निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम की फीस प्रतिपूर्ति की तिथियां जारी

 निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत जिन गैर अनुदान मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूलों द्वारा सत्रों के प्रपोजल अभी तक तैयार नहीं किए है, उन्हें अंतिम पत्र जारी करें। इस आशय के निर्देश राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक श्री धनराजू एस ने समस्त कलेक्टर्स को जारी किए है। उन्होंने कहा कि फीस प्रतिपूर्ति के लिए संबंधित अशासकीय स्कूल द्वारा ऑनलाईन प्रपोजल तैयार करने तथा नोडल अधिकारी स्तर से सत्यापन करने एवं जिला स्तर से निराकरण की अंतिम तिथियां जारी की गई है। 

      जारी तिथि अनुसार सत्र 2017-18 में प्रायवेट स्कूल द्वारा ऑनलाईन फीस प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव तैयार करने के बाद नोडल अधिकारी द्वारा सत्यापन की अंतिम तिथि 25 फरवरी व बजट की उपलब्धता पर जिला शिक्षा केंद्र से प्रस्ताव के निराकरण की अंतिम तिथि 12 मार्च निर्धारित की गई है। वहीं सत्र 2018-19 में प्रायवेट स्कूल द्वारा ऑनलाईन फीस प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव तैयार करने की अंतिम तिथि 23 फरवरी, नोडल अधिकारी द्वारा सत्यापन की अंतिम तिथि 3 मार्च व बजट की उपलब्धता पर जिला शिक्षा केंद्र से प्रस्ताव के निराकरण की अंतिम तिथि 18 मार्च तथा सत्र 2019-20 में प्रायवेट स्कूल द्वारा ऑनलाईन फीस प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव तैयार करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी, नोडल अधिकारी द्वारा सत्यापन की अंतिम तिथि 8 मार्च व बजट की उपलब्धता पर जिला शिक्षा केंद्र से प्रस्ताव के निराकरण की अंतिम तिथि 23 मार्च निर्धारित है।
   संचालक श्री धनराजू एस ने कहा कि यदि किसी अशासकीय स्कूल की 2016-17 फीस प्रतिपूर्ति के प्रपोजल नोडल अधिकारी अथवा जिला स्तर पर लंबित है, तो उनका तत्काल निराकरण किया जाएं। जिन अशासकीय स्कूलों द्वारा इन तिथियों तक ऑनलाईन प्रपोजल तैयार नहीं किया जाता है, तो व प्रायवेट स्कूल इन तिथियों के पश्चात उस सत्र की फीस प्रतिपूर्ति के लिए पात्र नहीं होगा। साथ ही अंतिम तिथि के पश्चात पोर्टल पर फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल तैयार की सुविधा बंद की जाएगी। संबंधित प्रायवेट स्कूल को उस सत्र के प्रस्ताव तैयार करने के अभाव में शेष रहे निःशुल्क अध्ययनरत बच्चों का अध्यापन स्वयं के व्यय से कराना होगा। जिला स्तर पर परीक्षण आदि की समस्त कार्यवाही निर्धारित तिथि के पूर्व तक अनिवार्यतः पूर्ण कर ली जाएं एवं बजट उपलब्ध होने पर नियमानुसार तत्काल फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही की जाएं।

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