कल दिया गया सूचना का अधिकार का आवेदन
आवेदन अंतर्गत धारा 6 , सूचना का अधिकार
अधिनियम 2005
Through E Mail And By Speed Post
Signaured Copy is
Enclosed Here As attachment
प्रति
,
लोक
सूचना अधिकारी
महाप्रबंधक
कार्यालय
मध्यक्षेत्र
विद्युत वितरण कंपनी लि0
मुरैना
म प्र
(NOTE : आवेदक न्यायबंधु है तथा विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार
द्वारा नेशनल लीगल सर्विसेज एक्ट 1987 ( नालसा) के तहत प्रोबोनो लीगल सर्विसेज का
अधिकृत , मान्यता
प्राप्त व सूचीबद्ध एडवाकेट होकर , सभी प्रकार के न्याय शुल्क एवं अन्य प्रभारों से
पूर्णत: मुक्त है )
विषय : न्यायालयीन उपयोग हेतु मुझ अधोहस्ताक्षर कर्ता नरेन्द्र सिंह तोमर
एडवोकेट को निम्न जानकारीयों की जनहित में याचिका प्रस्तुत करने हेतु आवश्यकता है, कृपया आवश्यक जानकारीयां मय दस्तावेजात प्रमाणित प्रतियों में
उपलब्ध करायें , यदि जानकारी दस पृष्ठ से अधिक है तो अधिनयम व
नियमों के प्रावधानानुसार प्रमाणित डी वी डी या सी डी उपलब्ध करायें ।
महोदय/ महोदया ,
उपरोक्त विघयान्तर्गत कृपया निम्न बिन्दुओं पर
मुझे सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत माह अप्रेल वर्ष सन 2000 तक
की ( अधिनियम के प्रावधानानुसार आज दिनांक से विगत 20 वर्ष तक की ) निम्न
जानकारीयों की आवश्यकता है , कृपया उपलब्ध कराने का कष्ट करें ।
1 यह कि आवेदक
नरेन्द्र सिंह तोमर , 42 गांधी कालोनी , मुरैना म प्र ने माह
अप्रेल सन 2000 से आज दिनांक तक बिजली के संबंध में विभिन्न स्तरों पर
विभिन्न माध्यमों जिसमें व्यक्तिगत आवेदन उपस्थित होकर दिये गये , फयूज
ऑफ कॉल रजिस्टर में दर्ज की गयी शिकायतें , फोन कॉल माध्यम से
दिये गये ,आनलाइन
विभन्न पोर्टलों पर दर्ज कराये गये और ई मेल आदि के माध्यम से भेजे गये पत्र , आवेदन
और शिकायतें आदि की कुल संख्या कितनी है और यह किस किस विषय पर किस किस दिनांक को
कितने कितने बजे पर दिये गये । सभी की इकजाई सूची के साथ सभी की प्रतिलिपि चाहिये
।
2. यह कि 42 गांधी
कालोनी मुरैना में प्रथम विद्युत कनेक्शन किस दिनांक , माह एवं वर्ष में
लिया गया और इसका मीटर क्रमांक क्या था , तथा यह कब किस दिनांक को तत्समय के म प्र विद्युत
मंडल मुरैना द्वारा वापस लिया गया तथा इसकी अंतिम रीडिंग क्या थी । तथा इसका पहला
एवं अंतिम बिल क्या था , सभी की प्रमाणित प्रति चाहिये ।
3. वर्तमान में 42
गांधी कालोनी मुरैना पर विद्युत कनेक्शन कब व किसके नाम से किस दिनांक , माह
एवं वर्ष में लगाया गया तथा यह किस प्रकार का था और इसका आवेदन क्या था , इस
आवेदन की प्रति चाहिये , तथा यह कनेक्शन कितने फेज का था , और
कितने फेज का लगयाया गया , वर्तमान में कितने फेज पर यह चालू एवं संचालित है ।
4. यह
कि वर्तमान में 42 गांधी कालोनी मुरैना म.प्र पर संचालित विद्युत
कनेक्शन का पहला विद्युत मीटर किस दिनांक को लगाया गया एवं उसकी अंतिम रीडिंग क्या
थी । तथा इसका पहला एवं अंतिम बिल क्या था , सभी की प्रमाणित
प्रति चाहिये । इस कनेक्शन पर दूसरा नवीन विद्युत मीटर कब और किस दिनांक को और किस
स्थल पर लगाया गया , इस मीटर की अंतिम रीडिंग क्या थी और इसका पहला व
अंतिम बिल क्या है , सभी की प्रमाणित प्रति चाहिये ।
