जब बात और सवाल उठे तो भ्रम पैदा करने वाला बहाना लगा दिया , असलियत यह है कि नई बसाहट में नहीं , मुरैना शहर से महज एक किलोमीटर के फासले के मूल गांवों और मजरों टोलों तक ही आजादी से अब तक अभी बिजली नहीं पहुंची है

 जिले में छूटी हुई ऐसी बसाहट जिनमें विद्युत संरचना का कार्य नहीं हुआ है के संबंध में स्पष्टीकरण 

विधायकगण एवं ग्रामवासियों के कार्य के संबंध में लगातार शिकायतें प्राप्त हो रहीं है, वस्तुस्थिति यह कि पूर्व संचालित विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अन्तर्गत सेन्सस में सम्मिलित जिले के सभी ग्रामों एवं मजरे टोलों में सघन विद्युतीकरण का कार्य संपादित कराया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्र की ऐसी वसाहट का विद्युतीकरण जो कि गांव से बाहर निर्मित कर ली गई है अथवा खेतों में मकान बना लिये गये है। ऐसे क्षेत्रों के लिये सघन विद्युतीकरण की कोई योजना नहीं है। चूंकि इन बसाहटों पर कृषि पम्प हेतु कृषि फीडर से 10 घंटे विद्युत प्रदाय की जाती है। खेतों में वसे घरों जहां पर कृषि पंप विद्युत कनेक्शन लगें है। वहीं पर आबादी लाइन 24 घंटे का विस्तार करने की तकनीकी साध्यता नहीं है। ऐसे क्षेत्रों में सघन विद्युतीकरण के कार्य हेतु कार्य योजना जिसकी अनुमानित लागत 34.00 करोड़ रूपये है। वरिष्ठ कार्यालय को स्वीकृति हेतु प्रेषित कर दी गई है। वर्तमान में उक्त वसाहटों को विद्युतीकरण हेतु कोई योजना नहीं है।

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