रू ब रू भाग - 1 , जनता की आवाज , फार्मा हाउस मेडिकल स्टोर और पीताम्बरा लॉज मुरैना से मुलाकात

 


सेक्टर अधिकारी अपने दायित्वों को समझें - उप जिला निर्वाचन अधिकारी, सेक्टर ऑफीसरों का प्रशिक्षण संपन्न

आगामी समय में नगरीय निकायों के चुनाव प्रस्तावित है। इस संबंध में सेक्टर ऑफीसरों की नगरीय चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसलिये जो भी चुनाव आयोग के तत्काल निर्देश जारी होतें है, उनको सेक्टर ऑफीसर अवश्य पढ़ लें। ये बात उप जिला निर्वाचन अधिकारी (स्थानीय निर्वाचन) श्री एलके पाण्डे ने सेक्टरों ऑफीसरों को प्रशिक्षण के दौरान कही। इस अवसर पर राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स श्री व्योमेश शर्मा, नगर निगम मुरैना एवं बानमौर के लिये बनाये गये 43 सेक्टर ऑफीसर उपस्थित थे।   
    उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एलके पाण्डे ने कहा है कि एक सेक्टर ऑफीसर को 10 से 12 मतदान केन्द्रों के लिये नियुक्त किया गया है। जिनकी नियुक्ति जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा की गई है। सेक्टर ऑफीसर अपने अधीनस्थ मतदान केन्द्रों के लिये अधिसूचना जारी होने की तिथि से मतदान समाप्ति दिवस तक के लिये उत्तरदायी होते है। सेक्टर ऑफीसर अपने मतदान केन्द्र के अन्तर्गत जागरूकता, चुनाव प्रबंधन, आदर्श आचार संहिता, कानून व्यवस्था, ईव्हीएम की कार्यप्रणाली, समन्वय और मतदान प्रक्रिया संपन्न होने तक की जिम्मेदारी रहती है।

सेक्टर ऑफीसर के दायित्व

    मानचित्र में दर्शाया गया मार्ग सुगम है, अर्थात् मतदान केन्द्र तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। मतदान केन्द्र पर मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे पानी, छाया, रैम्प, प्रसाधन मूल-भूत सुविधाओं को सुनिश्चित करना है। नये मतदान केन्द्र का विस्तृत प्रचार-प्रसार, मतदान केन्द्र के संबंध में दूरभाष नंबरों को ज्ञात करना, कहीं पार्टी, दफ्तर, मतदान केन्द्र के प्रतिबंधित क्षेत्र में स्थित तो नहीं है, अवैध वाहनों के संचालन में नजर रखना, आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में तत्काल अधिकारियों को रिपॉर्ट करना, संपत्ति विरूपण मामले में नजर रखना, ईव्हीएम मशीनों का प्रदर्शन, मतदाताओं को उनके मतदान केन्द्र के हेल्पलाइन नंबर संबंधी जानकारी उपलब्ध कराना रहेगा। यह प्रशिक्षण राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स श्री व्योमेश शर्मा ने दिया। 

शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में भौतिक शास्त्र राष्ट्रीय बेवीनार का आयोजन किया गया

शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मुरैना के भौतिक शास्त्र विभाग में बुधवार को विश्व बैंक परियोजना अंतर्गत राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन गूगल मीट तथा यूटयूब की सहायता से रिसेन्ट ट्रेन्ड इन नेनो टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल डवलपमेन्ट विषय पर आयोजित किया गया जिसमें विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ पीके जैन वैज्ञानिक एवं हेड सेंटर फॉर कार्बन मटेरियल हैदराबाद ने अपने विचार प्रस्तुत किये। उन्होंने नेनोटेक्नोलॉजी का दैनिक जीवन में उपयोग सहजता से समझाया। चाय के स्वाद की पहचान के लिये कार्बन नेनो जिव्हा की भूमिका पर प्रकाश डाला तथा स्टील्थ विमानों में विद्युत चुंबकीय तरंगों के अवशोषण में कार्बन नेनो जिव्हा की भूमिका पर प्रकाश डाला। डॉ कमलेश यादव सहायक प्राध्यापक सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी भटिन्डा ने पोलिमर, नेनौ मटेरियलस तथा इससे जुडे सभी विषयों पर सारगर्भित विचार प्रस्तुत किये तथा नैनो टेक्नोलॉजी विषय को सभी प्रतिभागियों को अत्यंत सहजता से समझाया। इसकी अध्यक्षता डॉ सीएल गुप्ता प्राचार्य ने की। डॉ एन के भारद्वाज ने वेबीनार का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। डॉ नेहा कनौजिया तथा डॉ आरके भदकारिया द्वारा वैबीनार का सफल संचालन किया गया। डॉ एके उपाध्याय विभागाध्यक्ष भौतिक शास्त्र ने आभार प्रकट किया। डॉ एएस गहलौत, डॉ आरपी सिंह, डॉ आरएल सखवार, डॉ सुनीता सिंह, डॉ भूप सिंह यादव, डॉ मंजूलता शर्मा, डॉ अलका यादव, प्रो लोकेश झा, श्री हरिओम गौड, श्री अनिल हर्षाना, श्री डीपी इंदौलिया तथा श्री राकेश कुमार वेबीनार में उपस्थित रहे।   

चंबल कालोनी अम्बाह में शासकीय भूमि अतिक्रमण से मुक्त

अम्बाह तहसील के अंतर्गत चंबल कॉलोनी के पास स्थित शासकीय सर्वे नंबर 1914/2 रकबा 0.072 को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। अतिक्रमण हटाने की इस कार्यवाही में अनुविभागीय अधिकारी अंबाह श्री राजीव समाधिया के निर्देशन में तहसीलदार अंबाह श्री राजकुमार नागोरिया, मुख्यालय पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक अंबाह के साथ एवं नगर पालिका अंबाह, सिंचाई विभाग अंबाह के कर्मचारी एवं पुलिस बल के सहयोग से कार्यवाही की गई। यह शासकीय भूमि पोरसा अंबाह मेन रोड़ पर स्थित है एवं इसकी कीमत लगभग 2.5 करोड रुपए है।
 

नगरनिगम के अन्तर्गत पंचवर्षीय योजना के प्रजेन्टेशन का चंबल कमिश्नर ने किया अवलोकन, पंचवर्षीय योजना में निगम, स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर दिया है जोर

प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर प्रदेश के सभी जिलों में पंचवर्षीय कार्य योजना पर प्लानिंग का कार्य चल रहा है, जिसमें 2021 से 2026 तक निगम, स्वास्थ्य और शिक्षा में प्लानिंग के हिसाब से प्रगति लाने के निर्देश दिये है। इसके तहत चंबल कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना की अध्यक्षता में नवीन कलेक्ट्रेट सभागार में निगम द्वारा पंचवर्षीय योजना की प्लानिंग के प्रजेन्टेशन पर अवलोकन कराया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने भी अपने नवीन सुझाव बीच-बीच में प्रस्तुत किये। प्रजेन्टेशन के समय अपर कलेक्टर श्री उमेशप्रकाश शुक्ला, संयुक्त आयुक्त विकास श्री राजेन्द्र सिंह, नगर निगम कमिश्नर श्री अमरसत्य गुप्ता, एसडीएम श्री आरएस बाकना, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित नगर निगम के अन्तर्गत चल रहे निर्माण कार्य को देख रहे संबंधित अधिकारी एवं सीवर निर्माण के ठेकेदार उपस्थित थे।      
    चंबल कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने कहा है कि पंचवर्षीय योजना विशेषकर शहर के सौन्दर्यीकरण के लिये बनाया जाना है, जिसमें सड़क, आवास, लोंगो को रोजगार, बस स्टेण्ड, नाले-नालियां, प्रकाश, पेयजल, ट्रीटमेन्ट प्लान, गौशालायें एवं डोर टू डोर कचरा गाड़ी तथा सूख कचरा, गीला कचरा अलग-अलग संग्रहित हो। इसके लिये आगामी प्लानिंग के हिसाब से तैयारी की जाये। जितने लोंगो को आवास आवंटित किये जाये, उन लोंगो को विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभ भी दिलाना सुनिश्चित किया जाये। चंबल कमिश्नर ने सर्वप्रथम स्वच्छ सर्वेक्षण, ओडीएफ प्लस-प्लस की समीक्षा की, जिसमें जिले की रैकिंग 50वें स्थान पर बताई गई है। चंबल कमिश्नर ने स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में विस्तार से पी.पी.टी. में संशोधन एवं सुधार की बात कही। चंबल कमिश्नर ने बताया कि निगम के अन्तर्गत 47 वार्ड है, जिसमें मात्र 24 वार्डो में सीवर निर्माण का कार्य चल रहा है। जिसमें सीवर ट्रीटमेन्ट प्लान की क्षमता एवं सीवर लाइन की जानकारी ली। जिसमें 154 किलोमीटर की सीवर लाइन का कार्य पूर्ण होना बताया गया, तथा 2 लाख पॉपुलेशन (जनसंख्या) के हिसाब से निर्माणाधीन ट्रीटमेन्ट प्लान की जानकारी दी। इसके बाद चंबल कमिश्नर ने प्रधानमंत्री आवास की आने वाले दिनों में जनसंख्या के आधार पर नवीन आवासों की आवश्यकता की प्लानिंग पर विस्तार से निर्देश दिये।  
    जल प्रदाय योजना के संबंध में चंबल कमिश्नर श्री सक्सेना ने कहा कि आने वाले दिनों में 5 लाख जनसंख्या के मान से 135 लीटर प्रति व्यक्ति के हिसाब से पानी की आवश्यकता रहेगी। इसके पुख्ता प्रबंध हो। शहरों की सड़क, प्रकाश, रोड़ नेटवर्क एवं कनेक्टविटी बेहतर रहे। शहर में ऐसी रोड़ का निर्माण किया जाये, जो शहर की लाइफ लाइन या लिंक रोड़ के नाम से जानी जाये। उन्होंने देवरी गौशाला पर जैविक खाद की रूपरेखा एवं आने वाले दिनों में लोंगो को रोजगार, सामाजिक सुरक्षा आदि पर विशेष फोकस रखने के निर्देश दिये। उन्होंने शहर में बस स्टेण्ड परिसर में बसों की क्षमता की जानकारी ली एवं मुरैना जिले के अन्तर्गत टूरिस्ट हब बनें, इसके लिये रोड़ एवं मुरैना जिले से पहुंच मार्ग सुंदर एवं सांकेतिक बनें, जिससे लोग आसानी से पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि एक जिला एक उत्पाद के तहत भी अच्छा कार्य होना चाहिये, जिसमें हनी या गजक पर विशेष फोकस रहे। चंबल कमिश्नर श्री सक्सेना ने कहा है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में 2026 तक लोंगो को स्वास्थ्य सुविधायें मिले, इसके लिये प्लानिंग तथा 300 बिस्तर वाला अस्पताल नवनिर्मित हो रहा है, वहां तक एप्रोच रोड़ सुंदर बनें, जिससे हमारा अस्पताल नम्बर-1 कहलाये।
    चंबल कमिश्नर ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में दिनों दिन जिला प्रगति करें, इसके लिये अगली पंचवर्षीय योजना में विद्यालय, शिक्षक एवं विद्यालयों में आवश्यक सुविधायें मौजूद रहें। इस प्रकार की प्लानिंग के साथ अपडेट रहें। 

