अभ्युदय आश्रम में निर्माण और विकास या कल्याण संबंधी समाचार से ग्वालियर टाइम्स इत्तफाक नहीं रखती, यह एक अवैध भवन में संचालित अवैध आश्रम है

 अवैध रूप से अवैध भवन में संचालित है , अभ्युदय आश्रम , यह भवन भारत सरकार की मिल्कियत , कामकाजी महिला छात्रावास के रूप में संचालित है यहां भारत सरकार का कामकाजी महिला छात्रावास , 52 महिलाओं के रहने , टी वी , फैक्स मशीनें और तमाम साजो सामान से सुसज्जित है यह भवन , भारत सरकार से मुरैना नगरपालिका द्वारा सन 1983-84 के वित्तीय सत्र में इस कामकाजी महिला छात्रावास को बनवाने के लिये अनुदान लिया था , इसकी निरीक्षण रिपोर्ट , कंपलीशन रिपोर्ट और इसमें उपलब्ध सारी सुविधाओं , मशीनरी , साजो सामान , फर्नीचर आदि सहित इसमें रह रही 52 महिलाओं की निरीक्षण रिपोर्ट के दस्तावेज ग्वालियर टाइम्स के पास उपलब्ध हैं , इसमें रह रहीं रातों रात 52 महिलायें अचानक गायब हो गयीं ( या उनकी ह्यूमन ट्रेफिकिंग की गयी , खैर जो भी हुआ हो ) भारत सरकार के दस्तावेजों में इस भवन के लिये जगह लेने तथा  भवन निर्माण के लिये स्थाई अनुदान राशि के साथ इसके संचालन के लिये हर साल अलग से अनुदान आता है, जो कि भारत सरकार के दस्तावेजों में अभी तक चालू है , भारत सरकार के इस भवन का इस्तेमाल किसी भी अन्य दूसरी योजना के लिये या अन्य किसी काम के लिये नहीं किया जा सकता , कलेक्टरों द्वारा इसमें किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति या आदेश किसी को भी नहीं दिया जा सकता । यह उनके अधिकार एवं कार्यक्षेत्र के बाहर की आज्ञायें व अनुज्ञप्तियां हैं । बहरहाल वस्तुस्थति जाने बगैर और गुमराह होकर इस भवन के किसी अन्य योजना के लिये निरीक्षण किये जाने और किसी भी प्रकार का कोई भी आदेश या निर्देश दिये जाने संबंधी उपरोक्त समाचार से ग्वालियर टाइम्स कोई भी इत्तफाक नहीं रखती और न किसी भी प्रकार की सहमति रखती है , एक ही भवन जिसका स्वामी केन्द्र की भारत सरकार है , उसमें मूल योजना गायब कर राज्य सरकार की अन्य योजना , जाबालि परियोजना के तहत संचालित अभ्युदय आश्रम को अलग से भूमि खरीदने , भवन निर्माण करने का अलग से 100 प्रतिशत फंड काफी पहले सन 1991-92 में ही मिल चुका है , इसके बावजूद किसी अन्य योजना के भवन को खुद का बताकर भारत शासन और मध्यप्रदेश शासन के साथ डबल क्रॉस किया गया है , जिससे ग्वालियर टाइम्स कोई भी इत्तफाक व सहमति और सहयोग नहीं रखती है ।

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