5. 42
एवं 43 गांधी कालोनी मुरैना को सप्लाई की जाने वाली विद्युत ट्रांसफार्मर पोल पर
से कुल कितने घरों में विद्युत कनेक्शन किस किसको दिये गये हैं उन सभी के नाम पते , कनेक्शन
क्रमांक व कनेक्शन दिनांक जिसमें पहला कनेक्शन दिनांक मय माह एवं वर्ष तथा अंतिम व
वर्तमान कनेक्शन दिनांक , माह व वर्ष तथा उनके पहले व वर्तमान विद्युत
कनेक्शनों के आवेदन की प्रति तथा उनके पहले व अंतिम बिजली बिलों की प्रति की
प्रमाणित प्रतियां चाहिये ।
6. गांधी
कालोनी मुरैना के कुल कितने घरों में आकलित खपत के बिल भेजे जाते हैं उन सभी के
पहले व अंतिम बिजली बिलों की प्रमाणित प्रतियां चाहियें तथा उनका प्रथम
कनेक्शन आवेदन व वर्तमान कनेक्शन आवेदन सभी की प्रमाणित प्रतियां चाहिये । गांधी
कालोनी क्षेत्र में कुल कितने बिजली मीटर खराब हैं या हें ही नहीं उनकी संख्या
क्या है एवं मीटर रीडर द्वारा उनकी खराब होने या न होने की रिपोर्ट कब कब कितने
दिन के भीतर दी गयी और कितने दिन के भीतर खराब मीटर बदले गये । सभी रिपोर्टों की
सन 2001 से आज दिनांक तक की प्रमाणित प्रति चाहिये ।
7. कुल
कितने बिजली पोल से मुरेना नगर निगम क्षेत्र में बिजली पोल ट्रांसफार्मर पर 5 से
कम घरेलू उपभोक्ताओं या व्यावसायिक उपभोक्ताओं से कम कनेक्शन हैं और कितने पर 5 से
अधिक ऐसे उपभोक्ताओं के कनेक्शन हैं , तथा कितने उपभोक्ता बिना तय कनेक्शन संख्या
वाले बिजली पोल ट्रांसफार्मरों से जुड़े हैं और उनके बिल निर्धारण का क्राइटीरिया
व तरीका क्या है । नगरनिगम क्षेत्र में कुल कितने बिजली मीटर खराब हैं या हैं ही
नहीं उनकी संख्या क्या है एवं मीटर रीडर द्वारा उनकी खराब होने या न होने की
रिपोर्ट कब कब कितने दिन के भीतर दी गयी और कितने दिन के भीतर खराब मीटर बदले गये
।
8. उपभोक्ताओं
घरेलू एवं व्यावसायिक दोनों का ही लोड टेस्टिंग का क्राइटीरिया क्या है और वैधानिक
आधार क्या है , एवं किस मशीन या उपकरण का उपयोग लोड टेस्टर के लिये
क्या जाता है , तथा ऐसी मशीनें व उपकरण कितनी संख्या में मध्यक्षेत्र
विद्युत वितरण कंपनी की मुरैना शाखा के पास उपलब्ध हैं एवं कब कब कितने कितने
मुल्य में कहां से खरीदीं गयीं , इनके टेंडर व कब किसको किये गये , इन
टेंडरों की प्रमाणित प्रति चाहिये और कुल उपलब्ध संख्या की प्रमाणित प्रतियां
चाहियें ।
अस्तु उपरोक्तानुसार
आवेदक इन सभी मामलों में हर प्रकार की न्यायालयीन व कानूनी कार्यवाही हेतु भारम
सरकार के न्याय विभाग , विधि और न्याय मंत्रालय से सूचीबद्ध व अधिकृत होकर
अत्यावश्यक और उचित कार्यवाही व्यापक जनहित में करने जा रहा है । जिसके लिये
उपरोक्त जानकारी की मय दस्तावेज प्रमाणित प्रतियों में आवश्यकता है । तथा इस
संबंध में प्रत्येक प्रकार के शुल्क , न्यायायिक शुल्क एवं अन्य प्रभारों से मुक्त है ।
देखें आनलाइन न्याय विभाग भारत सरकार का पोर्टल ।
दिनांक 24 मार्च
2021
हस्ताक्षर डिजिटल एवं स्याही में ( दोनों में ) मय सील
नरेन्द्र सिंह
तोमर
एडवोकेट
Narendra Singh Tomar
Advocate ( M.P. High Court – Gwalior Bench)
Attorney For Trade Marks , Copy Rights, Patents and Designs.
Nyaya Bandhu ( Probono Legal Services Under NALSA )
42 , Gandhi Colony – Morena – M.P.