पोरसा में रोजगार मेला आज

 रोजगार मेला 25 फरवरी को पोरसा जनपद के सभागार में प्रातः 11 से 4 बजे तक आयोजित किया जायेगा। जिसमें मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत रोजगार मेले का आयोजन किया गया है।

रोजगार मेला सबलगढ़ में संपन्न: 111 युवकों का हुआ चयन

कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन के निर्देशन में प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा सबलगढ़ में रोजगार मेले का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 216 युवाओं ने भाग लिया। जिसमें 111 युवकों का विभिन्न कंपनियों द्वारा चयन किया गया है। यह जानकारी प्रबंधक श्री दिनेश तोमर द्वारा दी गई है। 

वर्षो बाद 13 सहरिया आदिवासियों को वापस मिलेगी जमीन अपर आयुक्त ने अपने न्यायालय से किया निर्णय, कलेक्टर श्योपुर को दिये कब्जा दिलाने के निर्देश

श्योपुर जिले की वीरपुर तहसील के ग्राम सुठारा में 13 आदिवासियों की 200 बीघा जमीन पर दबंगो द्वारा किये गये कब्जा को हटाकर उक्त 200 बीघा जमीन 13 आदिवासियों को वापस दिलाने का आदेश अपर आयुक्त न्यायालय से पारित किया है।      
    अपर आयुक्त श्री अशोक कुमार चौहान ने बताया कि अपर आयुक्त न्यायालय से आदेश पारित कर कलेक्टर श्योपुर को निर्देश दिये गये है कि दंबगों के लोंगो द्वारा आदिवासियों की जमीन पर किये कब्जे को हटाकर सभी 13 आदिवासियों की जमीन उन्हें वापस दिलाई जाये।  
    आदेश में कहा गया है कि श्योपुर जिले की वीरपुर तहसील के ग्राम सुठारा की कुल रकवा 40.53 हेक्टेयर भूमि 13 आदिवासियों के हक किये गये पट्टे (भूमिबंटन) को तत्तकालीन नायब तहसीलदार वीरपुर द्वारा वर्ष 1988-89 में बगैर सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के निरस्त कर गैर आदिवासियों के नाम फर्जीतौर पर बगैर प्रकरण क्रमांक आदेश से राजस्व अभिलेख में पट्टे दर्ज करने के संबंध में अपर आयुक्त न्यायालय में विचाराधीन था। कुल 13 निगरानी प्रकरणों में जांच व विधिवत सुनवाई उपरांत नायब तहसीलदार द्वारा की गई अवैधानिक कार्रवाही को निरस्त कर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व विजयपुर द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 170 (ख) के तहत पारित आदेश की पुष्टि करते हुये 22, 23 फरवरी 2021 को ग्राम पालपुर निवासी 13 आदिवासियों को उनके वारसान को शीघ्र कब्जा देने के लिये कलेक्टर जिला श्योपुर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व विजयपुर को आदेशित किया गया है।
    प्रकरण में आदिवासी पक्षकारों की ओर से अधिवक्ता श्री कुलदीप डण्डोतिया द्वारा साक्ष्य पेश कर विस्तृत बहस की गई।  
    जिन 13 आदिवासियों की यह जमीन है, उनमें मृतक चेतू पुत्र जीमा सहर के वारिस कल्याण पुत्र चेतू सहर, कुल रकवा 3.554 हेक्टेयर, सुनेश पुत्र किसनू सहर कुल रकवा 2.812, गुलाव पुत्र गेदंया सहर की मृत्यु होने की दशा में उनके विधिक वारिसान कुल रकवा  2.613, गुलाव पुत्र कलिया सहर कुल रकवा 4.17, अंतो पुत्र देखन सहर कुल रकवा 0.993,  नंदू पुत्र हरिभजन सहर कुल रकवा 2.351, बनवारी पुत्र घासी सहर कुल रकवा 5.602, लक्ष्मण पुत्र ल्होरिया सहर कुल रकवा 3.92, पप्पू पुत्र विस्सू सहर कुल रकवा 2.979 लक्ष्मण पुत्र ल्होरिया सहर कुल रकवा 2.823 सोवरन पुत्र रघु सहर कुल रकवा 2.717, उम्मेद पुत्र रतन सहर 2.979, संता पुत्र गोविन्दा सहर कुल रकवा 3.037 है। 

पीजी कॉलेज में रोजगार मेला 26 फरवरी को: अधिकारियों को सौंपे दायित्व

  मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर श्री बी कार्तिकेयन द्वारा 26 फरवरी को प्रातः 11 बजे शासकीय पीजी कॉलेज जौरा रोड मुरैना में ब्रहद रोजगार मेले का आयोजन किया गया है। मेले में सभी प्रकार के प्रबंध करने के लिये संबंधित जिलाधिकारियों को दायित्व सौंपे गये हैं जिसमें संपूर्ण मेले के नोडल अधिकारी सीईओ जिला पंचायत, कानूनी व्यवस्था, यातायात आदि का प्रबंध, पुलिस अधीक्षक, मेला परिसर में साफ सफाई, पेयजल, सेनेटाइजर आदि का प्रबंध नगर निगम मेले में स्टॉल काउंटर, कार्य के लिये प्राचार्य पीजी कॉलेज कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न कंपनियों को समन्वय स्थापित करने के लिये जिला रोजगार अधिकारी मेले में भोजन, चाय, नाश्ता, पानी की स्टॉल व्यवस्था आईसेक्ट संस्थान मुरैना मेले का प्रचार प्रसार, पोस्टर बैनर, पैम्पलेट, मंच कुर्सी, पेंट एवं कंपनियों के प्रतिनिधियों के ठहरने की व्यवस्था, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन नियोजकों से संपर्क स्थापित करने के लिये जिला उद्योग केन्द्र मेले का प्रचार प्रसार कराने, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन पंचायत स्तर तक मुनादी कराने का दायित्व जनपद सीईओ समाचार पत्रों में निरंतर प्रचार प्रसार करने के लिये जनसंपर्क विभाग मेले में विद्युत व्यवस्था के लिये कार्यपालन यंत्री एमपीईबी मेले के उपरांत चयनित प्रतिभागियों को नियुक्ति पत्र आदि का दायित्व प्राचार्य शासकीय औद्योगिक संस्थान और रोजगार मेले में आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था, एंबुलेंस का प्रबंध मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा करने के निर्देश दिये गये हैं

जिला स्तरीय समिति की बैठक आज

 परियोजना मुरैना शहरी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, उपकार्यकर्ताओं की अनन्तिम सूची पर प्राप्त दावे-आपत्ति के निराकरण हेतु जिला स्तरीय समिति की बैठक 25 फरवरी 2021 को प्रातः 11 बजे नवीन जिला पंचायत के सभागार में आयोजित की गई है। बैठक में जिन-जिन व्यक्तियों द्वारा अपनी आपत्ति दर्ज कराई है, वह बैठक में निर्धारित समय एवं स्थान पर मूल दस्तावेजों के साथ उपस्थित रहें।

चंबल संभाग आयुक्त पूरी तरह से अब ऑनलाइन, घर से काम करने और आवेदन निराकरण पाने आदि का पहला कार्यालय बना, अब लोगों के घर पर फोन व कंप्यूटर पर उपलब्ध, चंबल भवन में लागू हुई ई-ऑफिस प्रणाली

मध्यप्रदेश शासन द्वारा ई-ऑफिस कार्य प्रणाली हेतु सभी संभागायुक्त, कलेक्टर्स एवं शासन के सभी अधीनस्थ कार्यालयों में लागू किये जाने के समय-समय पर निर्देश जारी किये गये है।  

    शासन के निर्देशों के पालन में चंबल कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने 1 फरवरी 2021 से ई-ऑफिस कार्य प्रणाली लागू कर कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया है। निर्देशों के पालन में संयुक्त आयुक्त विकास श्री राजेन्द्र सिंह, संभागीय सलाहकार श्री आकाश शुक्ला, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी सुश्री अभिलाषा जैन के सहयोग से सभी कार्यालयीन अधिकारी, कर्मचारियों के ई-मेल आईडी व पासवर्ड जनरेट कराये गये है। मध्यप्रदेश शासन की वेबसाइट पर मैप्ड कराये गये है। वर्तमान में कार्यालय आयुक्त चंबल संभाग का कार्यालयीन कार्य ई-ऑफिस पद्धति से संपादित किया जा रहा है।  

जिले में संचालित डीजल, पेट्रॉल पंपों पर प्रदूषण नियंत्रण केन्द्र अनिवार्यतः स्थापित हों - कलेक्टर

एन.जी.टी. प्रिंसिपल बैंच नई दिल्ली द्वारा पारित आदेश में मध्यप्रदेश के 6 शहरों क्रमशः भोपल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जेन, सागर तथा देवास चिन्हित किये गये है। जिनमें परिवेशीय वायु गुणवत्ता निर्धारित मानकों के अनुसार नहीं पाई जा रही है। शहरों की परिवेशीय वायु गुणवत्ता प्रभावित होने का एक मुख्य कारण वाहनों का उत्सर्जन भी है। इस संबंध में कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने जिले के समस्त डीजल, पैट्रॉल पंपों पर 15 दिवस के अंदर प्रदूषण जांच केन्द्र (पी.यू.सी. सेन्टर) स्थापित करने के निर्देश जारी किये है। समय सीमा में प्रदूषण जांच केन्द्र स्थापित न होने से डीजल, पैट्रॉल पंपों पर स्थापित करने हेतु दी गई अनापत्ति (एन.ओ.सी.) निरस्त करने की कार्रवाही की जायेगी 

अनुसूचित जाति वर्ग के 37 छात्रावास भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण अनुसूचित जाति वर्ग के एक लाख से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा के लिये आवासीय सुविधा

 प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिये शैक्षणिक आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के मकसद से 37 छात्रावास भवनों का निर्माण कार्य पूरा किया गया है। वर्ष 2019-20 में राज्य मद से 43 नवीन छात्रावास भवनों के निर्माण के लिये करीब 108 करोड़ रूपये की राशि मंजूर की गई थी। इस वर्ष छात्रावास भवनों के निर्माण के लिये अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा 50 करोड़ रूपये और मंजूर किये गये है।

    केन्द्र सरकार की बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार द्वारा 250 सीट क्षमता के कन्या छात्रावास भवन मुरैना, भिण्ड, इंदौर, उज्जैन तथा छतरपुर के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे हैं, जिनकी मंजूरी के प्रयास अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा किये जा रहे है। इसके साथ ही 100 सीटर कन्या छात्रावास भवन जो विदिशा, सीहोर, शाजापुर, देवास तथा आगर-मालवा में बनाये जाना प्रस्तावित है। इसकी मंजूरी के लिये भी विभाग द्वारा तेजी से प्रयास किये जा रहे है। भोपाल के रातीबड़ में बालक छात्रावास भवन के लिये केन्द्र सरकार से करीब 2 करोड़ रूपये की राशि प्राप्त हुई है।    
छात्रावासों का संचालन
    प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को आवास की सुविधा और पढ़ाई के लिये अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के लिये बालक तथा बालिकाओं के लिये 1937 छात्रावास संचालित किये जा रहे है। इनमें करीब एक लाख विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश में अनूसुचित जाति वर्ग के बालकों के लिये 1009 और बालिकाओं के लिये 928 छात्रावास संचालित किये जा रहे है। इन छात्रावासों में से 108 महाविद्यालयीन छात्रावास बालकों के लिये एवं 81 महाविद्यालयीन छात्रावास बालिकाओं के लिये संचालित किये जा रहे है।

