ग्राम बरेह के मुरारी के मकान में संचालित दूध कारोबार पर खाद्य विभाग का छापा, मेहनत और ईमानदारी से बेईमानी और जहर बांटने पिलाने तक रातों रात खााकपति से करोड़पति बनने की एक दास्तां मुरारी त्यागी

ग्राम पंचायत बरेह का ही खुद बरेह  गांव , अम्बाह तहसील का एक गांव , मशहूर और सबसे बड़ी ग्राम पंचायत बरेह । पुराने रजवाड़े के समय की एक जागीर , पूरे 12 गांव की जागीर , ऐसाह गढ़ी और बाद में ग्वालियर पर राज्य करने वाले , उसके बाद ऐसाह,रूधावली और फिर बरेह बसाने वाले और उस पर राज्य करने वाले तोमर राजवंश के महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर और वीरमदेव यानि देववरम यानि वीर सिंह देव के उत्तराधिकारीयों और वंशजों की सल्तनत और तोमरघार का बीसा सौं क्षेत्र , करीब सन 1963 तक कायम रही जागीर , इतने भवरू इतिहास के साथ , सिंधिया के ग्वालियर शासन काल में खुद जीवाजी राव सिंधिया ने आकर डाकू मवसिया नाई को बरेह के पीपल पर दी फांसी और मवसिया नाई मरने से पहले कहे गये अंतिम तीन वचनों में द्वारा ब्राह्मणों पर लगाया गया जगत प्रसिंद्ध कलंक , ऐसे अनेक मामले और भरपूर इतिहास से समृद्ध है यह बरेह जागीर । 

जिन लोगों ने मवसिया नाई को चुगल मुखबिरी कर पकड़वाया वे वही ब्राह्मण थे जो आज फिर दूध के नकली धंधे में पकड़े गये हैं । बरेह क्षेत्र में ऋषिश्वर या ऋषिखुर ब्राह्मणों के नाम से या इन्हें सामान्यत: त्यागी सरनेम लगाने वाले या आज आमतौर पर शर्मा सरनेम लिखने की आदत होती है , लेकिन ग्राम देहातों में , सनाढ्य , कान्यकुब्ज , और ऋषिखुर ये तीन अलग अलग ब्राह्मणों की श्रेणियां हैं , चौथी श्रेणी अब बन गई है गौड़ यानि बढ़ई जाति की जो खुद को ब्राह्मण कहते और शर्मा सरनेम लगाते हैं  । खैर क्रमश: एक के बाद एक निम्नतर और ब्राह्मणों में घटता दर्जा व हेय में ऋषिखुर पहले सबसे अंत में आते थे , ब्राह्म बाढ़ईयों के बाद ये अब तीसरे नंबर पर आते हैं ।    

ब्राहम्णों में हेय समझे जाने वाले ब्राह्मणों में इन्हीं ऋषिखुरों के पूर्वजों ने डाकू मवसिया नाई को चंद धन दौलत के लालच में सिंधिया की मुखबिरी कर गिरफ्तार करवा दिया था और उसे बरेह के पीपल पर फांसी दे दी गई थी । और उसने भरी जनता के सामने फांसी लगते समय तीन बातें उस पीपल से कहीं थीं , जिसमें ब्राह्मणों को अविश्वसनीय , धोखेबाज और गद्दार बताते हुये इन पर कभी भी भरोसा और विश्वास न करने तथा कि सब पर भरोसा व विश्वास कर लेना मगर कभी किसी भी ब्राह्मण का भरोसा और विश्वास मत करना । जैसी तीन बातें कहने वाले और अब फिर खाद्य विभाग के छापे में उनके ही वंशज का नकली व जहरीला दूध बनाते और बेचते पकड़ा जाना खैर बरेह क्षेत्र के माथे पर एक ही परिवार द्वारा लगाया गया यह तीसरा कलंक है । 

दूसरा कलंक एक हरिजन महिला को उसके पति से छीन कर अपनी रखैल बना कर रखने के मामले में बरेह के पूर्व सरपंच रहे अजब सिंह तोमर के परिवार और ब्राह्मणों के बीच गोलबारी और कुद हत्यायें हो चुकीं हैं । जिसमें सरपंच अजब सिंह तोमर अपने खानदान सहित मर्डर करने के बाद कई बरस तक फरार और चंबल की दहशत बन कर रहे । 

अब यह नकली और जहरीला दूध का मामला सामने आते ही यह तीसरा कलंक इस क्षेत्र पर लग गया है । मुरारी लाल शर्मा काफी सीधे सरल आदमी थे , घर भी महज एक झोंपड़ी , एक छान छप्पर जिसमें ईंटों की दीवालें , बस इतने में ही गुजर बसर करने वाले मुरारी के पुरखों का एक डेढ़ बीघा का खेत जिसमें पहले चारों ओर एक खाई पर लगे बागड़ नुमा सरसों के तिनसठे , बस इतनी ही संपत्ति और घर के बगल में एक पोखरनुमा शाश्वत पानी से बारह महीनों भरा हुआ डबरा या छोटा सा ताल , आहिस्ते आहिस्ते तरक्की और दूध गांव गांव से इकठ्ठा कर के अंबाह डेयरियों पर और घरों में सायकल और टंकी से सप्लाई करना , उससे हुई कमाई से एक रूई धुनाई की मशीन और फिर एक तेल पिराई का स्पेलर लगवाने तक मुरारी लाल ने खूब मेहनत की और ईमानदारी बरती , लेकिन नई पीढ़ी और विज्ञान की नयी तरक्की के साथ ही , असली दूध गांव गांव से इक्ठ्ठा करना बंद और घर में ही नकली केमिकल दूध और खोआ , पनीर बनाने का काम शुरू कर दिया । 

अंतत: खाद्य विभाग ने बरसों से चल रहे जहर इस व्यापार पर छापा मारा और पकड लिया , ग्राम पंचायत बरेह के लोगों से इस संबंध में बातचीत कर ग्वालियर टाइम्स ने फीडबेक लिया तो सभी ने बताया कि प्योर जहर बनाता और बेचता था , पकड़ा अब गया है । अभी तो ऐसे बहुत हैं जो रोजाना जहर बना और बेच रहे हैं , अब देखों कि वे कब पकड़े जाते हैं । 

खैर कार्यवाही की पूरी खबर निम्नानुसार है - राज्य शासन द्वारा चलाये जा रहे शुद्ध के लिये शुद्ध मुहिम के तहत कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा के निर्देशन में खाद्य सुरक्षा अधिकारी दल बुधवार को थरा ग्राम साधू का पुरा, बरेह, अंबाह स्थित पंकज शर्मा पुत्र श्री मुरारीलाल शर्मा के मकान में संचालित दूध करोबार पर छापा डाला गया। मकान में संचालित डेयरी 300 लीटर दूध संग्रहित पाया गया एवं दूध में मिलाने हेतु मालटो डेक्सट्रिन पाउडर 15 किलो एवं मालटो डेक्सट्रिन पाउडर का घोल एवं हाइड्रोजन ऑक्साइड 20 किलो संग्रहित रखे पाये गये। दूध, मालटो पाउडर एवं घोल के तीन नमूने जांच हेतु लेकर मालटो डेक्सट्रिन पाउडर एवं हाइड्रोजन पैरोक्साइड को जप्त किया गया है। जप्त की गई सामग्री की कीमत 1600 रूपये है। दल में श्री धर्मेन्द्र कुमार जैन, श्री अवनीश गुप्ता, रेखा सोनी एवं श्री महेन्द्र सिंह सिरोहिया खाद्य सुरक्षा अधिकारी उपस्थित थे।


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