निमोनिया जानलेवा हो सकता है बच्चों को निमोनिया से बचायें - डॉ. आरसी बांदिल ( मुख्य चिकित्सा अधिकारी , मुरैना)

 मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरसी बांदिल, सिविल सर्जन डॉ. एके गुप्ता ने बताया है कि शीत ऋतु में ठंड ने दस्तक दे दी है, ऐसे में 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों में निमोनिया के लक्षण दिखाई देने उपचार में देरी नहीं करें। बच्चों में बुखार, खांसी, स्वांस तेज चलना, पसली चलना निमोनिया के लक्षण है। ऐसे लक्षण होने पर तुरंत बच्चों को चिकित्सक, निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाये और ठंड से बचाव के लिये आमजन से आग्रह किया है कि बच्चों को दो तीन परतों में गर्म कपडे़ पहनायें, ठंडी हवा से बचाव के लिये शिशु के कान ढखें। तलुओं को ठंडे पन से बचाव के लिये पैरो में गर्म मौजे पहनायें, निमोनिया के उपचार के लिये आवश्यक औषधियां अस्पताल में निःशुल्क उपलब्ध है। चिकित्सक के परामर्श अनुसार निमोनिया का पूर्ण उपचार कराये तथा बच्चे को निमोनिया से बचाये।
 एक या दोनों फेफड़ों में वायु का थैलियों का संक्रमण।

क्या स्थिति चिकित्सा के योग्य है?
एक चिकित्सा पेशेवर द्वारा इलाज योग्य है
क्या निदान के लिए लैब टेस्ट या इमेजिंग की आवश्यकता है?
अक्सर लैब टेस्ट या इमेजिंग की आवश्यकता होती है
पुनर्प्राप्ति के लिए लिया गया समय
हफ्तों या महीनों तक रह सकते हैं
क्या वैक्सीन देवारा स्थिति को रोका जा सकता है?
टीके द्वारा रोका जा सकता है
स्थिति कैसे संचरित होती है?
श्वसन बूंदों के माध्यम से संक्रमण
स्थिति हाइलाइट
इलाज न होने पर भयानय और जानलेवा हो सकता है
स्थिति हाइलाइट
तत्काल चिकित्सा की सलाह दी जाती है


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