सायबर कानून की लागू होने वाली धारायें , जो आप पर असर डालतीं हैं जानना जरूरी है आपके लिये, पुलिस न लिखे एफ आई आर तो क्या करें
हमारे कानून-
भाग -1
नरेन्द्र सिंह
तोमर ‘’आनंद’’
धारा 66 A रद्द की जाकर उसका क्रियान्वयन और
अनुपालन रोक दिया गया है इसलिये उसका जिक्र यहां नहीं किया जायेगा
पुलिस अगर
रिपोर्ट दर्ज न करे तब क्या करें – सुप्रीम कोर्ट द्वारा ललिता कुमारी बनाम बिहार राज्य मे
दिये गये आदेश के और दिशा निर्देशों के उपरांत भारतीय दंड संहिता यानि इंडियन पैनल
कोड में धारा 166 (क) का इजाफा किया है और रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार करने , टालने और रिपोर्ट किसी भी भांति से
सूचना मिलने पर भी दर्ज न करने पर उस पुलिस अधिकारी के विरूद्ध आई पी सी की धारा
166 (क) का अपराध पंजीबद्ध किया जाता है , तथा अन्य धारायें
जैसे अभियुक्त को सरक्षण देना व बचाना या अपराध में सहभागी होना जैसे अपराध भी साथ
में पंजीबद्ध किये जाते हैं , इसके लिये जिला सत्र न्यायालय
में आवेदन देकर अपनी पीड़ा दर्ज करायें और जिला न्यायालय उस पुलिस अधिकारी के
विरूद्ध धारा 166(क) का अपराध पंजीबद्ध करेगा , इस धारा में
प्रकरण दर्ज होने के उपरांत शासकीय कर्मचारीयों और लोकसेवकों के विरूद्ध सी आर पी
सी की धारा 195 व 197 के तहत लोकसेवक को संरक्षण प्राप्त नहीं होता है और उसे
गिरफ्तार करने का प्रावधान है
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 में
निम्नलिखित संशोधन किये गये और सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनयम 2008 कहा जाता है
– निम्न प्रावधान जोड़े गये हैं , यह प्रावधान सन 2009 से
पूरे देश में लागू हैं -
66 बी - चोरी का कंप्यूटर और चोरी की डिवाइस प्राप्त करना या / और इस्तेमाल करना -
3 साल का कारावास और 5 लाख का जुर्माना
66- सी - किसी के डिजिटल सिगनेचर का कपट पूर्वक ओश्र बेईमानी पूर्वक बनाना या
प्राप्त करना , किसी का
पासवर्ड कपटपूर्वक बनाना या प्राप्त करना - 3 साल का कारावास और 5 लाख का जुर्माना
66 डी -
किसी के द्वारा किसी डिवाइस से , किसी कंप्यूटर से , मोबाइल सेल फोन से ,किसी अन्य के साथ धोखाधड़ी करना , ठगी करना ,
या अन्य प्रकार से नुकसान पहुंचाना - 3 साल की कैद और एक लाख रूपये
जुर्माना
66 ई -
किसी व्यक्ति के प्रायवेट फोटो खीचना , वीडीयों बनाना या/ और उनका प्रसारण या वितरण करना , किसी
व्यक्ति की सहमति लिये बगैर , उसकी स्वेच्छा के बगैर जो कोई
भी ऐसा करेगा उसे 3 साल का कारावास और 2 लाख रू का जुर्माना
66 ई में - केप्चर का अर्थ , किसी
के फोटो , वीडियो , विजुअल्स आदि शामिल
हैं , जिसमें आडियो तथा , फिल्म तथा
अन्य किसी भी भांति से रिकार्डिंग करना शामिल है
प्रसारण या वितरण का अर्थ किसी भी भांति से दूसरे किसी व्यक्ति या
व्यक्तियों तक पहुचानाया देना या आदान प्रदान करना है
प्रायवेट एरिया का अर्थ - नग्न , अंडर गार्मेंट में , लंगोट या चड्डी में , बनियान या ब्रेसियरी में , किसी के कूल्हे या बटक ,
स्त्री के स्तन या छाती दिखाना या उसका फोटो , वीडियो या अन्य प्रकार से किसी भी प्रकार से आडियो या विजुअल रिकार्ड करना
प्रायवेसी वायोलेशन या निजता भंग का अर्थ - कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी हो चाहे प्रायवेट
प्लेस में जहां वह निंश्चिंत होकर अपने कपड़े बदलता या स्नानादि या शौचादि करता है
या वह किसी भी पब्लिक प्लेस पर है , उसके किसी भी प्रायवेट पार्ट या उसके अपमान करने वाले , या उसकी छवि खराब करने वाले और किसी प्रायवेट कार्य का चित्रण या