किसान पंजीयन की अंतिम तिथि आज, आधारकार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर पर भी ओटीपी नहीं मिल रहा किसानों को

 रबी विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिये ई-उपार्जन पोर्टल पर किसानों का पंजीयन कराने की 25 फरवरी है। निर्धारित समय-सीमा में किसान अपना पंजीयन करवा सकते हैं।


 जिन किसानों को किसान पंजीयन विगत वर्ष के पंजीयन में ओटीपी मोबाइल नम्बर पर नहीं आता है तो उन्हें सलाह दी जाती है कि पंजीयन में ओटीपी उनके द्वारा अपने आधार नम्बर में दर्ज मोबाइल नम्बर पर प्राप्त होता है, अतः ओटीपी नहीं आने पर वे अपने आधार नम्बर में आधार सेन्टर पर जाकर अपने आधार नम्बर में मोबाइल नम्बर सुधार करवा लें, ताकि ओटीपी एसएमएस आने की उन्हें कोई समस्या न हो। किसान पंजीयन की अन्तिम तिथि 25 फरवरी होगी।    

सरकारी आवास खली न रहें , नगर निगम कमाई और आय के साधन बढ़ाये, बगैर रॉयल्टी के गाड़ी नहीं निकलें - चंबल कमिश्नर सक्सेना

 चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने कलेक्टर श्री बी.कार्तिकेयन और पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार पाण्डे को निर्देश देते हुये कहा है कि रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर पूरी तरह से अंकुश लगाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अल्लावेली नाका, छौंदा टोल नाका सहित अन्य नाकों पर कोई भी रेत की ट्रॉली बगैर रॉयल्टी के नहीं निकल पायें। इन नाकों पर पुलिस और राजस्व का अमल जांच के लिये तैनात करें।  
    कमिश्नर ने कहा कि जो भी बिल्डिंग निर्मित हो रही है, उन बिल्डिगों के ठेकेदारों के यहां जो रेत आ रही है, वह रॉयल्टी चुका कर आ रही है अथवा बगैर रॉयल्टी के आ रही है, अगर बगैर रॉयल्टी के रेत आ रही है, तो उनके खिलाफ कार्रवाही की जाये।   
    कमिश्नर ने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिये कि सड़कों पर पड़े कंडम वाहनों, जगह-जगह पड़ी गिट्टी को तत्काल उठवायें, ताकि यातायात व्यवस्था और सुगम हो सके। उन्होंने कहा कि हाथ ठेला वालों को हॉकर्स जोन में भिजवायें। उन्होंने कहा कि 2016 का बैल्डर एक्ट है, इसके तहत फुटपाथियों को वेल्डर सर्टिफिकेट दें। उन्हें हॉकर्स जोन में ठहरायें। इसके लिये जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा करें।

नगर निगम भवनों के निर्माण के लिये विधिवत अनुमति दें

    चंबल-ग्वालियर कमिश्नर ने कहा है कि नगर निगम अपने आर्थिक स्त्रोतों को बढ़ायें, उन्होंने नगर निगम कमिश्नर से कहा कि मकानों एवं भवनों के निर्माण होने से पूर्व उन्हें विधिवत निर्माण की अनुमति दें। इससे नगर निगम की इनकम बढ़ेगी। उन्होंने संपत्ति कर, जलकर लगाने के भी निर्देश दिये।

सरकारी आवास खाली नहीं रहे

    चंबल कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री एवं संभागीय शासकीय भवन आवंटित समिति के सचिव श्री जादौन को निर्देश दिये कि सरकारी आवास खाली नहीं रहना चाहिये। जितने आवास खाली है, आज की बैठक के आदेशानुसार पात्रताधारी अधिकारियों को शासकीय आवास आवंटित किये जायें। इसकी बैठक नियमित रूप से होती रहना चाहिये।   
    जिन अधिकारियों के स्थानान्तरण हो गये है, अथवा सेवानिवृत्त हो चुके है, उनसे नियमानुसार आवास तत्काल खाली करायें तथा पात्रता अनुसार अधिकारियों को आवंटित करें। लंबे समय तक जो शासकीय खाली पड़े रहेंगे, उनकी वसूली समिति के सचिव से की जायेगी।

शून्य प्रतिशत वेस्टेज और वैक्सीनेशन का सेकेण्ड डोज शत प्रतिशत हो कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, आवश्यक सावधानी बरतने की जरूरत

 राज्य शासन द्वारा निर्देश दिये गये है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन के द्वितीय चरण में शतप्रतिशत वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जाए साथ ही वेस्टेज की कहीं भी गुंजाइश न रहे। पिछले दिनों देश में कोरोना के मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। अतः वर्तमान परिस्थितियों में यह आवश्यक है कि कोरोना गाइडलाइंस से संबंधित समस्त आवश्यक सावधानियां जैसे मास्क लगाना, अनावश्यक बाहर न निकलना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, हाथों को बार-बार साबुन से धोना अथवा हाथों को सेनेटाईज करना ये समस्त सावधानियां बरतना आवश्यक है।  

    राज्य शासन द्वारा महाराष्ट्र से लगे हुए जिलों में अतिरिक्त सावधानियां बरतने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। कोविड-19 से संबंधित समय-समय पर जारी की गई विभिन्न स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का पालन करना आवश्यक है। समस्त गाइडलाइन का पालन करना अति आवश्यक है और आरोग्य सेतु एप का उपयोग करें। यह भी कहा गया है कि सभी को कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक बातों का ध्यान रखें तथा कोविड उपयुक्त व्यवहार के साथ रहें। कोविड-19 पॉजिटिव प्रकरणों से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण करें और आवश्यक कार्रवाई करें। यह भी निर्देश दिए गये है कि  वैक्सीनेशन से संबंधित केंद्रवार समीक्षा करें।

मुरैना में ऐंती धाम में लगने वाले शनि मेले पर एक फिल्म ( म प्र शासन )

 


शनीचरा अमावस के शनि मेले के लिये अधिकारियों को सौंपे दायित्व

ऐंती पर्वत पर 13 मार्च को शनिश्चरी अमावस्या के दिन विशाल मेला आयोजित किया जायेगा। मेले में सम्पूर्ण व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने अधीनस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों को सौंप दी गई है। कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिये है कि किसी भी विभाग की तरफ से मेले में कोई इश्यू न बने, अधिकारी अपने-अपने दायित्वों को पूर्ण जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करें।
    उन्होंने पुलिस अधीक्षक एवं उनकी टीम को कंट्रॉल रूम, संपूर्ण मेले की मॉनीटरिंग एवं सुरक्षा, कम्यूनिकेशन प्लान, ड्रॉप गेट, सीसीटीव्ही कैमरे, ट्राफिक पार्किंग आदि के प्रबंध करने के दायित्व सौंपे है। वहीं वन मण्डलाधिकारी को वन चौकी पर स्थापित रिलीफ कैम्प, ड्रॉप गेट, आगम-निर्गम के रास्तों पर साफ-सफाई आदि के प्रबंध करने के निर्देश दिये है। लोक निर्माण विभाग को संपूर्ण मेला परिसर में बेरिगेट्स, सांकेतिक निशान, वाहन पार्किंग, कंट्रॉल रूम तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रकी को मंदिर परिसर में पर्याप्त मात्रा में पानी, पाइप लाइन, दुरूस्त करना, शनिश्चरा स्टेशन से लेकर मंदिर तक टोंटी के माध्यम से यात्रियों को पेयजल उपलब्ध कराना। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को पार्किंग स्थल समतलीकरण, बफरजॉन आदि की जिम्मेदारी सौंपी है।
    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को वन चॉकी, पहाड़ी, मंदिर परिसर सहित 4 स्थानों पर अस्थाई अस्पताल, डॉक्टर्स, स्टाफ नर्स, एम्बूलेंस का प्रबंध, नगर निगम और पीओ डूडा को संपूर्ण मेला के पहले एवं बाद में साफ-सफाई, डीडीटी ब्लीचिंग, सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति, फायरबिग्रेड, अस्थाई टायलेट के प्रबंध करने के निर्देश दिये है। कार्यपालन यंत्री विद्युत मंडल को निर्वाध आपूर्ति मेला अवधि में विद्युत सुनिश्चित जनरेटर सेट, जिला आपूर्ति अधिकारी को भोजन के पैकेट, कंट्रॉल रूम व्यवस्था एवं खाद्य सुरक्षाधिकारी को मेला परिसर में खान-पान की सामग्री, भोजन गुणवत्ता का परीक्षण, जनपद सीईओ को मेले में दुकानें आवंटन, पेयजल के लिये 5.0 टेंकरों का प्रबंध, साफ-सफाई की जिम्मेदारी सौंपी है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को बस परमिट वाहन जांच, कर्मचारियों को लाने व ले जाने के लिये वाहन उपलब्ध, जनसम्पर्क को प्रैस रिपॉटिंग, मीडिया के साथ कॉर्डिनेशन कर प्रैस को भ्रमण एवं कव्हरेज कराने का दायित्व सौंपा गया है। महिला बाल विकास विभाग अधिकारी को परियोजना के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति, दूर संचार विभाग को जीओ टावर की रेंज बढ़ाने, हर मोबाइल कम्यूनिकेशन निर्वाध होना, जिला आवकारी अधिकारी को व्हीआईपी, सीसीटीव्ही डिस्प्ले, भारी वाहनों पर रोक आदि का प्रबंध करने के निर्देश दिये है। जिला शिक्षाधिकारी को व्हीआईपी पास के लिये काउंटर लगाना, जो राशि प्राप्त होती है, उसे मंदिर ट्रस्ट में जमा करना, समाजसेवी शशी गोयल व्हीआईपी आंगुतको को दर्शन कराना, महाप्रबंधक पीएमजेएसवाय शनि मंदिर पर प्रधानमंत्री सड़क का पेच रिपेयरिंग और तहसीलदार मुरैना मेला अवधि के पूर्व वाहन पार्किंग, तेल, जूते, वस्त्र आदि के लिये ठेकेदार द्वारा आदि का प्रबंध करना रहेगा। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये है कि जो अधिकारी अधीनस्थ कर्मचारियों की जिस पॉइंट पर ड्यूटी लगाकर तैनात करेंगे, उस कर्मचारियां का भी नाम, मोबाइल नंबर, पद आदि आदेश इस कार्यालय के माफी शाखा में उपलब्ध करायेंगे। 

निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम की फीस प्रतिपूर्ति की तिथियां जारी

 निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत जिन गैर अनुदान मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूलों द्वारा सत्रों के प्रपोजल अभी तक तैयार नहीं किए है, उन्हें अंतिम पत्र जारी करें। इस आशय के निर्देश राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक श्री धनराजू एस ने समस्त कलेक्टर्स को जारी किए है। उन्होंने कहा कि फीस प्रतिपूर्ति के लिए संबंधित अशासकीय स्कूल द्वारा ऑनलाईन प्रपोजल तैयार करने तथा नोडल अधिकारी स्तर से सत्यापन करने एवं जिला स्तर से निराकरण की अंतिम तिथियां जारी की गई है। 

      जारी तिथि अनुसार सत्र 2017-18 में प्रायवेट स्कूल द्वारा ऑनलाईन फीस प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव तैयार करने के बाद नोडल अधिकारी द्वारा सत्यापन की अंतिम तिथि 25 फरवरी व बजट की उपलब्धता पर जिला शिक्षा केंद्र से प्रस्ताव के निराकरण की अंतिम तिथि 12 मार्च निर्धारित की गई है। वहीं सत्र 2018-19 में प्रायवेट स्कूल द्वारा ऑनलाईन फीस प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव तैयार करने की अंतिम तिथि 23 फरवरी, नोडल अधिकारी द्वारा सत्यापन की अंतिम तिथि 3 मार्च व बजट की उपलब्धता पर जिला शिक्षा केंद्र से प्रस्ताव के निराकरण की अंतिम तिथि 18 मार्च तथा सत्र 2019-20 में प्रायवेट स्कूल द्वारा ऑनलाईन फीस प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव तैयार करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी, नोडल अधिकारी द्वारा सत्यापन की अंतिम तिथि 8 मार्च व बजट की उपलब्धता पर जिला शिक्षा केंद्र से प्रस्ताव के निराकरण की अंतिम तिथि 23 मार्च निर्धारित है।
   संचालक श्री धनराजू एस ने कहा कि यदि किसी अशासकीय स्कूल की 2016-17 फीस प्रतिपूर्ति के प्रपोजल नोडल अधिकारी अथवा जिला स्तर पर लंबित है, तो उनका तत्काल निराकरण किया जाएं। जिन अशासकीय स्कूलों द्वारा इन तिथियों तक ऑनलाईन प्रपोजल तैयार नहीं किया जाता है, तो व प्रायवेट स्कूल इन तिथियों के पश्चात उस सत्र की फीस प्रतिपूर्ति के लिए पात्र नहीं होगा। साथ ही अंतिम तिथि के पश्चात पोर्टल पर फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल तैयार की सुविधा बंद की जाएगी। संबंधित प्रायवेट स्कूल को उस सत्र के प्रस्ताव तैयार करने के अभाव में शेष रहे निःशुल्क अध्ययनरत बच्चों का अध्यापन स्वयं के व्यय से कराना होगा। जिला स्तर पर परीक्षण आदि की समस्त कार्यवाही निर्धारित तिथि के पूर्व तक अनिवार्यतः पूर्ण कर ली जाएं एवं बजट उपलब्ध होने पर नियमानुसार तत्काल फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही की जाएं।

किसानों के बेटे बेटियों के लिए कृषक उद्यमी योजना

शासन द्वारा किसानों के बेटे-बेटियों को स्वरोजगार का अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना लागू की गई है। इस योजना के माध्यम से कृषि पर आधारित स्वंय का उद्योग सेवा व्यवसाय तथा उद्यम स्थापित करने के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इच्छुक आवेदक एमपी ऑनलाइन पोर्टल पर एमएसएमई (सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग) विभाग की वेबसाइट एमपी ऑनलाइन डाट जीओव्ही डाट इन पर निर्धारित प्रारूपों में आवेदन कर सकते हैं। इसमें ऑनलाइन आवश्यक दस्तावेज ही दर्ज होंगे।
 

भिक्षावृत्ति में संलग्न बच्चों की वल्नेरेबिलिटी मैपिंग होगी

 प्रमुख सचिव, महिला-बाल विकास अशोक शाह ने वल्नरेबल क्षेत्रों में निवासरत भिक्षावृत्ति, अखबार वितरित करने जैसे कार्य में संलग्न बच्चों की वल्नेरेबिलिटी मैपिंग के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण के क्षेत्र में देख-रेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिये कार्यरत सभी संस्थाओं का किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।

    प्रमुख सचिव श्री शाह ने अधिकारियों को बाल संरक्षण से संबद्ध मुद्दों पर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने पॉक्सो अधिनियम के बारे में जागरूकता के लिये अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से प्रयास, जोखिमपूर्ण अवस्था में पाये जाने वाले बच्चों के संरक्षण एवं देख-रेख के आवश्यक उपाय, बाल अपराधों के आंकड़ों के संबंध में अद्यतन जानकारी साझा करने के लिये गृह विभाग से समन्वय स्थापित करने, शासकीय चिकित्सालयों तथा स्वास्थ्य केन्द्रों में पालना स्थापित करने, बाल देख-रेख संस्थाओं में निवासरत बच्चों की व्यक्तिगत देख-रेख योजना तैयार कर बच्चों के पुनर्वास के लिये विशेष प्रयास किये जाने के भी निर्देश दिये। श्री शाह ने उच्च न्यायालय की किशोर न्याय समिति द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन के लिये विभिन्न संबद्ध विभागों द्वारा अपेक्षित कार्यवाही पर चर्चा कर आवश्यक कदम उठाने को कहा है।

संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में 31 मार्च तक पंजीयन का अवसर

 मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीयन का एक और मौका दिया गया है। पात्रता में आने वाले ऐसे निर्माण श्रमिक जिन्होंने अभी तक अपना पंजीयन नहीं कराया है, वे 31 मार्च तक अपना पंजीयन करा सकते हैं।  

इसी प्रकार मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के पंजीकृत हितग्राही जिनका भौतिक सत्यापन नही हुआ है उनसे अपने पंजीयन का भौतिक सत्यापन कराने का आग्रह किया गया है। जिनके पंजीयन में नाम पता, बैंक खाता नम्बर, आधार नम्बर में या अन्य कोई त्रुटि है तो उसका शुद्धिकरण ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत एवं शहरी क्षेत्र में नगर पालिका, नगर पंचायत में आवेदन देकर कराया जा सकता है। सभी पंजीकृत परिवारों से आग्रह किया गया है कि हितलाभ प्राप्त करने में आने वाली कठिनाईयों से बचने के लिये यह काम जरूर कराएँ।

आयुक्त परिवहन ग्वालियर मुकेश जैन द्वारा मुरैना में पहुंचकर स्वयं यात्री बसों की चैकिंग की

परिवहन विभाग के अवर सचिव मध्यप्रदेश शासन के निर्देश पर आयुक्त परिवहन ग्वालियर श्री मुकेश जैन द्वारा मुरैना में पहुंचकर स्वयं यात्री बसों की चैकिंग की। इस अवसर पर उप परिवहन आयुक्त चंबल संभाग मुरैना, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी चंबल संभाग मुरैना श्रीमती अर्चना परिहार के साथ एसएस सिकरवार, प्रभारी परिवहन चैक पोस्ट मुरैना, परिवहन चैक सुरक्षा स्वाक्ड द्वारा 19 फरवरी को लगभग 3 यात्री बसों को विभिन्न स्थानों पर चैक किया। बिना बैध दस्तावेज एवं बिना परमिट एवं क्षमता से अधिक सवारियों को ले जाते हुये 7 यात्री बसों को बानमौर थाना मुरैना एवं पुरानी छावनी ग्वालियर में जब्त कर सुरक्षार्थ रखा गया। आयुक्त परिवहन के आदेश के पालन में एमपी-06-पीओ-0334 पर बानमौर में एफआईआर दर्ज कराई। चैकिंग के दौरान यात्री वाहनों से एक लाख 65 हजार 427 रूपये मोटरयान कर वसूल किया गया। यात्री वाहनों से अपराध में एक लाख 12 हजार 500 रूपये समन शुल्क वसूल किया गया। जब्त यात्री वाहनों से 1 लाख 20 हजार राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।
    चैकिंग वाहन में 14 वाहन ओवरलोडिंग, 8 बस ओवरलोडिंग, 2 वाहन बिना फिटनेस, 2 वाहन बिना पीयूसी के, 3 वाहन बिना लायसेंस के, 1 बिना परिचालक, एक बिना बीमा चालान, 54 अन्य मोटरयान धाराओं में चालानी की कार्रवाही की गई 

सबलगढ़ और मुरैना में अवैध खनिज परिवहन के 8 प्रकरण पंजीबद्ध

अवैध खनिज उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण को प्रतिबंधित करने के शासन के निर्देशों के पालन में कलेक्टर श्री बी कार्तिकेयन के मार्गदर्शन में चलाई जा रही मुहिम के तहत बुधवार को 08 प्रकरण दर्ज किये जाकर कार्यवाही की गई।
     खनिज अधिकारी ने बताया कि तहसील सबलगढ़ में तहसीलदार सुब्रता त्रिपाठी, खनिज निरीक्षक एवं थाना प्रभारी पुलिस थाना सबलगढ़ द्वारा 5 ईंटों के वाहनों को जब्त कर थाना सबलगढ में खड़े करवायें। एक अन्य कार्यवाही में एसडीएम मुरैना, सीएसपी, थाना प्रभारी सिविल लाइन मुरैना के साथ खनिज अधिकारी, खनिज निरीक्षक, पुलिस द्वारा संयुक्त कार्यवाही करते हुये 03 अवैध परिवहन के वाहनों को जब्त कर पुलिस लाइन मुरैना में खड़ा करवाया गया।
      अवैध परिवहन करने वाले कुल 08 वाहनों पर गौण खनिज नियमों एवं माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के पालन में नियमानुसार कार्यवाही करते हुये माननीय कलेक्टर के न्यायालय में प्रस्तुत किया जायेगा। जहां जुर्माना या राजसात की कार्यवाही गुणदोषों के आधार पर की जायेगी। यह कार्रवाही लगातार जारी है। 

अवैध खनिज उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण को प्रतिबंधित करने के शासन के निर्देशों के पालन में कलेक्टर श्री बी कार्तिकेयन के मार्गदर्शन में चलाई जा रही मुहिम के तहत बुधवार को 08 प्रकरण दर्ज किये जाकर कार्यवाही की गई।
     खनिज अधिकारी ने बताया कि तहसील सबलगढ़ में तहसीलदार सुब्रता त्रिपाठी, खनिज निरीक्षक एवं थाना प्रभारी पुलिस थाना सबलगढ़ द्वारा 5 ईंटों के वाहनों को जब्त कर थाना सबलगढ में खड़े करवायें। एक अन्य कार्यवाही में एसडीएम मुरैना, सीएसपी, थाना प्रभारी सिविल लाइन मुरैना के साथ खनिज अधिकारी, खनिज निरीक्षक, पुलिस द्वारा संयुक्त कार्यवाही करते हुये 03 अवैध परिवहन के वाहनों को जब्त कर पुलिस लाइन मुरैना में खड़ा करवाया गया।
      अवैध परिवहन करने वाले कुल 08 वाहनों पर गौण खनिज नियमों एवं माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के पालन में नियमानुसार कार्यवाही करते हुये माननीय कलेक्टर के न्यायालय में प्रस्तुत किया जायेगा। जहां जुर्माना या राजसात की कार्यवाही गुणदोषों के आधार पर की जायेगी। यह कार्रवाही लगातार जारी है।

