सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को फोर्स क्लोज करना उसका निराकरण नहीं - कलेक्टर

मुरैना , शासन सरकार और कलेक्टर बदलते ही , शासन
की कार्यप्रणाली मेंं बदलाव साफ नजर आने लगा है,  पूर्व   कलेक्टर प्रियंका दास जहां सी एम हेल्पलाइन की हर शिकायत को फोर्सली क्लोज करने का सार्वजनिक आदेश देतीं थीं वहीं अब वर्तमान कलेक्टर ठीक इसके उलट सी एम हेल्पलाइन की शिकायतों को फोर्सली क्लोज करने को गलत कह रहे हैं । 

कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने समस्त जिला अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये है कि अधिकारी सीएम हेल्पलाइन को फोर्स क्लोज न करायें, फोर्स क्लोज कराना सीएम हेल्पलाइन का हल नहीं है। यह निर्देश उन्होंने मंगलवार को देर रात तक चली सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिये। इस अवसर पर अपर कलेक्टर, एसडीएम, समस्त जिलाधिकारी, जनपद सीईओ एवं सभी नगरीय निकायों के सीएमओ उपस्थित थे।    
    

कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने कहा कि पिछली टीएल बैठक में सीएम हेल्पलाइन को 50 प्रतिशत कराने करने के निर्देश सभी अधिकारियों को दिये थे, जिसमें कुछ अधिकारियों ने इसमें रूचि ली है, जबकि कुछ अधिकारियों ने इस कार्य को प्राथमिकता नहीं दी है। ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है, उनके खिलाफ कार्रवाही होगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास में 1177 शिकायतें अभी भी पोर्टल पर दिख रहीं है, जिसमें कैलारस की 228, जौरा की 212, पहाडगढ़ की 167, पोरसा की 187, सबलगढ़ की 210 और मुरैना की 126 शिकायतें दिख रहीं है। अधिकारी प्राथमिकता के साथ निराकरण करें। कलेक्टर ने कहा कि लोक शिक्षा की 126, पीओ डूडा की 181, जबकि एमपीईबी की 215 शिकायतें पोर्टल पर दिख रहीं है। लोक स्वास्थ्य की 112 शिकायतें कम हुई है, जबकि नरेगा की 25 शिकायतें कम की गई है। वहीं एलडीएम ने 4, इलेक्शन ने 12 तथा पीएम आवास की 7 शिकायतें कम की है। उन्होंने कहा कि पीएम आवास की 100 शिकायतें परीक्षण में अपात्र पाई है, उन्हें फोर्स क्लोज कराया जाये। कलेक्टर ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन को कम करके 5 हजार तक लाना है।
    कलेक्टर ने कहा कि नगर निगम की तर्ज पर सभी नगरीय निकायों में आवास निर्माण किये जायेंगे, इसके लिये सभी सीएमओ अपने-अपने नगरीय निकायों में शासकीय पट्टे देखकर भूमि संज्ञान में लें। 
    कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने टीएल बैठक की समीक्षा की। जिसमें समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन विभागों में टीएल पत्र लंबित है। उन्हें अधिकारी निराकरण करायें, अगली टीएल बैठक में लंबित पत्रों की समीक्षा अधिक पाई जाती है तो उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाही की जायेगी।
    कलेक्टर ने कहा कि जिले में नवीन पात्रता पर्ची पिछले माह सितम्बर में जारी की गई थीं किन्तु कई पात्रता पर्चीधारियों ने पिछले माह खाद्यान्न का उठाव नहीं है, इसके लिये जिला खाद्य कार्यालय से टेलीफॉन द्वारा कॉल किये जायें और उन्हें खाद्यान्न लेने के लिये अवगत कराया जाये।

 

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