ढ़ाई वर्ष की रिचा सरकारी खर्च से कुपोषण से हुई मुक्त - एक गरीब की कहानी सरकारी कृपा पाकर बेहाल बिटिया हुई निहाल

ढाई वर्ष की नन्ही बेवी रिचा अब कुपोषित नहीं रही। पोषण पुनर्वास केन्द्र मुरैना में भर्ती करके, सरकारी खर्च पर उसका गहन उपचार किया गया, अब वह पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गई है। रिचा का उपचार डॉ. कुशवेन्द्र सिंह की देखरेख में हुआ। 
    मुरैना के प्रेमनगर निवासी रिचा के पिता श्री रामनिवास जाटव ने बताया कि नन्ही ढाई वर्ष की रिचा कुपोषित होने के कारण पूरा परिवार बहुत परेशान था। मेरे लिये मजदूरी करके दो जून की रोटी कमाना मुश्किल है, ऐसे में बेटी की कुपोषण की स्थिति को देखकर, ऐसा लगता था कि बेटी बच पायेगी या नहीं।   
    रामनिवास जाटव ने बताया कि एक दिन मेरी पत्नि श्रीमती पाचोबाई की चर्चा आंगनवाडी कार्यकर्ता से हुई। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने बच्ची को सीधे पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती करा दिया, जहां बच्ची का बजन लेने पर बच्ची 7 किलो 100 ग्राम पाई गई। बांह का नाप 11.4 सेन्टीमीटर, हाइट ग्रेड 76 सेन्टीमीटर पाई गई। 
    बच्ची रिचा का प्रतिदिन सरकारी खर्च पर गहन उपचार किया गया। पोषण पुनर्वास केन्द्र मुरैना पर बच्ची को दवाईयों के साथ दूध पाउडर, स्पेशल फूड और उचित पोषण आहार दिया गया। दिनांक 21 सितम्बर से 26 सितम्बर 2020 तक बच्ची का बजन 8 किलो 200 ग्राम हो गया, वांह का नाप 11.4 के स्थान पर 11.6 सेन्टीमीटर और ग्रेड  हाइट 76 सेन्टीमीटर से 76.5 सेन्टीमीटर हो गई। जो कुपोषण की श्रेणी से ऊपर है। अब बच्ची रिचा पूरी तरह स्वस्थ्य होकर हंसती खेलती है। सरकार द्वारा पोषण पुनर्वास केन्द्र में बच्ची का किया गया उचित उपचार से मैं और मेरी पत्नि पाचोबाई बहुत खुश है। हमारा एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ। वास्तव में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की स्वास्थ्य योजनायें गरीबों, बेसहारा लोंगो के लिये बहुत ही उपयोगी साबित हो रही है।   

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