क्षीर सागर अभियान से सुखद परिणाम परिलक्षित जल संरचनाओं से 10-15 फीट तक भू-जल स्तर में वृद्धि हुई

जल संरचनाओं से ग्रामीणों में आई खुशहाली

जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के तहत मुरैना जिले में क्षीर सागर अभियान वर्ष 2018-19 से चलाया गया। जिसके सुखद परिणाम परिलक्षित हो रहे है। इस अभियान के तहत वर्ष 2018 से 2020-21 तक 907 तालाब, 312 अर्दनडेम, 1091 चैकडेम एवं 300 अन्य जल संरक्षण गतिविधियां जैसे- कंटूर ट्रेंच, गली प्लग कार्य कराये गये। अब गांव-गांव तालाब जैसी संरचना बन जाने से लोंगो को निस्तार के लिये पानी, पशुओं को पेयजल, किसानों को सिंचाई की सुविधा के साथ-साथ जमीन का वाटर लेबल भी बढ़ रहा है, जिससे कुआ, बावड़ियों और हेण्डपंपो का जल स्तर 10 से 15 फीट ऊपर आ गया है। इन जल संरचनाओं से ग्रामीणों में खुशहाली आ गई है।  
    11 फरवरी को इन छोटी-छोटी जल संरचनाओं का केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जलाभिषेकम् वर्चुअल कार्यक्रम में निर्मित जल संरचनाओं का लोकार्पित किया।
    इन जल संरचनाओं से 3 लाख 27 हजार 898 मजदूरों को मनरेगा के अन्तर्गत मजदूरी का भुगतान किया गया है। निर्मित हुये 907 तालाब और 1091 चैकडेम, 312 अर्दन डेमों से 1 हजार 113 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है। जिन क्षेत्रों में जल संरक्षण के कार्य किये गये है, उन क्षेत्रों में 10-15 फीट तक भू-जल स्तर में वृद्धि हुई है। इसके अलावा वन्य जीवों एवं पशुओं को वर्षभर पानी मिल रहा है। लोंगो को निस्तार के रूप में तालाब बहुउपयोगी साबित हो रहे है।

    कैलारस विकासखण्ड की ग्राम पंचायत थाटीपुरा में बनाये गये तालाब से वहां के निवासियों में खुशहाली बनी हुई है। इस गांव के जड़ेल सिंह, भूपेन्द्र सिंह और प्रेम सिंह ने बताया कि क्षीर सागर अभियान के तहत बनाये गये तालाब हजारों आसपास के गांवों का जल स्तर बढ़ जाने से हेण्डपम्प कुओं, बावड़ियों का भी जल स्तर बढ़ गया है।

    अमर सिंह ने बताया कि तालाब नहीं था, तब हम खरीफ की फसल ही ले पाते थे, जिसमें बाजरा, अरहर, तिली, की फसल ही हो पाती थी, लेकिन तालाब के बन जाने से अब हम रबी, खरीफ दोंनो फसलें ले रहे है। ग्राम वासियों को निस्तार का पानी भी मिल रहा है। वहीं पशुओं को पीने का पानी उपलब्ध हो रहा है। 

जड़ेल सिंह ने बताया कि स्वयं के गांव में तालाब बनने की बहुत खुशी हुई है। सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि हमारे गांव को तालाब मिल गया और तालाब बनाने के लिये हमने स्वयं मजदूरी की, जिसका हमें मनरेगा से भुगतान मिला। तालाब भी हमारे मनमाफिक हमने बनाया। अब हमारे गांव में पेयजल जैसी कोई समस्या नहीं है। हेण्डपम्प, कुआ, बावड़ी में पर्याप्त पानी है, हम लोंगो को निस्तार के लिये पानी मिल रहा है। 
    भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि जिला पंचायत की मनरेगा योजना से बने इस तालाब से पशुओं को पर्याप्त पानी मिल रहा है। जब तालाब निर्मित नहीं हुआ था, तब सभी ग्रामीण ग्रीष्म ऋतु में अपने पशुओं को दूसरे गांवों में पलायन कर जाते थे। लेकिन अब पलायन की स्थिति नहीं है। 
    इसी तरह जनपद पंचायत ग्राम उराहना में बनाये गये तालाब को लेकर ग्रामीण सीताराम, रघुराज बहुत खुश है। अब उराहना में सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी, लोंगो को निस्तार के लिये पानी मिल रहा है। वहीं गांव का वाटर लेबल भी बढ़ गया है


कलेक्टर कार्तिकेयन ने ली जिला योजना समिति की बैठक

 कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन की अध्यक्षता में जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक शुक्रवार को नवीन कलेक्ट्रेट में आयोजित की गई। जिसमें  राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को जिले के पांच ब्लॉक अम्बाह, सबलगढ़, कैलारस, जौरा व पहाड़गढ़ ब्लॉक में एक-एक कृषि उत्पाद संगठन निर्माण करने की अनुमति दी गयी। जिसका पंजीकरण सहकारी समिति अधिनियम के तहत की जाएगी। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के अधिकारी द्वारा उक्त पांच ब्लॉक में सरसों फसल हेतु इस वित्तीय वर्ष के अंत तक सभी पाँच कृषि उत्पाद संगठनो के निर्माण का आश्वासन दिया गया जिसमे न्यूनतम 300 किसान सदस्य होंगे। कृषि वैज्ञानिक डॉ अशोक सिंह यादव द्वारा बताया कि जिले में शहद प्रोसेसिंग के लिए पूर्व में एक कृषि उत्पाद संघटन का निर्माण किया गया वही दूसरी और कलेक्टर ने जिला परियोजना अधिकारी मध्य प्रदेश राज्य आजीविका मिशन को नाबार्ड से समन्वय कर पूर्व निर्णय अनुसार सभी ब्लॉक में कृषि उत्पाद संगठन निर्माण पर त्वरित कार्यवाही कर संगठन को पंजीकृत करवाने का निर्देश दिया गया।
    मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री रोशन कुमार सिंह, अग्रणी जिला प्रबंधक, जिला परियोजना अधिकारी एमपी डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, सहायक संचालक कृषि कल्याण विभाग, सहायक महाप्रबंधक, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक,  उपसंचालक पशुपालन विभाग, उप संचालक उद्यानिकी विभाग, उपसंचालक मत्स्यपालन विभाग, सचिव कृषि उपज मंडी व वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र उपस्थित रहे। 

यादव डेयरी और विनोद डेयरी नामक दो दुग्ध डेयरी पर छापामार कार्यवाही, पकड़ा जहरीला दूध का नकली घोल और सामान मशरूका

 

खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ कार्यवाही जारी है। शुक्रवार को कलेक्टर श्री कार्तिकेयन के निर्देश पर गठित दल ने दो दुग्ध डेयरियों पर छापामार कार्यवाही कर यादव दुग्ध डेयरी से 120 किलो पनीर 800 लीटर दूध 134 किलो रिफाइंड वनस्पति 22 किलो रेन्जी 25 किलो एसीटिक एसिड, 40 किलो बना हुआ घोल जब्त किया गया। 120 किलोग्राम पनीर और 800 लीटर दूध को नष्ट करवाया गया।
      यादव दुग्ध डेयरी से पनीर, दूध, रिफाइंड, रेन्जी और घोल के नमूने लिये गये। विनोद दुग्ध डेयरी से 500 लीटर दूध, 107 किलोग्राम पनीर जब्त कर नष्ट कराया। पनीर, दूध, मिल्क क्रीम के नमूने लिये गये। दोनों दुग्ध डेयरियों को शील्ड किया गया है।
 
खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ कार्यवाही जारी है। शुक्रवार को कलेक्टर श्री कार्तिकेयन के निर्देश पर गठित दल ने दो दुग्ध डेयरियों पर छापामार कार्यवाही कर यादव दुग्ध डेयरी से 120 किलो पनीर 800 लीटर दूध 134 किलो रिफाइंड वनस्पति 22 किलो रेन्जी 25 किलो एसीटिक एसिड, 40 किलो बना हुआ घोल जब्त किया गया। 120 किलोग्राम पनीर और 800 लीटर दूध को नष्ट करवाया गया।
      यादव दुग्ध डेयरी से पनीर, दूध, रिफाइंड, रेन्जी और घोल के नमूने लिये गये। विनोद दुग्ध डेयरी से 500 लीटर दूध, 107 किलोग्राम पनीर जब्त कर नष्ट कराया। पनीर, दूध, मिल्क क्रीम के नमूने लिये गये। दोनों दुग्ध डेयरियों को शील्ड किया गया है।
 

सीधी जिले की बस दुर्घटना को ध्यान में रखते हुये नहरों के किनारों से गुजरने वाले वाहनों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करें - कलेक्टर

गत दिवस सीधी जिले में बस दुर्घटना को ध्यान में रखते हुये कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने राजस्व, पुलिस, आरटीओ और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये है कि इस प्रकार की पुनर्वती न हो। इसलिये नहरों की पट्टी से गुजरने वाले वाहनों का अवलोकन करें और आवश्यकता हो तो मैटल व्हीम क्रैस बेरियर लगायें। ये निर्देश उन्होंने शुक्रवार को चंबल मुख्य दायनी नहर जो 69 किलोमीटर तक दूरी तय करती है, उस रोड़ का निरीक्षण करते समय दिये। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार पाण्डेय, एसडीएम, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्रीमती अर्चना परिहार, पीडब्ल्यूडी, टोल प्लाजा प्रबंधक श्री नारायणस्वरूप बरूआ,पुलिस एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। 
     कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने निर्देश दिये है कि मुरैना से सबलगढ़ तक 69 किलोमीटर चंबल मुख्य दायनी नहर पर सीसी रोड़ का निर्माण पूर्व में कराया गया था, इस रोड़ पर बसों में क्षमता से अधिक सवारियां भरने पर दो बसों को देवगढ़ थाने में रखा गया है। इसके अलावा इस रूढ़ पर 13 बसे और चल रहीं थी। इसके लिये कलेक्टर ने समस्त अधिकारियों को निर्देश दिये कि सुरक्षा की दृष्टि से कुछ समय के लिये बसों का आवागमन बंद कर दिया जाये। आवश्यकता हो तो 13 बसों के परमिट निरस्त कर दिये जायें और मिनी बस, टेम्पू के परमिट जारी किये जायें, जिससे यात्रियों का आवागमन में बाधा उत्पन्न नहीं हो। उन्होंने कहा है कि चंबल दायनी नहर पर मैटल व्हीम क्रेस बेरियर का प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी तैयार कर मेरे माध्यम से शासन को भेजा जाये। इस रूढ़ पर 14 से 15 मैटल व्हीम बेरियर 4 से 5 किलोमीटर के दूरी पर लगा दिये जायें, जिससे ओवरलोडिंग सवारियां लेकर बसों में यात्रा न कर सकेें। इसके अलावा जिले में अन्य नहरों की पगड़डियों पर चलने वाली बसों की भी निगरानी की जाये।