Mobile Numbers – 9425738101 & 7000998037
केवल आधी Gandhi Colony Morena में लगातार विगत चार दिन से की जा रही पूरे दिन रात की मैराथन बिजली कटौती के बाद फिर आज भी अभी इस समय तक बिजली कटौती जारी है
नहीं
करते बिजली कंपनियों के लोग बिजली बिल एडजस्ट , खुद करते हैं चोरी और करवाते हैं ले देर बिजली चोरी , एक डाक्टर ने अपने क्लिनिक में यहां लगवा
रखा है, काफी समय से , दो बरस पहले से यानि सन 2018 से, वह बिजली की एक्सेस
प्राडक्शन को बिजली कंपनी को हर रोज अनेक महीने तक सप्लाई करता रहा , मगर बिजली
कंपनी ने उसे भुगतान करने के बजाय उल्टा उस पर दे दनादन बिल पर बिल भेज दिया ,
डाक्टर अपना माथा फोड़ता रह गया और बिजली वालों से उल्टे अपना बिल माफ कराने को
चक्कर लगाता फिर , उसके बाद लाकडाउन में बिजली कंपनी वालों ने उसका बिल बिलासुर
बनाकर अनाप-शनाप बिल दे दे कर बिलबिला दिया ।
सो कोई
अब बिजली कंपनी को एक्सेस सप्लाई देगा यह तो चंबल में यह गलती कोई नहीं करेगा ।
अखबारों में जब उसकी खबर छपी तब लोगों को पता चली और एक नया कारनामा नयी
कारिस्तानी लोगों को पता चली ।
हमारा
या हमारे मोहल्ले का मामला जरा पेचीदा है, हमारे खंबे पर हमने अपने प्रयासों से एक
एस ई से 25 के वी का ट्रांसफार्मर हटवा कर 63 के वी का लगवाया, उस समय एक सब
इंजीनियर जबरदस्ती उस पर 25 के वी का ही ट्रांसफार्मर रखवा रहा था, हमने फिर उसी
वक्त एस ई से फोन पर बात की , एस ई ने हमसे कहा कि नहीं तोमर साहब वहां 63 के वी
का ही ट्रांसफार्मर रखा जायेगा मैंने वहां 63 के वी का ही ट्रांसफार्मर मंजूर किया
है और वही वहां रखा जायेगा ।
खैर
उसके कुछ बरस बाद वह सब इंजीनियर यहीं मुरैना में ही एस ई बन गया , उसके बाद उसने
वो अंधेरगर्दी मचाई कि 5 कनेक्शन वाले ट्रांसफार्मर पर यानि उस हमारे पोल पर केवल
तीन कनेक्शन उपभोक्ताओं के और बाद बाकी दो पांइ़ट्स से एक तरफ का आधे मोहल्ले की
सभी घरों की पूरी सप्लाई और दूसरे प्वाइंट पर आधी एक अलग गली की सप्लाई , मतलब डबल
क्रॉस, यानि पोल के रीडिंग के हिसाब से तीन उपभोक्ताओं पर एवरेज बिलिंग और बाद
बाकी मोहल्ले से भी हर घर से अलग-अलग एवरेज बिलिंग , मतलब खंबे और ट्रांसफार्मर की
अनाप-शनाप कमाई अलग और बाकी मोहल्ले के हर घर से एवरेज और मीटर्ड बिल दोनों तरह की
वसूली अलग । यानि बाकी मोहल्ले में 5 कनेक्शन वाला कोई ट्रांसफार्मर ही नहीं है ,
अब उनका पोल नंबर और ट्रांसफार्मर नंबर क्या कैलकुलेट किया जायेगा ये तो खुदा जाने
, क्योंकि उनकी लाइन पोल ट्रांसफार्मर ही नहीं । ये हमने अपनी पी जी भारत सरकार के
रिमांइडर में कल ही सब उल्लेख किया है ।
अब
दिक्कत ये है कि बिजली कंपनी वाले सी एम हेल्पलाइन म प्र को कुछ समझते नहीं और लपक
कर अर्जी फर्जी तरीके से शिकायतें क्लोज करा देते हैं , इसलिये हम अब सी एम
हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करते नहीं , मगर खुद म प्र शासन ही अपने आप ही मैपिंग कर
खुद ही शिकायत हमारे नाम और नंबर से दर्ज कर देता है और शिकायत चलाता रहता है,
अबकी बार सरकार बदल जाने से ही एम हेल्पलाइन कुछ सख्त और खतरनाक तरीके से चल और
काम कर रही है, इसलिये वे समझते हैं कि हमने सी एम हेल्पलाइन पर शिकायत फिर दर्ज
कर दी , और वे हमारे पोल जोन एरिया की बिजली काटते रहते हैं, हम हालांकि 3 फेज
उपभोक्ता है मगर हमें कभी 3 फेज सप्लाई सन् 2010 से मिली ही नहीं केवल सिंगल फेज
सप्लाई देते हैं और बिल 3 फेज का देते हैं , पहले तो कई साल तो इसी में ही लगा
दिये कि तीनों फेजों को सिंगल फेज में जोड़कर 3 फेज सप्लाई बताते रहे, जब तक वह
शिकायत गर्म रही तब तक यह नौटंकी दिखाते रहे , फिर 2010 के बाद क्लीयर कट सिंगल
फेज सप्लाई ही चल रही है, खैर ये सारी बातें कल के रिमांइडर में हमने लिखी है,
क्योंकि हम जानते हैं कि एक और अगली पी जी आयेगी तो सबके साथ अब सारा ही मसला
खुलकर सामने आयेगा । समझे के बी कुछ , चोरों के पीछे मोर पड़े हैं, हम भी अबकी बार
कसम खा के बैठै है , आर या पार
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