रिकार्डिंग आदि करना या अगर स्त्री है तो उसकी लज्जा भंग करना या उसे कामुक रूप
में प्रदर्शित करना आदि
66 एफ -
किसी अधिकृत व्यक्ति को उसके कंप्यूटर या डिवाइस या मोबाइल की एक्सेस से रोकना या
बाधा डालना या बाधित कर वंचित करना तथा अनाधिकृत होकर भी किसी कंप्यूटर या डिवाइस
या मोबाइल में जबरन एक्सेस करना , एक्सेस की कोशिश करना , पेनेट्रेट करना , किसी व्यक्ति को या उसके सिस्टम को क्षति पहुंचाना , कंप्यूटर या डिवाइस या मोबाइल या सिस्टम को नुकसान या क्षति पहुंचाना ,
किसी को आत्महत्या करे के लिये बाध्य करना , प्रेरित
करना , या किसी की इन कारणों से मृत्यु होना , उसके जीवन के लिये आवश्यक वस्तुओं , आवश्यक चीजों की
सप्लाई रोकना या सप्लाई बाधित करना या गतिरोध डालना या अन्य प्रकार से भयभीत या
आतंकित करना , उसके डाटा को चुराना किसी भी प्रकार से उसके
डाटाबेस को नुकसान या क्षति पहुंचाना यह सभी कार्य सायबर टेरेरिज्म , सायबर आतंकवाद होंगें - आजीवन कारवास ( जीवन रहने तक मृत्यु तक )
67 - ए - नंगी फिल्में ,ब्ल्यू
फिल्म या कामोत्तेजक दृश्य या फिल्म या अन्य प्रकार से सेक्सुली इन्वोल्व्ड या
सेक्स दृश्य या अर्धनग्न दृश्य को प्रकाशित या प्रसारित करेगा या ट्रांसमिट करेगा
वह कम से कम पहली बार दोषी पाये जाने पर 5 साल के कारावास और दस लाख रूपये के
जुर्माने से दंडित होगा और यदि वह दूसरी बारऐसा करता हुआ दोषी पाया गया तो 7 साल
के कारावास और दोबारा दस लाख रूपये के जुर्माने से दंडित होगा ।
67 - बी - बच्चों के सेक्सुअल उत्प्रेरण आमंत्रण व शोषण से संबंधित है ( बच्चों का
नग्न व अश्लील प्रदर्शन, फोटो
, वीडियो , आडियो आदि का अश्लील
प्रसारण व प्रकाशन, उनकी पहचान खोलना , बच्चों को सेक्स के लिये उकसाना , बहलाना , फुसलाना , आमंत्रित करना , उन्हें
लोभ लालच या भय दिखाकर उनकी पोर्नोग्राफी करना , इंटरनेट या
अन्य किसी माध्यम से उनका प्रकाशन या प्रसारण करना , अन्य
किसी भी चित्र या आडियो विजुअल माध्यम से बच्चों में ऐसी प्रवृत्ति या आदत डालने
का प्रयास करना , या उन्हें किसी भी भांति से सेक्स या सेक्स
एक्टिविटी दिखाना , देखने हेतु बाध्य करना , या प्रोत्साहित करना आदि जैसे अपराध इसमें शामिल हैं ( इसका विशद विस्तार
हम यहां नहीं दे रहे हैं , लेकिन अगर आपके आसपास यह कहीं भी
हो रहा है तो या तो नेशनल सायबर क्राइम रिपोर्टंग ब्यूरो , गृहमंत्रालय
भारत सरकार को ऑनलाइन रिपोर्ट करें या उनके ट्विटर पर आफिशियल हैंडल ‘’ सायबर दोस्त’’ को रिपोर्ट करें या अपने राज्य की
पुलिस के सायबर सेल को आनलाइन रिपोर्ट करें , यह रिपोर्ट आप
अपनी पहचान छिपा कर भी कर सकते हैं और एनोनीयमस यानि अज्ञात व्यक्ति के रूप में भी
रिपोर्ट कर सकते हैं ।
सूचना प्रौद्योगिकी
अधिनियम 2000
धारायें -
4 - लीगल
मान्यता या वैधानिक मान्यता किसी इलेक्ट्रानिक अभिलेख की
1. वह
अभिलेख आनलाइन उपलब्ध होता है / हुआ है या हो रहा है
2.
वह दस्तावेज या अभिलेख फ्रिक्वेण्टली एक्सेस होता है / किया गया है
66 - हैकिंग
- 3 साल कारावास और 2 लाख रूपये जुर्माना
71 -
डिजिटल सिगनेचर का इस्तेमाल किसी गलत या गैर कानूनी या गुमराह करने के लिये या
किसी असत्य व मिथ्या तथ्य वाले दस्तावेज पर किया गया तो तीन साल कारावास और दो लाख
रूपये का जुर्माना होगा
74 - धोखाधड़ी
/ जालसाजी के लिये डिजिटल सिगनेचर का इस्तेमाल करना - 2 साल की कैद और एक लाख रू
का जुर्माना
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