जिले में 1 हजार बसों का परमिट जारी

    क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्रीमती अर्चना परिहार ने बताया कि जिले में 1 हजार 1 बसों के परमिट जारी है, जिसमें अधिकतर 500 बसें मुरैना-ग्वालियर रूढ़ पर संचालित है। इसके लिये कलेक्टर श्री कार्तिकेयन ने निर्देश दिये कि बस मालिकों की अगले दिन बैठक बुलाई जाये और उनको स्पष्ट रूप से निर्देश दिये जाये कि बस मालिक अपने-अपने बसों के फास्ट टैग अवश्य करा लें। बस मालिक फास्ट टैग नहीं लगवाते है और किसी कारण लाइन में लगकर टोल प्लाजा पर खड़े होते है तो उन बसों के परमिट निरस्त किये जायें।

कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने टोल प्लाजा का किया निरीक्षण

    कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन व पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार पाण्डेय ने टोल प्लाजा पहुंचकर फास्ट टेग के कार्य पद्धति को देखा, जिसमें एक वाहन 5 से 7 मिनिट में पास होना देखा गया। जिसमें कलेक्टर ने पार्थ इंडिया टोल प्लाजा के प्रबंधक को निर्देश दिये कि कार्य में तेजी लायें, ट्रेन्ड़ कर्मचारी रखें। इसके अलावा वाहन गुजरने के लिये एक रौ और अलग से बनायें। उन्होंने कहा कि जिस लाइन में ट्रक निकल रहें हों, उसके सांकेतिक निशान लगायें या व्यक्ति को खड़ा करें। छोटे वाहन के लिये अलग से लाइन रखी जावें। कलेक्टर ने टोल प्लाजा के समीप डिवायडर को ऊंचा करने एवं दो किलोमीटर तक डिवायडर में किसी भी प्रकार के कट नहीं होने की बात कही। 
    कलेक्टर ने आरटीओ ऑफिस के डिवायडर कट और करूआ गांव के डिवायडर को बंद करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने नहर के किनारेे से शिकारपुर नहर पर पहुंचकर मौका मुआयना लिया, वहां पर मैटल व्हीम क्रेस बेरियर लगाने के निर्देश पीडब्ल्यूडी को दिये, ताकि इन स्थानों से बसें आदि नहीं निकल सकें। इन सबके लगने से किसी भी प्रकार की घटना नहीं होगी। भ्रमण के पूर्व कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने कलेक्टर कक्ष में बैठक रखी। बैठक में अपर कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर श्री अमरसत्य गुप्ता द्वारा दिये गये सुझावों पर भी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने अमल किया।

    वाहन मालिकों से फास्ट टेग लगवाने की अपील की

    कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने शहर के वाहन मालिकों से अपील की है कि वे अपने वाहनों पर फास्ट टेग अवश्य लगवाये, अन्यथा टोल प्लाजा पर लाइन में लगकर अपना डीजल एवं महत्वपूर्ण समय व्यर्थ न गवायें। 



त्रेता काल में शनि को लंका से फेंका हनुमान जी ने सीधे गिरे मुरैना के ऐंती पर्वत पर , शनिधाम में हर शनीचरी अमावस को लगता है विशाल मेला , देश विदेश से आते हैं लाखों लोग


 13 मार्च को शनिश्चरी अमावस्या : ऐंती पर्वत पर लगेगा विशाल मेला

भगवान शनिदेव मंदिर का इतिहास

13 मार्च को शनिश्चारी अमावश्या का महायोग है, इसदिन लोग पूजा, अनुष्ठान, दान पुष्य करके अपने कष्टो का निवारण करते है । शनिश्चारी अमावश्या पर मुरैना विकास खण्ड के ग्राम ऐंती पर विशाल मेला आयोजित होगा । विशाल मेला को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन व कलेक्टर श्री बी कार्तिकेयन ने व्यवस्थाओं मूर्तरूप देने के लिए सभी विभागों को जिम्मेदारियां सौप दी है । शनि का प्रभाव मानव जीवन में अच्छे से अच्छा तथा बुरे से बुरा देखने को मिलता है। उच्च का एवं स्वग्रही का शनि राज योग का कारक होता है। नीच का व शत्रु स्थान का शनि मनुष्य का अधोगति को ले जाता है। शनि के अनिष्ट फल में कर्जा एवं दरिद्रता मानव को ग्रसित करती है। जन्म पत्रिका के दशम एवं एकादश भाव का शनि शुभ फल कारक होता है। अन्य भावों में अशुभ फल कारक होता है।           

धरती के न्यायाधीश शनि

    


इस श्रृष्टि के संचालन में सूर्य, चद्रमा, मंगल, बुध, गुरू, शुक्र, राहू, केतु, शनि सहित 9 शक्तियां हैं जो मानव व प्राणी मात्र को उनके पूर्व कर्मानुसार भाग्य का निर्माण कर उसे सुख-दुख देकर शुद्ध करते हैं। अच्छे बुरे कर्मो का फल देते हैं। इसमें 8 न्यायाधीश और एक सर्वोच्च न्यायाधीश है। सर्वोच्च न्यायाधीश पद पर शनि को नियुक्त किया गया है। भगवान शंकर ने यमराज को मनुष्य के कर्मों का लेखा-जोखा तथा शनिदेव को धरती पर जीवों को उनके अनुचित कर्मों का दण्ड कार्य सौंपा है। अपने गुरू की आज्ञा को शिरोधार्य कर शनिदेव पृथ्वी वासियों को उनके कर्मानुसार दण्डित व पुरस्कृत करने का कार्य करते हैं। 

शनिदेव का परिचय

    पिता- सूर्यदेव, माता- छाया (सुवर्णा), भाई- यमराज, बहन- यमुना, गुरू- भगवान शिवजी, रंग- श्याम (नीला), स्वभाव- गंभीर, त्यागी, तपस्वी, हठी, क्रोधी, शनि के अन्य नाम- कोणस्थल, पिंगल, बभ्रु, सौरी, शनैश्वर, कृष्णमंद, रौद्र, अंतक, यम, दोस्त- काल भेरव, बुध, राहू, हनुमान जी, अधिपती- रात, प्रिय दिन- शनिवार, तिथि- अमावस, प्रिय वस्तुऐं- काली वस्तुऐं, काला कपड़ा, काला तिल, तेल, गुड़, काली उड़द।  

शनि की उत्पत्ति

    धर्मग्रन्थों के अनुसार सूर्य की द्वितीय पत्नी छाया के गर्भ से शनिदेव का जन्म हुआ। शनि के श्याम वर्णन को देखकर सूर्य ने अपनी पत्नी छाया पर आरोप लगाया कि शनि मेरा पुत्र नहीं है, तभी से शनि अपने पिता से शत्रुभाव रखता है। शनिदेव ने अपनी साधना, तपस्या द्वारा शिवजी को प्रसन्न कर अपने पिता सूर्यदेव की भांति शक्ति प्राप्त कीं। शिवजी के वरदान मांगने पर उन्होंने अपने माता के दुरूख, अपमान व प्रताडना के विषय में व्यक्त करते हुये कहा कि माता की इच्छा है कि मेरा पुत्र अपने पिता से अपमान का बदला ले और उनसे भी ज्यादा शक्तिशाली बने। इस पर भगवान शंकर ने उन्हें नवगृहों में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करते हुये कहा कि मानव तो क्या देवता भी तुम्हारे नाम से भयभीत रहेंगे।  

शनि यंत्र व मंत्र

    ऊॅं शं शनैश्चराय नमः, ऊं सूर्यपुत्रो दीर्धदेहो विशालाक्षः, शिवप्रियः, मंदचार प्रसन्नात्मा पीडां हरतु में शनिः, ऊं निलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजं। छाया मार्तण्डसंभूतं। तं नमामि शनैश्चरम। ऊॅं शमग्रिभिः, करच्छन्नः, स्तपतु सूर्यः, शंवातोवा त्वरय अपस्निग्धाः, ऊं प्रां प्रीं प्रौं सः, शनैश्चराय नमः है।

शनिदेव की तेल से तृप्ति

    हनुमान जी रामकथा के प्रेमी हैं। जहां पर रामकथा हो वहां वे सूक्ष्य रूप में अवश्य उपस्थित रहते हैं। एक बार हनुमानजी अपनी सुध-बुध खोये हुऐ हुए दशा में भक्तगणों के साथ रामकथा पर झूमते हुये शनिदेव ने देखा तो परीक्षा लेने की इच्छा से उन्होंने हनुमान जी से कहा कि मैं वीर और शक्तिशाली सूर्य का पुत्र व शिवभक्त हूं। कायरता छोडकर निडर होकर मेरे साथ युद्ध करो, मैं तुम्हे युद्ध के लिये ललकारता हूं। हनुमानजी ने शनिदेव की ललकार को स्वीकार कर अपनी पूंछ बढ़ाई और अहंकार से भरे शनिदेव को उसमें कस लिया। जिससे शनिदेव पूरी तरह बेवस व असहाय हो गये। इसी समय हनुमान जी ने कहा कि हे शनिदेव मेरी रामसेतु की परिक्रमा का वक्त हो गया, इसके पूर्ण होने के बाद मैं अपनी चुनौती का सामना करने के लिये प्रस्तुत हो पाऊंगा।
    इतना कहकर हनुमान जी दौडकर परिक्रमा करने लगे। पूछ से बंधे शनिदेव पत्थरों व शिलाखण्डों से रगड़ खाकर लहूलुहान होकर घायल हो गये। उनकी अंतर पुकार सुन भक्तों को सुख देने वाले हनुमान जी ने कहा कि मैं तुम्हे मुक्त कर दूंगा, पर मेरे भक्तों को दुरूख न पहुंचाने का वचन दो। शनिदेव ने वचन देते हुये उसे निभाने की प्रतिज्ञा भी की। शरीर की असहाय पीढ़ा से दुरूखी शनिदेव उसी दिन से तेल मांगने लगे और तेल दाता पर प्रशन्न होकर आशीर्वाद देने लगे।  
     भगवान शनिदेव की स्थापना के विषय में कई किवदंतियां कायम है। हालांकि पुरातत्व विभाग इसे त्रेतायुगीन मानता है। भगवान शनिदेव की प्रतिमा के विषय में ज्योतिषियों के अनुसार सर्वप्रथम किवदंति यह है कि त्रेतायुग मेें राजा दशरथ के राज्य में भगवान शनिदेव के प्रकोप से लगातार 12 वर्ष तक अकाल पड़ा। तब राजा दशरथ ने इस पर्वत पर भगवान शनि की तपस्या की। उस समय आसमान से एक उल्कापिण्ड गिरा जिससे यह प्रतिमा निर्मित हुई है। वहीं दूसरी किवदंति यह भी है कि लंका दहन के समय हनुमान जी द्वारा लंका में आग लगाई गई, लेकिन लंका जल नहीं रही थी, बल्कि उसका स्वर्ण और चमक गया। इससे चिंतित हनुमान जी ने दिव्य शक्ति से जब ज्ञात किया तो उन्हें पता चला कि लंका में शनिदेव हैं। हनुमान जी ने उन्हें खोज निकाला। रावण ने शनिदेव को अपने सिंहासन के पैरों तले दबा रखा था। हनुमान जी ने उन्हें अपने बुद्धचातुर्य से वहां से निकाला और लंका से जाने को कहा, लेकिन थोड़ी दूर तक चलने के बाद शनिदेव ने हनुमान जी से कहा कि दुर्बलता के कारण वह चल नहीं सकते और जब तक वह लंका में रहेंगे तब तक लंका का दहन नहीं हो पायेगा। इसलिये हनुमान जी उन्हें पूरे बेग से उत्तर दिशा की ओर फेंके। हनुमान जी ने भी ऐसा ही किया। हनुमान जी द्वारा फेंके गये शनिदेव इस पर्वत पर आकर गिरे, जिसे आज शनि पर्वत कहा जाता है, यहीं पर भगवान शनिदेव ने घोर तपस्या कर पुनरू शक्ति व बल प्राप्त किया।
    इस विषय में एक अन्य कथा यह भी प्रचलित है कि रावण ने इसी पर्वत पर शनिदेव की तपस्या कर उन्हें अपने वश में कर लिया और लंका में ले गया। लंका में जब मेघनाथ का जन्म होने वाला था तब रावण ने शनिदेव से कहा कि वह अपने आंठवे घर में जाकर बैठ जायें, लेकिन शनिदेव ने अपना पैर सांतवे घर में रख दिया इससे शनि दो घरों के स्वामी हो गये। जन्म कुण्डली में सांतवे घर में शनिदेव के होने पर जातक की अकाल मृत्यु होती है। मेघनाथ के जन्म का चक्र देखकर रावण क्रोधित हो गया और शनिदेव को अपने सिंहासन के नीचे उस स्थान पर दबा दिया, जहां रावण पैर रखता था।
    इन किवदंतियों के चलते भी पुरातत्व विभाग इस प्रतिमा को त्रेतायुगीन मानता है। हालांकि इस प्रतिमा की स्थापना महाराजा विक्रमादित्य द्वारा की गई। ऐसा पुरातत्व विभाग मानता है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार सिंधिया शासकों ने सन् 1808 में कराया था।
    इस शनि पर्वत क्षेत्र से ही 18वीं सदी में सिंधिया शासकों द्वारा एक सिला ले जाई गई, यह सिला पहले अहमद नगर फिर वहां से शिगनापुर पहुंची और एक चबूतरे पर स्थापित हो गई। इस स्थान का नाम ही शनि शिगनापुर हो गया। बताया जाता है कि इस सिला का आधा भाग आज भी मुरैना के शनि मंदिर में रखा हुआ है।   
    मुरैना जिले के त्रेतायुगीन शनि मंदिर के चारों तरफ हजारों किलो मीटर दूर तक सरसों की होने वाली फसल को शनिदेव की ही कृपा माना जाता है। राजस्थान के धौलपुर, करौली, राजाखेड़ा, सरमथुरा, उत्तरप्रदेश के आगरा, इटावा तथा मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के चारों तरफ के क्षेत्र भिण्ड, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी में सरसों की फसल को प्रमुख रूप से किया जाता है। इस क्षेत्र को पीले सोने की खेती का क्षेत्र भी कहा जाता है। शनिवार के दिन शनि देवता कि पूजा की जाती है। कहा जाता है कि अगर उनकी पूजा सही तरीके से की जाए तो शनिदेव की असीम कृपा मिलने के साथ ग्रहों की दशा भी सुधरती है। शनि देव को मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा में बढ़ोत्तरी करने वाला देवता कहा जाता है। शनि जिस व्यक्ति पर प्रसन्न होते हैं दुख और शत्रु उसके पास भी नहीं फटकते। 


