दस्तक अभियान के प्रथम चरण का आयोजन 11 जनवरी से 13 फरवरी 2021 तक चलेगा - कलेक्टर वर्मा

जन्म से 5 बर्ष तक के बच्चें में प्रमुख रूप से पाई जानी वाली बाल्यकालीन बीमारियों तथा गंभीर कुपोषण, अनीमिया, निमोनिया दस्त रोग, जन्मजात विकृति, विटामिन ए संबंधित बीमारियां आदि की पहचान कर उनका प्रबंधन, उपचार एवं रेफरल के माध्यम से बाल मृत्यू में कमी लाने के उद्देश्य से ‘‘दस्तक अभियान के प्रथम चरण का आयोजन 11 जनवरी 2021 से 13 फरवरी 2021 तक किया जायेगा। जिसके वेहतर क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय प्लानिंग वैठक का आयोजन कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार मुरैना पर किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.सी. बांदिल, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती उपासना राय, एन.आई. के संभागीय समन्वयक ग्वालियर संभाग मिर्जा रफीक वेग, स्वास्थ्य, महिला बाल विकास के समस्त जिला एवं ब्लॉक अधिकारीगण उपस्थित थे।    
    कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने निर्देश दिये है कि दस्तक अभियान के क्रियान्वयन में समस्त अधिकारी अपनी पूर्ण भूमिका निभायें साथ ही समय पर समस्त जन्म से पांच बर्ष तक के बच्चों का डीजिटीलाईजेशन कार्य दस्तक पोर्टल पर किया जाना सुनिश्चित करें। सुदूर अंचलों में भी एक भी बच्चा नहीं छूटना चाहिए । कार्यक्रम की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी ब्लॉक अधिकारीयों पर होगी, जिसको पूर्ण करने के लिये स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त टीम का गठन किया जावे साथ ही आशा एवं आंगनवाडी कार्यकर्ता द्वारा जन्म से 05 वर्ष के बच्चों को विटामिन ‘‘ए’’अनुपूरण हेतु आशा एवं आंगनवाडी कार्यकर्ताओं द्वारा हितग्राहियों की माताओं को पूर्व में ही घर से साफ धुली हुई चम्मच लाने हेतु सूचना दी जाये। बच्चों की माताओं, पालको, परिवार के सदस्य जो बच्चों के साथ पर रहे है, वे अपने साथ धुली हुई चम्मच अवश्य लाये। जिला स्तर पर ब्लड डोनेशन केम्प का आयोजन कर पूर्व से ही ब्लड एकत्रित किया जावे ताकी आवश्यकतानुसार समस्त हितग्राहीयों को ब्लड चढ़ाया जा सके साथ ही ब्लॉक स्तर पर प्रत्येक सप्ताह कार्यक्रम की समीक्षा कर  आवश्यक कार्यवाही समयानुसार की जाये।
    एन.आई. के संभागीय समन्वयक मिर्जा रफीक वेग ने बैठक में बताया की दस्तक अभियान के दौरान इस वर्ष 2020 दस्तक अभियान के प्रथमचरण का आयोजन 11 जनवरी से 13 फरवरी 2021 तक किया जा रहा हेै, जिसमें एएनएम, आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाडी कार्यकर्ता की संयुक्त टीम द्वारा घर भ्रमण कर जन्म से 5 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे की जांच कर दस्तक अभियान अभियान के तहत स्वास्थ्य एवं एकीकृत बाल विकास सेवायें के संयुक्त दल द्वारा 5 वर्ष तक उम्र के बच्चों वाले परिवारों के घर पर स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं की दस्तक दी जायेगी। 5 वर्ष तक उम्र के बच्चों में प्रायः पाई जाने वाली बीमारियों की सक्रिय पहचान सुनिश्चित की जायेगी। जिनमें निम्न सेवायें प्रदान की जावेगी समुदाय में अभियान के दौरान बीमार नवजातों और बच्चों की पहचान, प्रबंधन एवं रेफरल, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों मंे शैशव एवं बाल्यकालीन निमोनिया की त्वरित पहचान, प्रबंधन एवं रेफरल, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों मंे बाल्यकालीन दस्तरोग के नियंत्रण हेतु ओ.आर.एस. एवं जिंक के उपयोग संबंधी समझाईश व प्रत्येक घर में ओ.आर.एस. पहॅुचाना, 5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान रेफरल एवं प्रबंधन, 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में गंभीर एनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों की पहचान, 9 माह से 5 वर्ष तक के समस्त बच्चों को विटामिन ए अनुपूरण, गृहभेंट के दौरान आंशिक रूप से टीकाकृत व छुटे हुये बच्चों की टीकाकरण स्थिति की जानकारी लेना, समुचित शिशु एवं बाल आहार पूर्ति व्यवहार को बढ़ावा, एस.एन.सी.यू एवं एन.आर.सी से छुट्टी प्राप्त बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग तथा फॉलोअप को प्रोत्साहन सेवायें प्रदान की जावेंगी। 
    बैठक में सीएमएचओ डॉ. बांदिल ने बताया की बीमारी के लक्षण वाले गंभीर कुपोषित बच्चों को निकटस्थ एन.आर.सी. में संदर्भित किया जाये। दस्तक अभियान में चिन्हित बच्चों के सैम यूनिक नम्बर के आगे अंकित किया जाये। विभिन्न संस्था स्तर पर दस्तक बच्चों के रेफरल व स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी उपरांत फॉलोअप अपडेशन की कार्यवाही संस्था स्तरीय डेटा एन्ट्री ऑपरेटर द्वारा सुनिश्चित की जाये। जिला अस्पताल स्तर पर आर.एम.ओ. व आर.बी.एस.के कोर्डिनेटर रेफर्ड बच्चों के व्यवस्थापन हेतु उत्तरदायी होंगे। प्रतिदिन जिला अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञों के दैनिक रोस्टर नाम व संपर्क नम्बर के साथ प्रदर्शित की जाये ताकि रेफर्ड बच्चों में किसी भी आकस्मिकता की स्थिति में तुरंत संपर्क साधा जा सके। 

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