजस्व पुस्तक परिपत्र में नये प्रावधान जोड़े हैं। इन प्रावधानो में प्राकृतिक प्रकोप, आग लगने तथा वन्य प्राणियों द्वारा मकान नष्ट किये जाने पर आर्थिक सहायता को शामिल किया। किसानों को कृषि कार्य के लिये फ्लैट दरों पर बिजली दी जा रही है, जिसमें 22 लाख कृषि उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं। किसानों को खेती के लिये बिजली कनेक्शनों पर 14 हजार 244 करोड़ रूपये का अनुदान दिया गया।
    प्रदेश कृषि अधोसंरचना विकास फंड के उपयोग में मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे है। अधोसंरचना विकास के लिये आत्म-निर्भर कृषि मिशन का गठन किया गया है। कृषि विकास एवं किसान-कल्याण के लिये विभिन्न योजनाओं पर 83 हजार करोड़ रूपये से अधिक के हितलाभ दिये गये हैं। किसानों के हित में मंड़ी नियमों में ऐतिहासिक सुधार भी किया गया हैं। मंडी टेक्स 1.50 प्रतिशत से घटाकर 0.50 प्रतिशत किया गया। कृषि की लागत कम करने, उत्पादन बढ़ाने तथा उपज का सही दाम किसानों के दिलाने के लिए कृषि उत्पादक संगठनों (एफ.पी.ओ.) को मजबूत किया जा रहा है। आगामी वर्षों मे एक हजार नये कृषि उत्पादक संगठनों का गठन किया जाएगा।
    किसानों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा फसल नुकसानी पर न्यूनतम मुआवजा राशि 5 हजार रूपये की गई है। इस संबंध में राजस्व पुस्तक परिपत्र में संशोधन भी किया गया है। शिवराज के इन्हीं सब कार्यों का परिणाम है कि मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर निरंतर बढ़ रही है। प्रदेश को लगातार सातवीं बार कृषि कर्मण अवार्ड से नवाजा गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान के सफल प्रयासों ने उन्हें खेती-किसानी और किसानों की बेहतरी के पुरोधा के रूप में मान्यता दिलाई है। 

ईव्हीएम गोडाउन का मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों की उपस्थिति में कलेक्टर ने किया निरीक्षण

राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशन में प्रति दो माह में ईव्हीएम गोडाउन का निरीक्षण मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों की उपस्थिति में करना है। निर्देशों के तहत कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन और पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार पाण्डेय ने गुरूवार 4 मार्च 2021 को नवीन ईव्हीएम गोडाउन में मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों की उपस्थिति में अपने समक्ष ताले खुलवाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण में पिछले वर्ष की रखी ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपैट, बीयू, सीयू का अवलोकन किया। इसके बाद अपनी उपस्थिति में ही ईव्हीएम गोडाउन को सभी के हस्ताक्षर कराकर सील किया। इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एलके पाण्डे, ईव्हीएम गोडाउन के प्रभारी कार्यपालन यंत्री श्री एसके वर्मा सहित राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
  

राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशन में प्रति दो माह में ईव्हीएम गोडाउन का निरीक्षण मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों की उपस्थिति में करना है। निर्देशों के तहत कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन और पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार पाण्डेय ने गुरूवार 4 मार्च 2021 को नवीन ईव्हीएम गोडाउन में मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों की उपस्थिति में अपने समक्ष ताले खुलवाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण में पिछले वर्ष की रखी ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपैट, बीयू, सीयू का अवलोकन किया। इसके बाद अपनी उपस्थिति में ही ईव्हीएम गोडाउन को सभी के हस्ताक्षर कराकर सील किया। इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एलके पाण्डे, ईव्हीएम गोडाउन के प्रभारी कार्यपालन यंत्री श्री एसके वर्मा सहित राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
 

55 हजार 452 किसानों ने कराया पंजीयन आज तक करा सकते है पंजीयन, पोर्टल फेल, पैसा दो पंजीयन कराओ

  किसानों की उपज को समर्थन मूल्य पर क्रय करने की दृष्टि से रबी उपज गेहूं, चना, मसूर और सरसों की खरीदी के लिये किसान अपना पंजीयन 5 मार्च 2021 तक करा सकते है। 5 मार्च को किसानों का पंजीयन सिर्फ सहकारी समितियों के केन्द्रों पर ही किया जायेगा।  

    जिले में 22 फरवरी तक 55 हजार 452 किसानों ने पंजीयन कराया था। इनमें 28 हजार 115 गेहूं के कृषक, 773 चना और 26 हजार 564 सरसों के किसानों ने पंजीयन कराया है।  
    जौरा तहसील में 8 हजार 168 गेहूं, 330 चना और 7 हजार 112 कृषकों ने सरसों का पंजीयन कराया है। इसी तरह अम्बाह में 4 हजार 98 गेहूं, 33 चना और 3 हजार 623 किसानों ने सरसों का पंजीयन कराया है। पोरसा तहसील में 3 हजार 747 गेहूं के किसानों ने, 71 चना और 3 हजार 709 सरसांे के किसानों ने पंजीयन कराया है। मुरैना तहसील में 3 हजार 457 गेहूं के किसानों ने, 55 चना और 3 हजार 297 सरसों के किसानों ने पंजीयन कराया है।
    कैलारस तहसील के 3 हजार 171 गेहूं के किसानों ने, 88 चना और 3 हजार 618 सरसों के किसानों ने पंजीयन कराया है। सबलगढ़ तहसील में 2 हजार 887 गेहूं के किसानों ने, 150 चना और 3 हजार 131 सरसों के किसानों ने पंजीयन कराया है।
    बानमौर तहसील में 2 हजार 147 गेहूं के किसानों ने, 32 चना के और 1 हजार 712 सरसों के किसानों तथा मुरैना नगर के 440 गेहूं के किसानों ने, 14 चना के और 362 सरसों के किसानों ने पंजीयन कराया है। किसानों का पंजीयन कार्य अभी जारी है।

·        ग्वालियर हाई कोर्ट के जूरिस्डिक्शन क्षेत्रांतर्गत कार्य करेगा लीगल एड क्लिनिक ·        गरीबों , लाचारों को मिल सकेगी मुफ्त कानू...