कोविड 19 वेक्सीनेशन में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर 6 लाख को पहला डोज

 लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि कोविड 19 वैक्सीनेशन के पहले चरण में अब तक कुल पंजीकृत के विरुद्ध 68.5 प्रतिशत स्वास्थ्य कार्यकर्ता और फ्रंट लाइन वर्कर को कोविड 19 वैक्सीन का पहला डोज देकर मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है। प्रदेश में अब तक 5 लाख 99 हजार स्वास्थ्य और फ्रंट लाइन वर्कर को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है।

    स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि अगले दो दिन 18 और 19 फरवरी को फ्रंट लाइन वर्कर का वेक्सीनेशन लगना जारी है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का 20 फरवरी को माप अप राउंड होगा।    
    स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा की वेक्सीनेशन अभियान में स्वास्थ्य, नगर निगम, पुलिस, राजस्व और पंचायत विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों का उल्लेखनीय योगदान है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद और विश्वास है कि आगे भी अभियान से जुड़े सभी अधिकारी-कर्मचारी इसी तरह पूरे मन से काम करेंगे और दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान के माध्यम से प्रदेश और देश को कोरोना मुक्त करने में योगदान देंगे। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि दूसरा डोज देने के लिये अगला चरण 22 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। इसमें पहला डोज लेने वाले शत-प्रतिशत स्वास्थ्य कार्यकर्ता और फ्रंट लाइन वर्कर को दूसरा डोज तय समय अवधि में लगाना सुनिश्चित करने की व्यवस्थाएँ की गई है

पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के रूप में वितरित की गई 310 करोड़ रूपए की राशि

 प्रदेश में पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति महाविद्यालयीन योजना के अंतर्गत इस वर्ष एक लाख 53 हजार अनुसूचित-जाति वर्ग के विद्यार्थियों को 310 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा चुका है।

    प्रदेश में पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति का वितरण 4 समूह में किया जा रहा है। इनमें एम.बी.बी.एस., बी.ई., एम.बी.ए. आदि के लिये गैर-छात्रावासी के लिये 550 और छात्रावासी विद्यार्थियों के लिये 1500 रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाता है। अन्य 3 समूह में 530, 300 और 230 रुपये प्रतिमाह गैर-छात्रावासी विद्यार्थियों को तथा छात्रावासी विद्यार्थियों को 820, 570 और 380 रुपये प्रतिमाह की दर पर भुगतान किया जा रहा है।

विभागीय परीक्षा के लिये 24 फरवरी तक आवेदन मान्य होंगे

 लेखा प्रशिक्षण प्राप्त ग्वालियर एवं चंबल संभाग के शासकीय लिपिकवर्गीय कर्मचारियों के लिये विभागीय परीक्षा 2021 आयोजित होने जा रही है। इस परीक्षा में भाग लेने के इच्छुक कर्मचारी 24 फरवरी को सायंकाल 5.30 बजे तक मोतीमहल स्थित लेखा प्रशिक्षण शाला में अपने आवेदन जमा कर सकते हैं।

पी एफ टी वृत्तिकर जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च

 मध्यप्रदेश वृत्तिकर संशोधन अधिनियम 2018 के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के लिये वृत्तिकर जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2021 है।

     जीएसटी से पंजीयत व्यवसायी, निजी विद्यालय, महाविद्यालय, कम्प्यूटर सेंटर, चिकित्सक, चिकित्सा व्यवसायी, सीए, बकील, बीमा अभिकर्ता, मदिरा दुकान संचालक, चिटफण्ड संचालित वाली संस्थायें या व्यक्ति सहकारी सोसायटी, ट्रांसपोर्टर, कोचिंग संस्थान, चिकित्सालय, जिमसेंटर, धर्मकांटा, होटल, लाज, विवाह, मंडप, टेंट, केवल आपरेटर, वीडियो पार्लर, ब्यूटी पार्लर, फाईनेंस, कम्पनी, क्लीनिक, लैब, पैथोलॉजी, नर्सिंग होम, क्योस्क सेंटर, फैशन डिजाईनर, बुटीक, टोल प्लाजा, पेट्रोल पम्प आदि 31 मार्च 2021 तक अनिवार्यतः वृत्तिकर जमा करायें । व्यापरियों से कहा गया है कि योजना का लाभ लेकर ब्याज एवं वसूली की कार्यवाही से बचा जा सके।

कोविड के विरूद्ध मास्क का उपयोग ही संजीवनी है

प्रायः यह देखा गया है कि लॉकडाउन के दौरान आमजन कोरोना से संबंधित बचाव के व्यवहार अत्यंत सतर्कता पूर्वक अपना रहे थे, लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद यह देखा जा रहा है कि लोगों में कोरोना से संबंधित सावधानियां जैसे कि - सामाजिक दूरी का पालन, मास्क लगाना तथा हाथ धोना अब उतनी गंभीरता से नहीं किया जा रहा। यदि लोग मास्क लगाने और सामाजिक दूरी जैसे व्यवहार का पालन करते हैं, तो कोरोना के प्रकरणों में काफी कमी ला सकते हैं।
      विशेषज्ञों की राय में यदि संक्रमित एवं असंक्रमित दोनों व्यक्तियों ने मास्क नहीं लगाया है एवं सामाजिक दूरी का पालन भी नहीं किया है तो संक्रमित होने की अधिक संभावना है, अर्थात वायरस संक्रमण का जोखिम अत्यंत उच्च है। इसी तरह संक्रमित व्यक्ति ने मास्क नहीं लगाया है एवं असंक्रमित व्यक्ति ने मास्क लगाया है तथा सामाजिक दूरी का पालन भी नहीं किया है तो भी संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है। संक्रमित व्यक्ति ने मास्क लगाया है एवं असंक्रमित व्यक्ति ने मास्क नहीं लगाया है तथा सामाजिक दूरी का पालन भी नहीं किया है तो भी संक्रमित होने की संभावना मध्मय होती है। संक्रमित एवं असंक्रमित दोनों व्यक्तियों ने मास्क लगाया है एवं सामाजिक दूरी का पालन भी नहीं किया है तो संक्रमित होने की संभावना न्यूनतम है। संक्रमित एवं असंक्रमित दोनों व्यक्तियों ने मास्क लगाया है एवं सामाजिक दूरी का पालन भी किया है, तो संक्रमित होने की संभावना अति न्यूनतम है।
      यद्यपि कोरोना का टीका आ चुका है, परंतु दूसरा डोज लगने के दो हफ्ते बाद ही प्रतिरोधक क्षमता विकसीत होती है। अभी आमजन का वैक्सीनेशन होना शेष है, हर्ड इम्युनिटी की भ्रांत धारणा से भी लापवाही बढ़ रही है और कोरोना के प्रकरण बढ़ते देखे जा रहे हैं, इसलिए मास्क का प्रयोग अब भी एक प्रभावी बचाव के साधन के रुप में कार्य कर रहा है। अतः आमजन से अनुरोध है कि कोविड के प्रारंभिक लक्षण जैसे सर्दी-खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ होने पर फीवर क्लीनिक में अपनी जॉच तुरंत करवाएं, स्वयं इलाज न करें, ऐसी स्थिति में सामाजिक दूरी का पालन करना एवं मास्क अनिवार्यतः लगाना इस व्यवहार को अपने दैनिक जीवन शैली का एक हिस्सा बनाना होगा।

विश्व सामाजिक न्याय दिवस आज 20 फरवरी को

 राज्य आनंद संस्थान से संबंधित चयनित अंतर्राष्ट्रीय, विश्व दिवसों का आयोजन प्रदेश स्तर पर किया जाता है। इसी कड़ी में 20 फरवरी, 2021 को विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाना है। समस्त कार्यालय प्रमुखों को निर्देशित किया है कि विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर आयोजित किये जाने वाली गतिविधियों एवं कार्यक्रम कोविड-19 की गाईड लाईन का पालन करते हुए आयोजित करवाना सुनिश्चित करें।

    विश्व सामाजिक न्याय दिवस के अवसर पर प्रदेश में आनंदकों द्वारा, सामाजिक न्याय के क्षेत्र में कतिपय विशिष्ट सेवाएं उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं, स्वैच्छिक संगठनों, समूहों इत्यादि के सहयोग से निम्नानुसार कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे जिनमें महिला, दिव्यांग, बाल एवं निःशक्त कल्याण हेतु शिक्षण, प्रशिक्षण, रोजगार, पुर्नवास कार्यक्रम, छात्रवृत्ति, शिक्षा, प्रोत्साहन, स्वैच्छिक एवं शासकीय संस्थाओं के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम, माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान हेतु वृद्धाश्रम जाना, उनके लिए वहां कुछ मनोरंजन संबंधी कार्यक्रम आयोजित करना, निरक्षर, निराश्रित एवं निर्धन व्यक्तियों के लिए स्वैच्छिक सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर साक्षरता हेतु जागरूकता प्रयास करना, युवाओं को रोजगार हासिल करने हेतु मार्गदर्शन देना, काउंसलिंग आदि की व्यवस्था करना, सभी आनंदक मिलकर इस दिन को उत्सव के रूप में मनायें और नुक्कड़ नाटकों आदि के माध्यम से जागरूकता फैलाये। समाज सेवा के क्षेत्र में वरिष्ठ योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित तथा जरूरतमंदों को भोजन एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता इत्यादि कार्य करना शामिल है।

पी एम जी ई पी के तहत बैंक द्वारा ऋण स्वीक्रत हितग्राहियों का निःशुल्क प्रशिक्षक कार्यक्रम

  ग्वालियर, उद्यमिता विकास केन्द्र मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा आयोजित एवं राज्य कार्यालय खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग भोपाल द्वारा प्रायोजित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के तहत जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड एवं खादी ग्रामोद्योग आयोग के माध्यम से बैंकों द्वारा स्वीकृत ऋण प्रकरण के हितग्रहियों का 10 दिवसीय निःशुल्क उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 26 फरवरी से 7 मार्च 2021 तक किया जा रहा है।

    प्रशिक्षण का उद्धेश्य शिक्षित बेरोजगार युवाओं एवं युवतियों को मनोवैज्ञानिक पद्धति से स्वयं के उद्योग व्यवसाय लगाने एवं उसका सफल संचालन करने हेतु तैयार करना है, साथ ही शासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं की जानकारी एवं स्वयं के उद्योग आधार पंजीयन करने में सेडमैप द्वारा सहयोग प्रदान किया जायेगा। हितग्राही स्वरोजगार स्थापना हेतु विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा जिले में पाये जाने वाले कच्चा माल, भौतिक संसाधनों, इकाई स्थापना प्रक्रिया, समस्याओं का समाधान, विपणन कौशल, गहन बाजार सर्वेक्षण, कार्यशील पंूजी एवं नगद प्रबंधन, वस्तु की लागत एवं मूल्य निर्धारित, सम्प्रेक्षण कला, व्यावसायिक समझौते का महत्व, जीएसटी इत्यादि विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। साथ ही लोकल फॉर बोकल अभियान की ओर अग्रसर होकर अपना उद्यम स्थापित कर सकते हैं। प्रशिक्षण पश्चात विभाग द्वारा प्रमाण पत्र भी प्रदाय किया जायेगा। कार्यक्रम से संबंधित विस्तृत जानकारी उद्यमिता विकास केन्द्र मध्यप्रदेश ग्वालियर फोन नं. 0751-4012124 एवं जिला समन्वयक आर के शर्मा के मोबाइल नंबर 9893784684 पर भी प्राप्त की जा सकती है।

6091 ग्रामों में 13.36 लाख नल कनेक्शन जल प्रदाय योजना में मुरैना जिले के 22 ग्राम लाभान्वित होंगें

 जल जीवन मिशन के अन्तर्गत जल निगम द्वारा 39 जलप्रदाय योजनाओं के निर्माण का कार्य किया जा रहा है, जिसमें 6091 ग्राम शामिल हैं। इन योजनाओं में 13 लाख 36 हजार 366 नल कनेक्शन का प्रावधान है, जिससे 64 लाख 51 हजार 393 ग्रामीण आबादी को लाभ मिलेगा। इन योजनाओं की कुल लागत 2661.64 करोड़ है।  39 जल प्रदाय योजना में मुरैना जिले के 22 ग्राम सम्मिलित है। 

    परियोजना क्रियान्वयन इकाई भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, जबलपुर, राजगढ़, निवाड़ी, पन्ना, दमोह, सिवनी, शहडोल तथा सतना के अन्तर्गत ग्रामीण आबादी के लिए तैयार हो रही इन 39 जलप्रदाय योजनाओं में मुरैना के 22 ग्राम, विदिशा जिले के 105  ग्राम, रायसेन के 81 ग्राम, सीहोर के 41 ग्राम, खण्डवा के 28 ग्राम, धार के 60 ग्राम, उज्जैन के 22 ग्राम, रतलाम के 14 ग्राम, दतिया के 85 ग्राम, शिवपुरी के 32 ग्राम, जबलपुर के 193 ग्राम, नरसिंहपुर के 50 ग्राम,सिवनी के 783 ग्राम, उमरिया के 113 ग्राम, कटनी के 128 ग्राम, राजगढ़ के 1294 ग्राम, टीकमगढ़ के 226 ग्राम, पन्ना के 276 ग्राम, छतरपुर के 240 ग्राम, दमोह के 702 ग्राम, सागर के 232 ग्राम, सीधी के 31 ग्राम, अनूपपुर के 74 ग्राम, शहडोल के 155 ग्राम, सतना के 1019 ग्राम तथा रीवा जिले के 109 ग्राम शामिल हैं। 
    राज्य सरकार पूरी तत्परता और गम्भीरता के साथ यह प्रयास कर रही है कि शहरों की भाँति ग्रामीण आबादी को भी उनकी उपयोगिता के अनुसार घर पर ही नल कनेक्शन के जरिये जल की प्राप्ति हो। राष्ट्रीय जल जीवन मिशन से प्रदेश में इस कार्य को और गति मिली है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग तथा जल निगम प्रत्येक जिले के हर ग्राम और परिवार तक नल कनेक्शन के माध्यम से जल पहॅुंचाने की कार्यवाही कर रहा है। जहाँ जलस्त्रोत हैं वहाँ उन्हीं के उपयोग से और जहाँ नहीं हैं वहाँ जलस्त्रोत का निर्माण कर जल प्रदाय योजनायें बनायी जा रहीं हैं।

अशासकीय विद्यालयों की मान्यता नवीनीकरण आवेदन की अंतिम तिथि अब 31 मार्च 2021

 स्कूल शिक्षा विभाग ने अशासकीय विद्यालयों की मान्यता नवीनीकरण का आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2021 कर दी है । माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्ध समस्त अशासकीय विद्यालय आगामी 31 मार्च तक मान्यता नवीनीकरण का ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे । मान्यता नवीनीकरण शुल्क एक मुश्त या तीन किश्तों में जमा किया जा सकेगा।    

        राज्य शासन ने कोविड-19 संक्रमण और छात्रहित को दृष्टिगत रखते हुए यह निर्णय लिया है। इसके तहत मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम, 2017 के अनुसार प्रचलित प्रक्रिया से छूट प्रदान करते हुए मान्यता नवीनीकरण को 31 मार्च 2022 तक की समयावधि के लिए मान्य किया गया है। इसके पूर्व ऑनलाइन आवेदन अपलोड करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2020 निर्धारित की गई थी जिसे बढ़ाकर 31 मार्च 2021 किया गया है। जिन अशासकीय विद्यालयों ने पूर्व के निर्देशों के अनुसार सशुल्क आवेदन किए थे और उनकी मान्यता नवीनीकृत की जा चुकी है, उसे यथावत मान्य किया गया है। जो अशासकीय विद्यालयों निर्धारित आवेदन एवं शुल्क जमा कर चुके हैं किंतु उनकी मान्यता का नवीनीकरण नहीं हुआ है, उन्हें पुनः शुल्क जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। 

जीवन प्रमाण पत्र 28 फरवरी तक जमा होंगे

 कर्मचारी भविष्य निधि से पेंशन प्राप्त करने वालों के लिए जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की अवधि 28 फरवरी तक कर दी गई है। सहायक भविष्य निधि आयुक्त, भोपाल द्वारा जानकारी दी है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार, से पेंशन प्राप्त कर रहे सभी ईपीएस पेंशन धारकों के लिये कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए जीवन प्रमाण-पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी 2021 तक कर दी गई है एवं इसकी वैधता जारी होने की तिथि से एक वर्ष कर दी गई है। जिन पेंशनरों को जनवरी, 2020 के पश्चात् पीपीओ जारी किया गया है अथवा जिन्होंने दिसम्बर 2019 या उसके बाद जीवन प्रमाण पत्र बनवाया है, उन्हें संबंधित माह में अगले वर्ष डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र देना अनिवार्य होगा।   

       जिन पेंशन धारकों को जीवन प्रमाण करवाने की आवश्यकता है, वे अपने बैंक शाखा या निकटतम जन सेवा केन्द्र या निकटतम डाकघर पर अपना डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र बनवा सकते हैं। डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र हेतु अपना मोबाईल, आधार कार्ड, पीपीओ संख्या एवं बैंक पासबुक अवश्य लेकर जाएं। डिजिटल जीवन प्रमाण सफल होने की स्थिति में किसी प्रकार का दस्तावेज कार्यालय में जमा कराना या प्रेषित करना अनिवार्य नहीं है

मुरैना नगर निगम के वार्ड 23 में अब बंदरों का आतंक समाप्त


 नगर पालिक निगम के वार्ड क्रमांक 23 में पिछले दिनों बंदरों के आतंक से लोग परेशान थे। बंदरों के आतंकों को नगर निगम कमिश्नर श्री अमरसत्य गुप्ता ने गंभीरता से लेते हुये इनको पकड़ने के लिये मथुरा से टीम बुलाई गई थी, जिसमें उन्होंने प्रथम दिन 6, द्वितीय दिन 4, तृतीय दिन 19 और शुक्रवार को 11 बंदरों को पकड़कर अपने कस्टडी में लिया गया है।

गेहूं उपार्जन हेतु किसानों के पंजीयन की तिथि 25 फरवरी तक बढ़ाई

 रबी विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु ई-उपार्जन पोर्टल पर किसान पंजीयन का कार्य 25 जनवरी 2021 से 20 फरवरी तक करने की समय-सीमा राज्य शासन द्वारा निर्धारित की गई थी।

    प्रदेश के गेहूं उत्पादक समस्त किसानों के ई-उपार्जन पर पंजीयन सुनिश्चित करने के लिये किसान पंजीयन की अवधि 20 फरवरी से बढ़ाकर 25 फरवरी 2021 तक कर दी गई है।     
    किसानों से अपील की गई है कि वे निर्धारित समय-सीमा में अपना पंजीयन जरूर करा लें। 

·        ग्वालियर हाई कोर्ट के जूरिस्डिक्शन क्षेत्रांतर्गत कार्य करेगा लीगल एड क्लिनिक ·        गरीबों , लाचारों को मिल सकेगी मुफ्त कानू...